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हरिद्वार में हुआ छात्रवृत्ति घोटाले में बड़ा खेल, दून के 9 संस्थान एसआईटी के रडार पर

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Published : May 20, 2019, 10:43 PM IST

Updated : May 20, 2019, 11:51 PM IST

घोटाले के इस खेल में शिक्षण संस्थानों को मिली करोड़ों की छात्रवृत्ति रकम का लेखा-जुखा व जानकारी जुटाना SIT टीम के लिए काफी मुश्किल भरा हो रहा है. यही कारण है कि बीच में कई बार जांच विवेचना धीमी पड़ जाती है.

छात्रवृत्ति घोटाला

देहरादून: उत्तराखंड के समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से हुए करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले में नई जानकारी सामने आई है. जानकारी के अनुसार इस घोटाले में ज्यादातर रकम की बंदरबांट हरिद्वार जिले के निजी शिक्षण संस्थानों में हुई है. वहीं छात्रवृत्ति रकम का लेखा-जोखा व जानकारी जुटाना SIT टीम के लिए काफी मुश्किलों भरा है.

हरिद्वार में हुआ छात्रवृत्ति घोटाले में बड़ा खेल

जानकारी के मुताबिक हरिद्वार स्थित घोटालेबाज निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा सभी नियम कायदों को ताक पर रखकर फर्जीवाड़ा किया गया है. हाई कोर्ट के आदेश पर जांच कर रही SIT टीम का शिकंजा देहरादून से इतर हरिद्वार के शिक्षण संस्थानों पर ही सबसे ज्यादा टिका हुआ है. अनुसूचित जाति/जनजाति व गरीब छात्र-छात्राओं के नाम पर करोड़ों का सरकारी धन हड़पने के मामले में अबतक हरिद्वार जिले के 6 शिक्षण संस्थानों के 12 घोटालेबाजों के अलावा तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर को SIT जेल भेज चुकी है.

घोटाले के इस खेल में शिक्षण संस्थानों को मिली करोड़ों की छात्रवृत्ति रकम का लेखा-जुखा व जानकारी जुटाना SIT टीम के लिए काफी मुश्किल भरा हो रहा है. यही कारण है कि बीच में कई बार जांच विवेचना धीमी पड़ जाती है.

राज्य में अपराध व कानून व्यवस्था की कमान संभालने वाले महानिदेशक अशोक कुमार के मुताबिक घोटालेबाज शिक्षण संस्थानों, बैंकों और विश्वविद्यालय के बीच कई दस्तावेजों को एकत्र करने में एसआईटी को ज्यादा वक्त लग रहा है. हालांकि एसआईटी लगातार जांच पड़ताल में जुटी है.

छात्रवृत्ति घोटाले में देहरादून के 9 निजी शिक्षण संस्थान भी एसआईटी के रडार पर हैं. हालांकि अभी तक इन संस्थानों के खिलाफ कोई कार्रवाई देखने को नहीं मिली है. एसआईटी की जांच पड़ताल में यह भी सामने आया है कि देहरादून स्थित शिक्षण संस्थानों से बड़ा घोटाला हरिद्वार स्थित निजी शिक्षण संस्थानों में हुआ है.

वहीं डीजी अशोक कुमार का कहना है कि छात्रवृत्ति घोटाले की रकम का ज्यादातर हिस्सा हरिद्वार जिले के निजी शिक्षण संस्थानों से गड़बड़ हुआ है. देहरादून में आरोपी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ भी जांच चल रही है. आगामी दिनों में यहां भी प्रभावी कार्रवाई देखने को मिलेगी.

देहरादून: उत्तराखंड के समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से हुए करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले में नई जानकारी सामने आई है. जानकारी के अनुसार इस घोटाले में ज्यादातर रकम की बंदरबांट हरिद्वार जिले के निजी शिक्षण संस्थानों में हुई है. वहीं छात्रवृत्ति रकम का लेखा-जोखा व जानकारी जुटाना SIT टीम के लिए काफी मुश्किलों भरा है.

हरिद्वार में हुआ छात्रवृत्ति घोटाले में बड़ा खेल

जानकारी के मुताबिक हरिद्वार स्थित घोटालेबाज निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा सभी नियम कायदों को ताक पर रखकर फर्जीवाड़ा किया गया है. हाई कोर्ट के आदेश पर जांच कर रही SIT टीम का शिकंजा देहरादून से इतर हरिद्वार के शिक्षण संस्थानों पर ही सबसे ज्यादा टिका हुआ है. अनुसूचित जाति/जनजाति व गरीब छात्र-छात्राओं के नाम पर करोड़ों का सरकारी धन हड़पने के मामले में अबतक हरिद्वार जिले के 6 शिक्षण संस्थानों के 12 घोटालेबाजों के अलावा तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर को SIT जेल भेज चुकी है.

घोटाले के इस खेल में शिक्षण संस्थानों को मिली करोड़ों की छात्रवृत्ति रकम का लेखा-जुखा व जानकारी जुटाना SIT टीम के लिए काफी मुश्किल भरा हो रहा है. यही कारण है कि बीच में कई बार जांच विवेचना धीमी पड़ जाती है.

राज्य में अपराध व कानून व्यवस्था की कमान संभालने वाले महानिदेशक अशोक कुमार के मुताबिक घोटालेबाज शिक्षण संस्थानों, बैंकों और विश्वविद्यालय के बीच कई दस्तावेजों को एकत्र करने में एसआईटी को ज्यादा वक्त लग रहा है. हालांकि एसआईटी लगातार जांच पड़ताल में जुटी है.

छात्रवृत्ति घोटाले में देहरादून के 9 निजी शिक्षण संस्थान भी एसआईटी के रडार पर हैं. हालांकि अभी तक इन संस्थानों के खिलाफ कोई कार्रवाई देखने को नहीं मिली है. एसआईटी की जांच पड़ताल में यह भी सामने आया है कि देहरादून स्थित शिक्षण संस्थानों से बड़ा घोटाला हरिद्वार स्थित निजी शिक्षण संस्थानों में हुआ है.

वहीं डीजी अशोक कुमार का कहना है कि छात्रवृत्ति घोटाले की रकम का ज्यादातर हिस्सा हरिद्वार जिले के निजी शिक्षण संस्थानों से गड़बड़ हुआ है. देहरादून में आरोपी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ भी जांच चल रही है. आगामी दिनों में यहां भी प्रभावी कार्रवाई देखने को मिलेगी.

Intro:देहरादून:उत्तराखंड के समाज कल्याण विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से हुए करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले में अब तक कि जांच पड़ताल में जो जानकारी सामने आयी हैं उसके मुताबिक इस घोटालें की ज्यादातर रकम की बंदरबांट हरिद्वार ज़िले के निजी शिक्षण संस्थानों में हुई हैं। जानकारी के मुताबिक हरिद्वार स्थित घोटालेबाज निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा सभी नियम कायदों को ताक पर रखकर ऐसा फर्जीवाड़ा का खेल खेला गया जिसको देखकर एसआईटी जांच टीम भी चकरा गई हैं। ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश पर जांच कर SIT टीम का शिकंजा देहरादून से इतर हरिद्वार स्थित शिक्षण संस्थानों पर ही सबसे ज़्यादा टिका हुआ हैं। प्राइवेट कॉलेजों में बिना एडमिशन दिए फ़र्जी दस्तावेजों के आधार पर प्रवेश दिखाकर अनुसूचित जाति/जनजाति व ग़रीब तबक़े छात्र-छात्राओं के नाम पर करोड़ों का सरकारी धन हड़पने मामलें में अब तक हरिद्वार जिले के 6 शिक्षण संस्थानों के 12 घोटालेबाज़ों के अलावा तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर सहित अब तक कुल 13 लोगों को SIT जेल भेज चुकी हैं। हालांकि इस मामलें में सबसे बड़ा सवाल यह हैं कि,घोटालेबाज़ों द्वारा हड़पे गए करोड़ों रुपये की रिकवरी आखिरकार कैसे और कब होगी।


Body:फर्जीवाड़ा की साजिश पेचीदा होने के चलते विवेचना में समय लग रहा हैं-डीजी

SIT जांच के मुताबिक समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों की सांठगांठ के चलते हरिद्वार और देहरादून के कई निजी शिक्षण संस्थानों को वर्ष 2014 के बाद ऑनलाइन छात्रवृत्ति वितरण (भुगतान) ऐसे छात्र-छात्राओं के नाम से ली गई जिसका संबंध किसी भी निजी संस्थानों के पंजीकरण में नहीं है। घोटालें के इस खेल में शिक्षण संस्थानों को मिली करोड़ों की छात्रवृत्ति रकम का लेखा-जुखा व जानकारी जुटान SIT टीम के लिए काफ़ी मुश्किल भरा हो रहा हैं। सफेदपोश नेताओं की शय पर समाज कल्याण विभागीय अधिकारियों और निजी शिक्षण संस्थानों के गठजोड़ से हुए इस चर्चित घोटालें की गहराई मापकर उससे पुख्ता सबूत जुटाने में SIT के पसीने छूट रहे हैं। यही कारण हैं कि बीच मे कई बार जांच विवेचना कार्रवाई धीमी पड़ती नजर आती हैं।
वह इस मामले में राज्य में अपराध व कानून व्यवस्था कमान संभालने वाले महानिदेशक अशोक कुमार के मुताबिक घोटालेबाज शिक्षण संस्थानों ,बैंको और विश्वविद्यालय के बीच लेखा-जोखा की जानकारी जुटाने में एसआईटी को ज्यादा वक्त लग रहा है, घोटाले से जुड़े कई दस्तावेजों के रिकॉर्ड को एकत्र करना उनको वेरीफाई करने के साथ ही जांच पड़ताल को पुख्ता करने जैसे सब विषयों में लंबा समय लगता है ।हालांकि इसके बावजूद एसआईटी लगातार जांच पड़ताल को गतिमान रख पहले से प्रकाश में आए निजी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ सबूत एकत्र कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने में जुटी है।

बाईट-अशोक कुमार, महानिदेशक, अपराध व कानून व्यवस्था

देहरादून से बड़ा घोटाले का खेल हरिद्वार जिले में: डीजी

छात्रवृत्ति घोटाले में देहरादून के 9 निजी शिक्षण संस्थान भी एसआईटी के रडार पर चल रहे हैं हालांकि अभी तक इन संस्थानों के खिलाफ कोई कार्रवाई देखने को नहीं मिली है। हालांकि इसका दूसरा पहलू एसआईटी जांच पड़ताल में यह भी सामने आया है कि देहरादून स्थित शिक्षण संस्थानों से बड़ा घोटालें का खेल हरिद्वार स्थित निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा होना सामने आया हैं। ऐसे में हरिद्वार जिले में लगातार हो रही गिरफ्तारियां भी इस ओर ईशारा करती हैं। वही डीजी अशोक कुमार का भी मानना है कि छात्रवृत्ति घोटाले की रकम का ज्यादातर हिस्सा हरिद्वार जिले के निजी शिक्षण संस्थानों में गड़बड़ होना सामने आया है। ऐसे में एसआईटी की जांच पहले से ही हरिद्वार जिले में आरोपित शिक्षण संस्थानों के खिलाफ हो रही है। देहरादून में आरोपी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ भी जांच चल रही है आगामी दिनों में यहां भी प्रभावी कार्रवाई देखने को मिलेगी।


बाईट-अशोक कुमार, महानिदेशक, अपराध व कानून व्यवस्था


Conclusion:घोटाले में हड़पे गए सरकारी धन की रिकवरी कैसे व कब होगी- बड़ा सवाल?

बहराल छात्रवृत्ति घोटाले में आने वाले दिनों में हरिद्वार व देहरादून के आरोपित निजी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ साक्ष्य, सबूत जुटाकर कई लोगों की गिरफ्तारियां कर सकती है। हालांकि इस घोटाले में तत्कालीन समाज कल्याण विभाग के एकमात्र अधिकारी अनुराग शंखधर के गिरफ्तार होने के बाद अब यह सवाल और तेज हो गया है कि विभाग के अन्य अधिकारियों की गिरफ्तारियां कब और कैसे होगी। साथ ही यह भी सवाल बड़ा है कि सरकार को चुना लगा कर किए गए करोड़ों रुपए की घोटाले की रिकवरी कैसे और कब की जाएगी।
Last Updated : May 20, 2019, 11:51 PM IST
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