देहरादून: प्रदेश में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने और उसके व्यपाक प्रचार प्रसार के लिए शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत (Education Minister Dhan Singh Rawat) ने बुधवार को संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में धन सिंह रावत ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि देश के अन्य राज्यों में जहां पर संस्कृत शिक्षा को लेकर कार्य किया जा रहा है. उसका अध्ययन कर एक माह के भीतर ड्राफ्ट तैयार किया जाए, जिससे कि संस्कृत शिक्षा की नियमावली तैयार की जा सके. इसके लिए जल्द ही तीन सदस्यीय समिति का गठन किया जाए, जो कि संस्कृत शिक्षा की नियमावली पर कार्य करेगी.
शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने संस्कृत विभाग के अधिकारियों की बैठक लेते हुए कहा कि राज्य में स्थापित संस्कृत परिषद, संस्कृत अकादमी व संस्कृत निदेशालय की जिम्मेदारियों का निर्वहन नियमानुसार सख्ती से किया जाएगा, जिससे कि प्रदेश में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा मिलने के साथ ही प्रचार प्रसार को भी बढ़ाया जा सके. मंत्री ने कहा कि प्रदेश के संस्कृत के क्षेत्र में शोध कार्यों को बढ़ाया जाएगा. इसकी जिम्मेदारी संस्कृत विश्वविद्यालय की होगी. संस्कृत विश्वविद्यालय की और से शोध को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के सभी संस्कृत महाविद्यालयों के लिए एक रूपरेखा तैयार की जाएगी.
पढ़ें- चंपावत में आज रोड-शो कर उपचुनाव का बिगुल फूंकेंगे CM धामी, लोगों की सुनेंगे समस्याएं
धन सिंह रावत ने कहा है कि संस्कृत विद्यालयों में शिक्षण गतिविधियों की एकरूपता लाने के लिए शैक्षिक पंचांग लागू करें. इसके साथ ही राज्य के 13 आदर्श संस्कृत ग्रामों का निर्माण और विस्तार किया जाएगा. संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पुरोहित प्रशिक्षण केंद्रों के संचालन के साथ अखिल भारतीय संस्कृत शोध सम्मेलन ज्योतिष, वास्तु आदि का आयोजन और संचालन किया जाएगा. बैठक में अधिकारियों को राष्ट्रीय संस्कृत शिक्षा संस्थान भारत सरकार की ओर से राज्यों को दी जाने वाली विभिन्न परियोजनाओं और विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने को कहा गया है.