देहरादून: भारत इस बार 73वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है और आज के दिन देश के हर कोने में तिरंगा फहराया जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि भारत के राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के कुछ नियम होते हैं. अगर कोई भी व्यक्ति इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उसपर कार्रवाई हो सकती है.
हर देश के लिए उसका तिरंगा ही उसकी आन, बान और शान होती है. जिसका पालन करना हम सभी का कर्तव्य है. तिरंगा हाथ में लेने से पहले जान लें कि आपको इसका मान कैसे रखना है.
तो आइये जानते हैं भारत की आन-बान-शान तिरंगे को फहराने के नियम
- तिरंगा हमेशा सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच ही फहराया जाना चाहिए.
- तिरंगे को कभी झुकाया नहीं जाता, न ही जमीन पर रखा जाता है. आदेश के बाद ही सरकारी इमारतों पर झंडे को आधा झुकाकर फहराया जा सकता है.
- झंडे को कभी पानी में नहीं डुबाया जा सकता, झंडे को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए.
- झंडे के किसी भी भाग को जलाने, नुकसान पहुंचाने के अलावा मौखिक या शाब्दिक तौर पर इसका अपमान करने पर तीन साल तक की जेल या जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं.
- तिरंगे का आकार आयताकार होना चाहिए. इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 का होना चाहिए.
- तिरंगा हमेशा कॉटन, सिल्क या फिर खादी का ही होना चाहिए.
- केसरिया रंग को नीचे की तरफ करके तिरंगा फहराना गलत है.
- तिरंगे को हमेशा ऊंची जगह पर फहराना चाहिए.
- तिरंगे का इस्तेमाल किसी कार्यक्रम में मेज को ढकने या मंच को सजाने में नहीं किया जाता है.
- कभी भी फटा या मैला-कुचैला तिरंगा नहीं फहराया जाता है.
- तिरंगे के कपड़े बनाकर पहनना गलत है. तिरंगे को अंडरगार्मेंट्स, रुमाल या कुशन आदि बनाकर इस्तेमाल करना तिरंगे का अपमान है.