देहरादून: प्रदेश के राजकीय अस्पतालों (Uttarakhand Government Hospital) में अब मरीजों की विभिन्न पैथेलॉजी जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है. पहले जहां 207 जांच की जाती थी, वहीं अब 258 जांच निःशुल्क की जायेगी. राज्य के पर्वतीय जनपदों में खुशियों की सवारी का विस्तार करते हुये वाहनों की संख्या बढ़ायी जायेगी. वहीं स्वास्थ्य विभाग में पुरानी हो चुकी एम्बुलेंस को शव वाहन के तौर पर इस्तेमाल किया जायेगा. स्वास्थ्य विभाग को तबादला एक्ट से अलग रखने के लिये प्रस्ताव कैबिनेट में लाने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये गये हैं.
स्वास्थ्य महानिदेशालय (Uttarakhand Directorate General of Health) में आयोजित समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister Dr Dhan Singh Rawat) डॉ. धन सिह रावत ने स्वास्थ्य विभाग को तबादला एक्ट से बाहर करने के लिये कैबिनेट में प्रस्ताव लाने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं आवश्यक सेवाओं के अंतर्गत आती है, जहां पर चिकित्साकों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ का स्थानांतरण जरूरत के अनुसार करना पड़ता है. स्वास्थ्य विभाग के तबादला एक्ट के अधीन होने से विभाग में स्थानांतरण को लेकर कठिनाईयां पैदा होती हैं.
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जिसे दूर करने के लिये विभाग को तबादला एक्ट से बाहर रखना जरूरी है. प्रदेश में निःशुल्क पैथेलॉजी जांचों का दायरा बढ़ाते हुए अब राजकीय अस्पतालों में 207 के स्थान पर 258 जांचे निःशुल्क की जायेगी. ताकि अधिक से अधिक मरीजों को इसका लाभ मिल सके. इसके अलावा पर्वतीय जनपदों में खुशियों की सवारी का दायरा बढ़ाया जायेगा. ताकि विषम भौगोलिक परिस्थिति वाले क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में लाने व वापस घर पहुंचाने में बेहतर सुविधा मिल सके.
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स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सूबे में पुरानी हो चुकी राज्य सेक्टर की एम्बुलेंस वाहनों को शव वाहन के रूप में परिवर्तित कर इस्तेमाल में लाया जायेगा. उन्होंने अधिकारियां को 108 सेवाओं को और बेहतर बनाने के साथ ही उनके रिस्पॉस टाइम को निश्चित करने के निर्देश दिये. बैठक में विभाग द्वारा संचालित 104 टेली कंसल्टेंसी सेवा सहित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई. अधिकारियों द्वारा बताया गया कि इस योजना के तहत औसतन 300 कॉल प्रतिदिन प्राप्त हो रही है जबकि विभाग द्वारा लगभग चार हजार लोगों से संपर्क कर स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी जा रही है.