देहरादूनः उद्यान विभाग में कथित अनियमितताओं और उद्यान निदेशक पर भ्रष्टाचार की जांच की मांग को लेकर रानीखेत के सामाजिक कार्यकर्ता व आरटीआई एक्टिविस्ट दीपक करगेती ने 13 दिन बाद अपना आमरण अनशन समाप्त (Deepak Kargeti fast ends) कर दिया है. उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों और सामाजिक संगठनों की ओर से उनको जूस पिलाकर आमरण अनशन समाप्त करवाया गया है. दीपक करगेती उद्यान निदेशक के कथित भ्रष्टाचार की जांच की मांग (Horticulture director corruption investigation) को लेकर गांधी पार्क में आंदोलनरत थे. वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा (Congress state president Karan Mahra) ने दीपक करगेती का समर्थन करते हुए सरकार पर हमला बोला है.
करन माहरा ने कहा कि हॉर्टिकल्चर ही नहीं बल्कि पूरी की पूरी सरकार ही भ्रष्टाचार में लिप्त है. उन्होंने कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता दीपक करगेती की ओर से लगाए गए आरोप निश्चित ही गंभीर हैं और इन आरोपों की जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को सरकार से संरक्षण प्राप्त हो रहा है. इसलिए अधिकारी निरंकुश हो गए हैं. एक व्यक्ति 13 दिन तक आमरण अनशन पर बैठा रहा, लेकिन सरकार ने उसकी सुध लेना भी मुनासिब नहीं समझा. ऐसे में प्रदेश के हालात बेहद खराब हैं.
वहीं, उन्होंने वन विभाग द्वारा बिना नेशनल जू अथॉरिटी के अनुमति दिए हल्द्वानी जू की चारदीवारी में 20 करोड़ खर्च किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि आम जनता की गाढ़ी कमाई और टैक्स पेयर के रुपयों को खर्च करने में वन विभाग जिस तरह की फिजूलखर्ची और लापरवाही बरत रहा है, उसका संज्ञान सरकार को तुरंत लेना चाहिए.
करन माहरा का कहना है कि अधिकारियों ने बिना अनुमति हल्द्वानी जू की चारदीवारी पर किसके इशारे पर 20 करोड़ रुपए खर्च कर दिए, जबकि हल्द्वानी के गोलापार में अंतरराष्ट्रीय चिड़ियाघर का निर्माण बीते 8 सालों से अधर में लटका हुआ है. ऐसे में बिना फैसला आए वन विभाग की ओर से 20 करोड़ की फिजूलखर्ची का मामला संज्ञान में आया है. उन्होंने अपेक्षा जताई है कि सरकार इस मामले का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई करेगी.