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कोरोना पर प्रधानमंत्री मोदी और HRD मिनिस्टर को सुझाव देने वाले मंत्री खुद कर गए बड़ी चूक

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Published : Jun 1, 2020, 5:58 PM IST

Updated : Jun 1, 2020, 7:45 PM IST

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से देश की जनता को बचाने को लेकर सुझाव देने वाले मंत्री सतपाल महाराज खुद बड़ी चूक करके इस वायरस की चपेट में आ गए.

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सतपाल महाराज

देहरादून: उत्तराखंड में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस को देखते हुए कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने देश की जनता को बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव भेजा था. यही नहीं बच्चों के पाठ्यक्रम में कोरोना वायरस संबंधी गाइडलाइन को शामिल किए जाने का सुझाव भी एचआरडी मिनिस्टर को दिया था. लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से देश की जनता को बचाने को लेकर सुझाव देने वाले मंत्री सतपाल महाराज खुद बड़ी चूक करके इस वायरस की चपेट में आ गए.

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सुरक्षा मास्क तैयार करने का सुझाव दिया था. यही नहीं पत्र के माध्यम से सतपाल महाराज ने कहा था कि कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए पूरे विश्व में शोध चल रहा है. जिसका निष्कर्ष आने में अभी समय लगने की संभावना है. ऐसे में सुरक्षात्मक उपायों पर बढ़कर कार्य करने की जरूरत है.

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज

इसके साथ सतपाल महाराज ने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया था कि जब तक वैज्ञानिक इस महामारी की कोई वैक्सीन तैयार नहीं कर लेते, तब तक सुरक्षा के दृष्टिगत अनुसंधान संस्थाओं और डीआरडीओ के वैज्ञानिकों से ऐसा सुरक्षा मास्क तैयार कराना चाहिए, जिससे मानवता की रक्षा में भारत देश आगे रहे. ये सुरक्षा उपकरण ऐसे हों, जिसका उपयोग हवाई यात्रा, निजी वाहनों या अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट के साधनों में सुगमता से किया जा सके.

पढ़ेंः सतपाल महाराज के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद क्या हुआ कैबिनेट का, जानिए

यही नहीं कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने एचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल निशंक को सुझाव दिया था कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बचाव और लोगों को इस वायरस के प्रति जागरुक करने के लिए जारी किए गए एहतियात को बच्चों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए. जिससे न सिर्फ बच्चों को कोरोना वायरस के प्रति जानकारी मिलेगी. बल्कि बच्चे कोरोना वॉरियर के रूप में अपने घर के सदस्यों को भी जागरुक करेंगे. साथ ही बच्चों को पढ़ाया जाए कि किस तरह से मास्क पहनकर, सैनिटाइजेशन कर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपने आप को कोरोना वायरस से सुरक्षित रखना है.

हालांकि, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज खुद इन सुझावों का पालन नहीं कर पाए. जिसका नतीजा ये हुआ कि न सिर्फ वे खुद कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. बल्कि उनके परिवार समेत घर में काम करने वाले तमाम कर्मचारी भी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं. बता दें कि कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज समेत उनके सभी परिजनों का ऋषिकेश स्थित एम्स में इलाज चल रहा है. वहीं दूसरी ओर उनके घर काम करने वाले कर्मचारियों को दून अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

देहरादून: उत्तराखंड में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस को देखते हुए कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने देश की जनता को बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव भेजा था. यही नहीं बच्चों के पाठ्यक्रम में कोरोना वायरस संबंधी गाइडलाइन को शामिल किए जाने का सुझाव भी एचआरडी मिनिस्टर को दिया था. लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से देश की जनता को बचाने को लेकर सुझाव देने वाले मंत्री सतपाल महाराज खुद बड़ी चूक करके इस वायरस की चपेट में आ गए.

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सुरक्षा मास्क तैयार करने का सुझाव दिया था. यही नहीं पत्र के माध्यम से सतपाल महाराज ने कहा था कि कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए पूरे विश्व में शोध चल रहा है. जिसका निष्कर्ष आने में अभी समय लगने की संभावना है. ऐसे में सुरक्षात्मक उपायों पर बढ़कर कार्य करने की जरूरत है.

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज

इसके साथ सतपाल महाराज ने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया था कि जब तक वैज्ञानिक इस महामारी की कोई वैक्सीन तैयार नहीं कर लेते, तब तक सुरक्षा के दृष्टिगत अनुसंधान संस्थाओं और डीआरडीओ के वैज्ञानिकों से ऐसा सुरक्षा मास्क तैयार कराना चाहिए, जिससे मानवता की रक्षा में भारत देश आगे रहे. ये सुरक्षा उपकरण ऐसे हों, जिसका उपयोग हवाई यात्रा, निजी वाहनों या अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट के साधनों में सुगमता से किया जा सके.

पढ़ेंः सतपाल महाराज के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद क्या हुआ कैबिनेट का, जानिए

यही नहीं कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने एचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल निशंक को सुझाव दिया था कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बचाव और लोगों को इस वायरस के प्रति जागरुक करने के लिए जारी किए गए एहतियात को बच्चों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए. जिससे न सिर्फ बच्चों को कोरोना वायरस के प्रति जानकारी मिलेगी. बल्कि बच्चे कोरोना वॉरियर के रूप में अपने घर के सदस्यों को भी जागरुक करेंगे. साथ ही बच्चों को पढ़ाया जाए कि किस तरह से मास्क पहनकर, सैनिटाइजेशन कर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपने आप को कोरोना वायरस से सुरक्षित रखना है.

हालांकि, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज खुद इन सुझावों का पालन नहीं कर पाए. जिसका नतीजा ये हुआ कि न सिर्फ वे खुद कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. बल्कि उनके परिवार समेत घर में काम करने वाले तमाम कर्मचारी भी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं. बता दें कि कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज समेत उनके सभी परिजनों का ऋषिकेश स्थित एम्स में इलाज चल रहा है. वहीं दूसरी ओर उनके घर काम करने वाले कर्मचारियों को दून अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

Last Updated : Jun 1, 2020, 7:45 PM IST
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