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उत्तराखंड में आज से खुलेंगे 10वीं और 12वीं कक्षा के स्कूल, ये रहे नियम - उत्तराखंड में आज से खुलेंगे 10वीं और 12वीं कक्षा के स्कूल

उत्तराखंड में आज से 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए स्कूल खुलने जा रहे हैं. तमाम एहतियातों के साथ स्कूलों को खोलने के निर्देश दिए गए हैं. इसके लिए राज्य सरकार ने गाइडलाइन भी जारी की है.

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Published : Nov 2, 2020, 7:54 AM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में कोरोना संकट के बीच आज से 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए स्कूल खोले जाएंगे. इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. एसओपी के मुताबिक बच्चों को जबरन स्कूल नहीं भेजा जाएगा. स्कूलों को अभिभावकों से अनुमति लेनी होगी. जो छात्र स्कूल नहीं जाना चाहते हैं, वो ऑनलाइन पढ़ाई कर सकते हैं. वहीं, स्कूल में छह फीट की दूरी के सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन, मास्क और स्कूलों को सैनिटाइज करने के निर्देश दिए गए हैं.

बता दें कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को दून विश्वविद्यालय में आयोजित समारोह के बाद स्कूल खोलने को लेकर एसओपी जारी होने की बात कही थी. इस दौरान उन्होंने कहा था कि जिन छात्र-छात्राओं के बोर्ड एग्जाम हैं, पहले उनकी क्लास शुरू होगी. इन बच्चों के अनुभव के आधार पर धीरे-धीरे अन्य बच्चों के लिए भी स्कूल खोलने पर विचार किया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः स्कूल खोले जाने को लेकर सरकार ने जारी की गाइडलाइन, यहां पढ़ें कैसे खुलेंगे स्कूल

वहीं, सीएम के इस बयान के बाद शिक्षा विभाग भी हरकत में आया. शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने भी दो नवंबर से ही स्कूल खोलने की बात कही. एसओपी के मुताबिक, ऑनलाइन पढ़ाई और दूरस्थ शिक्षा जारी रहेगी. जबकि, प्रत्येक स्कूल के प्रिंसिपल को स्कूल का नोडल अधिकारी बनाया गया है. मुख्य सचिव ओमप्रकाश की ओर से जारी आदेश के मुताबिक एसओपी का पालन न करने वाले स्कूलों के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.

स्कूलों को खोले जाने को लेकर जारी गाइडलाइन

  • स्कूल खोले जाने से पहले उन्हें पूरी तरह से सैनिटाइज किया जाएगा. यह प्रक्रिया प्रतिदिन प्रत्येक पाली के बाद नियमित रूप से की जाएगी.
  • स्कूलों में सैनिटाइजर, हैंडवॉश, थर्मल स्क्रीनिंग और मेडिकल किट की व्यवस्था की जाएगी. यदि किसी छात्र या शिक्षक और अन्य कर्मचारी में खांसी जुखाम या बुखार के लक्षण होते हैं तो उसको इलाज के लिए घर वापस भेज दिया जाएगा.
  • स्कूल में प्रवेश के समय और छुट्टी के समय मुख्य द्वार पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा. एक साथ सभी विद्यार्थियों की छुट्टी नहीं की जाएगी.
  • छात्रों को हैंड वॉश और हैंड सैनिटाइज कराने के बाद ही स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा.
  • स्कूल में यदि एक से अधिक प्रवेश द्वार हैं तो उनका उपयोग किया जाएगा.
  • छात्र स्कूल बसों या फिर विद्यालय से संबंधित सार्वजनिक सेवा से विद्यालय आते हैं तो उन्हें प्रतिदिन सैनिटाइज कराया जाएगा. बैठने की व्यवस्था में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा.
  • सभी शिक्षकों, विद्यार्थियों और विद्यालय के अन्य कर्मचारियों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा. स्कूल प्रबंधन द्वारा अतिरिक्त मात्रा में मास्क मुहैया करवाए जाएंगे.
  • छात्रों को 6 फीट की दूरी पर बैठने की व्यवस्था कराई जाएगी.
  • ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था जारी रहेगी. स्कूल प्रबंधन ऑनलाइन पढ़ाई को बढ़ावा देंगे. जिन छात्रों के पास ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध नहीं है उन्हें प्राथमिकता के आधार पर स्कूल बुलाया जाएगा. यदि कोई विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई करना चाहता है तो उसे सुविधा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी संबंधित स्कूल संचालक की होगी.
  • अगर स्कूल में छात्रों की संख्या अधिक है और सोशल डिस्टेंसिंग बनाने में दिक्कतें आती है तो स्कूल दो पालियों में संचालित किए जाएंगे. प्रथम पाली में कक्षा 10 और द्वितीय पाली में कक्षा 12 के छात्रों को बुलाया जाएगा.
  • विद्यालय की छात्र संख्या और सोशल डिस्टेंसिंग के मद्देनजर यदि आवश्यक हो तो 1 दिन में प्रत्येक कक्षा में अधिकतम 50 प्रतिशत तक छात्रों को बुलाया जाए. बाकी 50 प्रतिशत छात्रों को अगले दिन बुलाया जाए.
  • छात्रों को उनके अभिभावकों की लिखित सहमति के बाद ही पढ़ाई के लिए बुलाया जाएगा. स्कूल संचालक द्वारा किसी भी छात्र पर स्कूल आने के लिए दबाव नहीं बनाया जाएगा.
  • कोविड-19 के फैलाव और उससे बचाव के उपायों से सभी विद्यार्थियों को जागरूक किया जाएगा.

देहरादूनः उत्तराखंड में कोरोना संकट के बीच आज से 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए स्कूल खोले जाएंगे. इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. एसओपी के मुताबिक बच्चों को जबरन स्कूल नहीं भेजा जाएगा. स्कूलों को अभिभावकों से अनुमति लेनी होगी. जो छात्र स्कूल नहीं जाना चाहते हैं, वो ऑनलाइन पढ़ाई कर सकते हैं. वहीं, स्कूल में छह फीट की दूरी के सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन, मास्क और स्कूलों को सैनिटाइज करने के निर्देश दिए गए हैं.

बता दें कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को दून विश्वविद्यालय में आयोजित समारोह के बाद स्कूल खोलने को लेकर एसओपी जारी होने की बात कही थी. इस दौरान उन्होंने कहा था कि जिन छात्र-छात्राओं के बोर्ड एग्जाम हैं, पहले उनकी क्लास शुरू होगी. इन बच्चों के अनुभव के आधार पर धीरे-धीरे अन्य बच्चों के लिए भी स्कूल खोलने पर विचार किया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः स्कूल खोले जाने को लेकर सरकार ने जारी की गाइडलाइन, यहां पढ़ें कैसे खुलेंगे स्कूल

वहीं, सीएम के इस बयान के बाद शिक्षा विभाग भी हरकत में आया. शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने भी दो नवंबर से ही स्कूल खोलने की बात कही. एसओपी के मुताबिक, ऑनलाइन पढ़ाई और दूरस्थ शिक्षा जारी रहेगी. जबकि, प्रत्येक स्कूल के प्रिंसिपल को स्कूल का नोडल अधिकारी बनाया गया है. मुख्य सचिव ओमप्रकाश की ओर से जारी आदेश के मुताबिक एसओपी का पालन न करने वाले स्कूलों के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.

स्कूलों को खोले जाने को लेकर जारी गाइडलाइन

  • स्कूल खोले जाने से पहले उन्हें पूरी तरह से सैनिटाइज किया जाएगा. यह प्रक्रिया प्रतिदिन प्रत्येक पाली के बाद नियमित रूप से की जाएगी.
  • स्कूलों में सैनिटाइजर, हैंडवॉश, थर्मल स्क्रीनिंग और मेडिकल किट की व्यवस्था की जाएगी. यदि किसी छात्र या शिक्षक और अन्य कर्मचारी में खांसी जुखाम या बुखार के लक्षण होते हैं तो उसको इलाज के लिए घर वापस भेज दिया जाएगा.
  • स्कूल में प्रवेश के समय और छुट्टी के समय मुख्य द्वार पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा. एक साथ सभी विद्यार्थियों की छुट्टी नहीं की जाएगी.
  • छात्रों को हैंड वॉश और हैंड सैनिटाइज कराने के बाद ही स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा.
  • स्कूल में यदि एक से अधिक प्रवेश द्वार हैं तो उनका उपयोग किया जाएगा.
  • छात्र स्कूल बसों या फिर विद्यालय से संबंधित सार्वजनिक सेवा से विद्यालय आते हैं तो उन्हें प्रतिदिन सैनिटाइज कराया जाएगा. बैठने की व्यवस्था में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा.
  • सभी शिक्षकों, विद्यार्थियों और विद्यालय के अन्य कर्मचारियों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा. स्कूल प्रबंधन द्वारा अतिरिक्त मात्रा में मास्क मुहैया करवाए जाएंगे.
  • छात्रों को 6 फीट की दूरी पर बैठने की व्यवस्था कराई जाएगी.
  • ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था जारी रहेगी. स्कूल प्रबंधन ऑनलाइन पढ़ाई को बढ़ावा देंगे. जिन छात्रों के पास ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध नहीं है उन्हें प्राथमिकता के आधार पर स्कूल बुलाया जाएगा. यदि कोई विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई करना चाहता है तो उसे सुविधा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी संबंधित स्कूल संचालक की होगी.
  • अगर स्कूल में छात्रों की संख्या अधिक है और सोशल डिस्टेंसिंग बनाने में दिक्कतें आती है तो स्कूल दो पालियों में संचालित किए जाएंगे. प्रथम पाली में कक्षा 10 और द्वितीय पाली में कक्षा 12 के छात्रों को बुलाया जाएगा.
  • विद्यालय की छात्र संख्या और सोशल डिस्टेंसिंग के मद्देनजर यदि आवश्यक हो तो 1 दिन में प्रत्येक कक्षा में अधिकतम 50 प्रतिशत तक छात्रों को बुलाया जाए. बाकी 50 प्रतिशत छात्रों को अगले दिन बुलाया जाए.
  • छात्रों को उनके अभिभावकों की लिखित सहमति के बाद ही पढ़ाई के लिए बुलाया जाएगा. स्कूल संचालक द्वारा किसी भी छात्र पर स्कूल आने के लिए दबाव नहीं बनाया जाएगा.
  • कोविड-19 के फैलाव और उससे बचाव के उपायों से सभी विद्यार्थियों को जागरूक किया जाएगा.
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