मसूरी: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के बाद मसूरी में 140 साल से भगवान श्रीकृष्ण की पालकी निकाली जाती है. लेकिन इस बार कोरोना काल की वजह से इस पर संशय बना हुआ है. जिसे लेकर सनातन धर्म सभा की ओर से एसडीएम प्रेमलाल से पालकी निकाले जाने की अनुमति मांगी है. सनातन धर्म सभा की ओर से बताया जा रहा है कि कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर पिछले कई वर्षों से कन्हैया की डोली निकाली जाती रही है. लेकिन कोरोना काल में उन्हें प्रशासन के सहयोग की जरूरत है.
सनातन धर्म मंदिर के सचिव नीरज अग्रवाल ने बताया कि जन्माष्टमी के अवसर पर पालकी निकालने का रिवाज पिछले 140 वर्षों से चला आ रहा है. जन्माष्टमी के बाद आने वाले रविवार को कन्हैया की पालकी सनातन धर्म के मंदिर लंढोर से गांधी चौक तक निकाली जाती है. उन्होंने कहा कि इस बार कन्हैया की पालकी कोरोना की वजह से सरकार के द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए निकाली जाएगी. इसके लिए एसडीएम से अनुमति मांगी गई है.
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उन्होंने बताया इससे पहले अंग्रेजों ने कन्हैया की पालकी को रोकने का प्रयास किया था. लोगों की आस्था के आगे वो ऐसा नहीं कर सके और तब से लेकर हर साल कन्हैया की पालकी बदस्तूर निकाली जा रही है. नीरज अग्रवाल ने बताया कि कृष्ण जन्माष्टमी के बाद आने वाले रविवार को ये पालकी शहरभर में भ्रमण करेगी. जिसमें सरकार की गाइडलाइन का पालन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसके लिए पुलिस-प्रशासन का सहयोग भी लिया जाएगा.
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वहीं, एसडीएम प्रेमलाल का कहना है कि प्रदेश में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इस बार पालकी निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. इस संबंध में उच्चाधिकारी और सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी को देखते हुए ही पालकी निकालने की अनुमति दी जा सकती है. इसे लेकर अधिकारियों, पुलिस और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे. उनके बाद निर्णय करेंगे कि पालकी को किस तरह से निकालना है.