देहरादून: उत्तराखंड के समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से हुए करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले में नई जानकारी सामने आई है. जानकारी के अनुसार इस घोटाले में ज्यादातर रकम की बंदरबांट हरिद्वार जिले के निजी शिक्षण संस्थानों में हुई है. वहीं छात्रवृत्ति रकम का लेखा-जोखा व जानकारी जुटाना SIT टीम के लिए काफी मुश्किलों भरा है.
जानकारी के मुताबिक हरिद्वार स्थित घोटालेबाज निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा सभी नियम कायदों को ताक पर रखकर फर्जीवाड़ा किया गया है. हाई कोर्ट के आदेश पर जांच कर रही SIT टीम का शिकंजा देहरादून से इतर हरिद्वार के शिक्षण संस्थानों पर ही सबसे ज्यादा टिका हुआ है. अनुसूचित जाति/जनजाति व गरीब छात्र-छात्राओं के नाम पर करोड़ों का सरकारी धन हड़पने के मामले में अबतक हरिद्वार जिले के 6 शिक्षण संस्थानों के 12 घोटालेबाजों के अलावा तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर को SIT जेल भेज चुकी है.
घोटाले के इस खेल में शिक्षण संस्थानों को मिली करोड़ों की छात्रवृत्ति रकम का लेखा-जुखा व जानकारी जुटाना SIT टीम के लिए काफी मुश्किल भरा हो रहा है. यही कारण है कि बीच में कई बार जांच विवेचना धीमी पड़ जाती है.
राज्य में अपराध व कानून व्यवस्था की कमान संभालने वाले महानिदेशक अशोक कुमार के मुताबिक घोटालेबाज शिक्षण संस्थानों, बैंकों और विश्वविद्यालय के बीच कई दस्तावेजों को एकत्र करने में एसआईटी को ज्यादा वक्त लग रहा है. हालांकि एसआईटी लगातार जांच पड़ताल में जुटी है.
छात्रवृत्ति घोटाले में देहरादून के 9 निजी शिक्षण संस्थान भी एसआईटी के रडार पर हैं. हालांकि अभी तक इन संस्थानों के खिलाफ कोई कार्रवाई देखने को नहीं मिली है. एसआईटी की जांच पड़ताल में यह भी सामने आया है कि देहरादून स्थित शिक्षण संस्थानों से बड़ा घोटाला हरिद्वार स्थित निजी शिक्षण संस्थानों में हुआ है.
वहीं डीजी अशोक कुमार का कहना है कि छात्रवृत्ति घोटाले की रकम का ज्यादातर हिस्सा हरिद्वार जिले के निजी शिक्षण संस्थानों से गड़बड़ हुआ है. देहरादून में आरोपी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ भी जांच चल रही है. आगामी दिनों में यहां भी प्रभावी कार्रवाई देखने को मिलेगी.