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सहस्त्रधारा में गंधक के प्राकृतिक जलस्रोत को संरक्षण की दरकार

सहस्त्रधारा देश-विदेश में अपने गंधक के पानी के प्राकृतिक स्रोत के लिए काफी प्रसिद्ध है. यही वजह है कि लाखों की संख्या में सैलानी गंधक के पानी में स्नान करने के लिए यहां का रुख करते हैं, लेकिन मौजूदा समय में गंधक के पानी का स्रोत बहुत छोटा हो गया है.

देहरादून सहस्त्रधारा
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Published : May 12, 2019, 5:45 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड देश-दुनिया में देवभूमि के नाम से जाना जाता है. यहां धार्मिक स्थलों के अलावा कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं, जहां लाखों की संख्या में सैलानी हर साल घूमने आते हैं. इन पर्यटन स्थलों में दून स्थित सहस्त्रधारा भी है. जहां गर्मी से राहत पाने के लिए लाखों सैलानी यहां पहुंचते है. सहस्त्रधारा की एक खास बात यह भी है कि यहां गंधक के पानी का प्राकृतिक स्रोत भी है. जिसमें नहाने से चर्म रोग दूर हो जाते हैं.

सहस्त्रधारा में गंधक के प्राकृतिक जलस्रोत को संरक्षण की दरकार.

बता दें कि गर्मियों का सीजन शुरू हो चुका है. ऐसे में देश के कोने-कोने से सैलानी गर्मी से राहत पाने के लिए उत्तराखंड का रुख कर रहे हैं. सैलानियों को उत्तराखंड की शांत वादियां खूब भाती है. यहीं कारण है कि हर साल करीब 3 करोड़ से ज्यादा सैलानी उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों में घूमने आते हैं. इन स्थलों में देहरादून स्थित सहस्त्रधारा भी शुमार है. जहां गर्मी से राहत पाने के लिए लाखों की संख्या में सैलानी पहुंचते हैं.

पढ़ें- चारधाम यात्रा पर जाने के लिए ग्रीन-कार्ड जरूरी, जानिए नियम

वहीं, मौजूदा समय में सहस्त्रधारा की स्थिति कुछ ठीक नहीं लग रही है. जिस वजह से यहां आने-वाले सैलानी नाखुश नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि यहां सफाई व्यवस्था बहुत लचर है और इसके लिए प्रशासन को कोई मुकम्मल व्यवस्था करनी चाहिए. हालांकि, फिर भी सहस्त्रधारा में आने वाले सैलानियों की संख्या में कोई कभी नहीं आई है. अगर सफाई व्यवस्था अच्छी होगी तो और भी अधिक संख्या में सैलानी यहां पहुंचेंगे.

गंधक के पानी के स्रोत हुआ छोटा

सहस्त्रधारा देश-विदेश में अपने गंधक के पानी के प्राकृतिक स्रोत के लिए काफी प्रसिद्ध है. यही वजह है कि लाखों की संख्या में सैलानी गंधक के पानी में स्नान करने के लिए यहां का रुख करते हैं, लेकिन मौजूदा समय में गंधक के पानी का स्रोत बहुत छोटा हो गया है. जिसके चलते इस स्रोत में नहाने के लिए सैलानियों में होड़ मची रहती है. वहीं, कुछ सैलानी ऐसे भी हैं जो गंधक पानी को एकत्र करने के लिए बनी बाउंड्री के बाहर स्नान करते नज़र आते हैं. क्योंकि गंधक के पानी से नहाने से चर्म रोग दूर हो जाते हैं.

बहरहाल, सहस्त्रधारा के गंधक के पानी के प्राकृतिक स्रोत को संरक्षित करने की जरुरत हैं. क्योंकि मौजूदा समय में यहां गंधक के पानी के स्रोत की स्थिति बेहद खराब हो गयी है.जिससे आने वाले समय में भी सैलानी इस स्रोत में स्नान कर सके.

देहरादून: उत्तराखंड देश-दुनिया में देवभूमि के नाम से जाना जाता है. यहां धार्मिक स्थलों के अलावा कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं, जहां लाखों की संख्या में सैलानी हर साल घूमने आते हैं. इन पर्यटन स्थलों में दून स्थित सहस्त्रधारा भी है. जहां गर्मी से राहत पाने के लिए लाखों सैलानी यहां पहुंचते है. सहस्त्रधारा की एक खास बात यह भी है कि यहां गंधक के पानी का प्राकृतिक स्रोत भी है. जिसमें नहाने से चर्म रोग दूर हो जाते हैं.

सहस्त्रधारा में गंधक के प्राकृतिक जलस्रोत को संरक्षण की दरकार.

बता दें कि गर्मियों का सीजन शुरू हो चुका है. ऐसे में देश के कोने-कोने से सैलानी गर्मी से राहत पाने के लिए उत्तराखंड का रुख कर रहे हैं. सैलानियों को उत्तराखंड की शांत वादियां खूब भाती है. यहीं कारण है कि हर साल करीब 3 करोड़ से ज्यादा सैलानी उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों में घूमने आते हैं. इन स्थलों में देहरादून स्थित सहस्त्रधारा भी शुमार है. जहां गर्मी से राहत पाने के लिए लाखों की संख्या में सैलानी पहुंचते हैं.

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वहीं, मौजूदा समय में सहस्त्रधारा की स्थिति कुछ ठीक नहीं लग रही है. जिस वजह से यहां आने-वाले सैलानी नाखुश नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि यहां सफाई व्यवस्था बहुत लचर है और इसके लिए प्रशासन को कोई मुकम्मल व्यवस्था करनी चाहिए. हालांकि, फिर भी सहस्त्रधारा में आने वाले सैलानियों की संख्या में कोई कभी नहीं आई है. अगर सफाई व्यवस्था अच्छी होगी तो और भी अधिक संख्या में सैलानी यहां पहुंचेंगे.

गंधक के पानी के स्रोत हुआ छोटा

सहस्त्रधारा देश-विदेश में अपने गंधक के पानी के प्राकृतिक स्रोत के लिए काफी प्रसिद्ध है. यही वजह है कि लाखों की संख्या में सैलानी गंधक के पानी में स्नान करने के लिए यहां का रुख करते हैं, लेकिन मौजूदा समय में गंधक के पानी का स्रोत बहुत छोटा हो गया है. जिसके चलते इस स्रोत में नहाने के लिए सैलानियों में होड़ मची रहती है. वहीं, कुछ सैलानी ऐसे भी हैं जो गंधक पानी को एकत्र करने के लिए बनी बाउंड्री के बाहर स्नान करते नज़र आते हैं. क्योंकि गंधक के पानी से नहाने से चर्म रोग दूर हो जाते हैं.

बहरहाल, सहस्त्रधारा के गंधक के पानी के प्राकृतिक स्रोत को संरक्षित करने की जरुरत हैं. क्योंकि मौजूदा समय में यहां गंधक के पानी के स्रोत की स्थिति बेहद खराब हो गयी है.जिससे आने वाले समय में भी सैलानी इस स्रोत में स्नान कर सके.

Intro:उत्तराखंड देश-दुनिया में देवभूमि के नाम से जाना जाता है, जिसकी वजह यह है की प्रकृति ने उत्तराखंड को कई अनमोल तौफो से नवाजा है। उत्तराखंड में कई धार्मिक स्थलों के साथ ही घूमने के लिहाज से भी कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं जहां लाखों की संख्या में सैलानी घूमने आते हैं। इसके साथ ही देहरादून के 10 मुख्य पर्यटक स्थलों में से एक स्थल सहस्त्रधारा भी है, जहां गर्मियों के सीजन में लाखों सैलानी गर्मी से राहत पाने पहुचते हैं, और पहाड़ो की गोद से निकलने वाली ठंडे-ठंडे पानी में स्नान करते है। और सहस्त्रधारा की एक खास बात यह भी है कि यहां गंधक का स्रोत भी है जिसमें नहाने मात्र से तमाम बीमारियां दूर हो जाती है। 


Body:गर्मियों का सीजन शुरू हो चुका है ऐसे में तमाम सैलानी गर्मियों से राहत पाने के लिए पहाड़ी इलाकों की तरफ रुख करते हैं। और अमूमन सैलानी ठंडी इलाकों में जाने के लिए सबसे पहले उत्तराखंड को चुनते हैं और यही वजह है कि हर साल करीब 3 करोड़ से ज्यादा सैलानी उत्तराखंड घूमने आते हैं। और उत्तराखंड की शांत वादियों और उत्तराखंड में स्थित कई तरह के पर्यटन स्थल सैलानियों को खूब भाते हैं। इन स्थलों में देहरादून स्थित सहस्त्रधारा भी शुमार है। जहां हर साल, गर्मियों के सीजन में लाखो की संख्या में सैलानी गर्मी से राहत पाने के लिए पहुंचते हैं। और हिमालय की गोद से निकलने वाले ठंडे ठंडे पानी का लुफ्त उठाते हैं।

मौजूदा समय में सहस्त्रधारा की स्थिति कुछ खास ठीक नहीं लग रही है, जिसकी वजह यह है वहां आने वाले सैलानी वहां की स्थिति से खुद ना खुश नजर आ रहे हैं। हालांकि हजारों सैलानी ऐसे भी है। जो हर साल गर्मियों के सीजन में सहस्त्रधारा घूमने आते हैं, लेकिन उनका साफ तौर पर कहना है कि यहां सफाई व्यवस्था बहुत लचर हैं और इसके लिए प्रशासन को सफाई व्यवस्था मुकम्मल करनी चाहिए। हालांकि तमाम सैलानी ऐसे भी हैं जो सिर्फ गर्मी से राहत पाने के लिए यहां पहुंचते हैं और वह ठंडे ठंडे पानी में स्नान कर चले जाते है। 

बाइट - सैलानी


गंधक पानी के स्रोत छोटा होने से सैलानी हो रहे है परेशानी....

सहस्त्रधारा, देश-विदेश में अपने गंधक के पानी को लेकर काफी प्रसिद्ध है हालांकि पहाड़ों के बीच आने वाली यह गंधक का पानी तमाम सैलानियों को खूब भाती है और यही वजह है कि लाखों की संख्या में सैलानी गंधक के पानी में स्नान करने को लेकर देहरादून की तरफ रुख करते हैं लेकिन मौजूदा समय में गंधक के पानी का स्रोत बहुत छोटा हो गया है। जिससे तमाम सैलानियों को नहाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। तो वहीं कुछ सैलानी ऐसे भी हैं जो गंधक पानी को एकत्र करने के लिए बने बाउंड्री के बाहर बैठकर बोतल से स्नान करते नज़र आ रहे है। हालांकि गंधक का पानी शरीर के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है और कहा जाता है कि गंधक के पानी पीने या फिर गंधक के पानी से नहाने से तमाम चर्म रोग और पेट की दिक्कत दूर हो जाती है।

बाइट - सैलानी
बाइट - स्थानीय दुकानदार


Conclusion:हालांकि सहस्त्रधारा उन पानी वाले स्थलों में शुमार है जहा हर साल लाखों की संख्या में सैलानी, गर्मी से राहत पाने के लिए पहुंचते हैं। लेकिन मौजूदा समय में सहस्त्रधारा और वहाँ बने गंधक के पानी की स्रोत की स्तिथि बेहद खराब हो गयी है, ऐसे में प्रशासन को सहस्त्रधारा में साफ सफाई और गंधक के पानी को और संरक्षित करने की जरूरत है। जिससे आने वाले समय मे भी सैलानी, गंधक के पानी में स्नान कर सके।

पीटीसी - रोहित सोनी
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