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जेल में बंद कैदियों के हाथों ने दिखाया कमाल, बाजार में बढ़ी उत्पादों की मांग

सामानों में चटाई, आलमारी, मंदिर, गोरिया के घर और अन्य सामान अब डोईवाला में बिक्री केंद्र में रखे गए हैं. जिसे लोगों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है.

कैदियों ने जेल में बनाया सामान.
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Published : Mar 12, 2019, 9:16 AM IST

डोईवाला: उत्तराखंड की जेलों में बंद कैदियों द्वारा बनाए गए सामान लोगों को आकर्षित कर रहे हैं. जिनके बाजार में अच्छे दाम भी मिल रहे हैं. सामान की बिक्री के लिए डोईवाला के भानियावाला में मुख्य बाजार में एक दंपत्ति द्वारा कैदियों के तैयार उत्पादों के लिए बिक्री केंद्र खोला गया है. जहां लोगों की खासी भीड़ लगी रहती है.

कैदियों ने जेल में बनाया सामान.


इन सामानों में चटाई, आलमारी, मंदिर, गोरिया के घर और अन्य सामान अब डोईवाला में बिक्री केंद्र में रखे गए हैं. जिसे लोगों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है. बिक्री केंद्र में हरिद्वार जेल के कैदियों द्वारा बनाए सामान को रखा गया है. वहीं बिक्री केंद्र की संचालिका रेखा पुंडीर ने बताया कि हमारा प्रयास है कि जेल में कैदियों के लिए कुछ अच्छा किया जाए. उनके द्वारा तैयार किए गए उत्पाद की बिक्री से कैदियों को प्रोत्साहन मिलेगा. वहीं जेल में बंद कैदियों के जीवन में सुधार के लिए पहल महत्वपूर्ण है.


साथ ही उन्होंने कहा कि जेल से छूटने के बाद उनके जीवन में सुधार होगा और वे अपने पैरों पर खड़े होकर परिवार को चलाने का काम कर सकेंगे. जेल में कैदियों के ट्रेनर के तौर पर कार्य करने वाले अब्दुल्लाह ने बताया कि जेल में कैदियों के जीवन में सुधार लाने के लिए इस तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. जिससे सजा पूरी होने के बाद कैदी एक आम नागरिक की तरह अच्छी जिंदगी बिता सकें. इस प्रकार की ट्रेनिंग का उद्देश्य है कि कैदी अपने पैरों पर खड़े होकर स्वावलंबी बन कर अपनी आजीविका चला सकें.

डोईवाला: उत्तराखंड की जेलों में बंद कैदियों द्वारा बनाए गए सामान लोगों को आकर्षित कर रहे हैं. जिनके बाजार में अच्छे दाम भी मिल रहे हैं. सामान की बिक्री के लिए डोईवाला के भानियावाला में मुख्य बाजार में एक दंपत्ति द्वारा कैदियों के तैयार उत्पादों के लिए बिक्री केंद्र खोला गया है. जहां लोगों की खासी भीड़ लगी रहती है.

कैदियों ने जेल में बनाया सामान.


इन सामानों में चटाई, आलमारी, मंदिर, गोरिया के घर और अन्य सामान अब डोईवाला में बिक्री केंद्र में रखे गए हैं. जिसे लोगों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है. बिक्री केंद्र में हरिद्वार जेल के कैदियों द्वारा बनाए सामान को रखा गया है. वहीं बिक्री केंद्र की संचालिका रेखा पुंडीर ने बताया कि हमारा प्रयास है कि जेल में कैदियों के लिए कुछ अच्छा किया जाए. उनके द्वारा तैयार किए गए उत्पाद की बिक्री से कैदियों को प्रोत्साहन मिलेगा. वहीं जेल में बंद कैदियों के जीवन में सुधार के लिए पहल महत्वपूर्ण है.


साथ ही उन्होंने कहा कि जेल से छूटने के बाद उनके जीवन में सुधार होगा और वे अपने पैरों पर खड़े होकर परिवार को चलाने का काम कर सकेंगे. जेल में कैदियों के ट्रेनर के तौर पर कार्य करने वाले अब्दुल्लाह ने बताया कि जेल में कैदियों के जीवन में सुधार लाने के लिए इस तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. जिससे सजा पूरी होने के बाद कैदी एक आम नागरिक की तरह अच्छी जिंदगी बिता सकें. इस प्रकार की ट्रेनिंग का उद्देश्य है कि कैदी अपने पैरों पर खड़े होकर स्वावलंबी बन कर अपनी आजीविका चला सकें.

Intro:डोईवाला
कैदियों द्वारा बनाए गए सामान लोगों को कर रहे आकर्षित डोईवाला में खोला गया बिक्री केंद्र

उत्तराखंड की जेलों में बंद कैदियों द्वारा बनाए गए सामान लोगो को आकर्षित कर रहे है इन सामानों में चटाई , आलमारी ,मंदिर , गोरिया के घर और अन्य सामान अब डोईवाला में बिक्री केंद्र के माध्यम से आम जनता भी खरीद सकती है डोईवाला के भानियावाला में मुख्य बाजार में एक दंपत्ति द्वारा हरिद्वार के कैदियों के तैयार उत्पादों का बिक्री केंद्र खोला गया है ।


Body:बिक्री केंद्र की संचालिका रेखा पुंडीर ने बताया कि हमारा प्रयास है कि जेल में कैदियों के लिए कुछ अच्छा किया जाए उनके द्वारा तैयार किए गए उत्पाद की बिक्री से इन कैदियों को एक प्रकार का प्रोत्साहन मिलेगा वहीं जेल में बंद कैदियों के जीवन में सुधार के लिए इस तरह की पहल महत्वपूर्ण है और जेल से छूटने के बाद उनके जीवन में सुधार होगा और वे अपने पैरों पर खड़े होकर परिवार को चलाने का काम कर सकेंगे


Conclusion:जेल में कैदियों के ट्रेनर के तौर पर काम करने वाले अब्दुल्लाह ने बताया कि जेल में कैदियों के जीवन में सुधार लाने के लिए इस तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं ताकि वह सजा पूरी करने के बाद एक आम नागरिक की तरह अच्छी जिंदगी बिता सकें इस प्रकार की ट्रेनिंग का उद्देश्य है कि कैदी अपने पैरों पर खड़े होकर स्वावलंबी बन कर अपनी आजीविका चला सके ।
बाईट अब्दुल्लाह ट्रेनर
बाइट रेखा पुंडीर। दुकान संचालिका
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