ETV Bharat / state

स्कैप चैनल विवादः सतपाल महाराज का हरदा पर कटाक्ष, कहा- गंगा मां ने पहले ही दे दिया दंड

सतपाल महाराज ने कहा है कि गंगा की बजाय हरीश रावत ने प्रॉपर्टी डीलरों को महत्व देकर गंगा को नहर बना दिया. जिससे उनकी मानसिकता और ज्ञान का पता चलता है. साथ ही उन्होंने कहा हरीश रावत ने माफी मांगी है, मगर उन्हें दंड पहले ही मिल चुका है.

satpal-maharajs-statement-on-ganga-scape-channel-controversy
गंगा स्कैप चैनल को लेकर सतपाल महाराज ने हरदा पर बोला हमला
author img

By

Published : Jul 19, 2020, 6:16 PM IST

देहरादून: साल 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा हरकी पैड़ी में गंगा को लेकर जारी किए गए स्कैप चैनल के आदेश का मामला गर्मता जा रहा है. स्कैप चैनल विवाद को लेकर सरकार और हरीश रावत के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. वहीं, अब इस मामले में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने हरीश रावत पर हमला बोला है. सतपाल महाराज ने कहा कि दूसरों के बयानों में रुचि लेने और नसीहत देने के बजाय हरीश रावत को पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए.

सतपाल महाराज ने कहा है कि गंगा की बजाय हरीश रावत ने प्रॉपर्टी डीलरों को महत्व देकर गंगा को नहर बना दिया. जिससे उनकी मानसिकता और ज्ञान का पता चलता है. साथ ही उन्होंने कहा कि हरीश रावत ने माफी मांगी है, पर गंगा मां ने उन्हें दंड तो पहले ही दे दिया है. यही वजह है कि हरीश रावत दो जगह से हार गए.

पढ़ें- एम्स ऋषिकेश में भर्ती कोरोना पॉजिटिव की मौत, आठ की रिपोर्ट पॉजिटिव

महाराज ने कहा कि हरीश रावत जब केंद्रीय जल संसाधन मंत्री थे उस समय पहाड़ के ग्लेशियरों का अध्ययन होना चाहिए था. यदि वह ग्लेशियरों का अध्ययन करवाते तो साल 2013 में केदार घाटी में आयी त्रासदी को भी पलट सकते थे. वाडिया इंस्टीट्यूट के भूगर्भ शास्त्री ने 2013 की आपदा से पूर्व चेताया था कि अगर चौराबारी ग्लेशियर फटता है तो पूरी केदारपुरी बह जाएगी. मगर उनकी चेतावनी को अनदेखा किया गया. जिसका खामियाजा प्रदेशवासियों को भुगतान पड़ा.

देहरादून: साल 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा हरकी पैड़ी में गंगा को लेकर जारी किए गए स्कैप चैनल के आदेश का मामला गर्मता जा रहा है. स्कैप चैनल विवाद को लेकर सरकार और हरीश रावत के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. वहीं, अब इस मामले में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने हरीश रावत पर हमला बोला है. सतपाल महाराज ने कहा कि दूसरों के बयानों में रुचि लेने और नसीहत देने के बजाय हरीश रावत को पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए.

सतपाल महाराज ने कहा है कि गंगा की बजाय हरीश रावत ने प्रॉपर्टी डीलरों को महत्व देकर गंगा को नहर बना दिया. जिससे उनकी मानसिकता और ज्ञान का पता चलता है. साथ ही उन्होंने कहा कि हरीश रावत ने माफी मांगी है, पर गंगा मां ने उन्हें दंड तो पहले ही दे दिया है. यही वजह है कि हरीश रावत दो जगह से हार गए.

पढ़ें- एम्स ऋषिकेश में भर्ती कोरोना पॉजिटिव की मौत, आठ की रिपोर्ट पॉजिटिव

महाराज ने कहा कि हरीश रावत जब केंद्रीय जल संसाधन मंत्री थे उस समय पहाड़ के ग्लेशियरों का अध्ययन होना चाहिए था. यदि वह ग्लेशियरों का अध्ययन करवाते तो साल 2013 में केदार घाटी में आयी त्रासदी को भी पलट सकते थे. वाडिया इंस्टीट्यूट के भूगर्भ शास्त्री ने 2013 की आपदा से पूर्व चेताया था कि अगर चौराबारी ग्लेशियर फटता है तो पूरी केदारपुरी बह जाएगी. मगर उनकी चेतावनी को अनदेखा किया गया. जिसका खामियाजा प्रदेशवासियों को भुगतान पड़ा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.