देहरादून: सीडीएस बिपिन रावत के असमय निधन से देश सदमे में है. उनके जाने के बाद हर कोई उन्हें अपने-अपने तरीके से याद कर रहा है. उनके साथ बिताये पलों को याद कर आज भी उनके चाहने वालों की आंखें नम हैं. आम आदमी पार्टी के नेता कर्नल अजय कोठियाल (सेनि.) भी सीडीएस बिपिन रावत के साथ बिताए पलों को याद करते हुए भावुक हुए. उन्होंने सीडीएस बिपिन रावत के निधन पर दुख जताया है. अजय कोठियाल (सेनि.) ने कहा सीडीएस बिपिन रावत का जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है.
कर्नल अजय कोठियाल (सेनि.) ने कहा कि बिपिन रावत के रूप में आज देश ने एक बहादुर और जांबाज योद्धा खो दिया है. उन्होंने बिपिन रावत को पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत बताया. अजय कोठियाल (सेनि.) ने कहा कि सीडीएस बिपिन रावत से उनका पारिवारिक जुड़ाव था. वे हमेशा उनके मेंटोर रहे और रहेंगे.
अजय कोठियाल (सेनि.) ने बताया कि बिपिन रावत के पिताजी ने गोरखा रेजिमेंट में सिपाही के पद से लेकर लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर रहकर देश सेवा की. जिससे प्रेरणा लेकर बिपिन रावत भी सेना के सर्वोच्च पद पर रहने के बाद सीडीएस जैसे अहम पद पर पहुंचे. फौज में रहते हुए जो भी मिशन लिए उनको बखूबी अंजाम दिया. सभी उनके मुरीद थे.
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अजय कोठियाल ने कहा उन्होंने सीडीएस बिपिन रावत से जीवन में बहुत कुछ सीखा है. उन्हें उनके साथ काम करने का भी मौका मिला, जो उनके लिए गौरव की बात है. बीते दिनों को याद करते हुए कर्नल अजय कोठियाल (सेनि.) ने कहा जब मैं सेना में मेजर था उस दौरान मेरी पहली मुलाकात बिपिन रावत से हुई थी. वे मेरे मेंटोर थे.
इसके अलावा अजय कोठियाल (सेनि.) म्यांमार इंटरनेशनल प्रोजेक्ट का जिक्र करना भी नहीं भूले. अजय कोठियाल ने बताया कि जब वे म्यांमार इंटरनेशनल प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे, तब वहां वो किडनैप कर लिए गये थे. तब सीडीएस बिपिन रावत ने मध्यस्थता कराते हुए हमें दुश्मनों के चंगुल से बाहर निकला. उसके बाद उन्होंने उन्हें सुरक्षा भी मुहैया कराई थी. बाद में प्रोजेक्ट पूरा होने पर मैंने
क्या था कोठियाल का म्यांमार प्रोजेक्ट: केदारनाथ पुनर्निर्माण के बाद कर्नल कोठियाल की वुड स्टोन कंस्ट्रक्शन कंपनी ने भारत सरकार के महत्वाकांक्षी कालादान रोड प्रोजेक्ट का कार्य किया. इसी दौरान तीन नवंबर को कर्नल कोठियाल अपनी चार-सदस्यीय टीम के साथ प्रोजेक्ट की रेकी करने म्यांमार गए तो वहां अराकान आर्मी (म्यांमार का विद्रोही संगठन) ने उनका अपहरण कर लिया. तब भारत सरकार के हस्तक्षेप के बाद ने उन्हें छ़ुड़ा लिया गया. इसमें बिपिन रावत का महत्वपूर्ण योगदान रहा.
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इसके बाद कर्नल कोठियाल ने सीडीएस बिपिन रावत मुलाकात कर उनसे सपरिवार गंगोत्री आने का आग्रह किया था. जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया. बिपिन रावत 2019 में अपनी पत्नी के साथ गंगोत्री आए. तब उन्होंने स्वामी सुंदरानंद आश्रम में कई घंटे बिताये. अजय कोठियाल ने कहा कि सीडीएस बिपिन रावत की असामयिक मौत ने देश को हैरान कर दिया है. इस घटना पर बिल्कुल भी भरोसा करने का मन नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि हेलिकॉप्टर हादसे की घटना ने सबको झकझोर दिया है.
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बता दें CDS बिपिन रावत की तमिलनाडु में विमान दुर्घटना में मौत हो गई. ये हादसा तमिलनाडु के कोयंबटूर और सुलूर के बीच कुन्नूर में हुआ. दुर्घटनाग्रस्त वायुसेना के एमआई17-वी5 हेलिकॉप्टर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और उनके साथी सवार थे. इस हादसे से देश को एक बड़ा झटका लगा है. CDS बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ थे. 1 जनवरी 2020 को इस पद पर उनकी नियुक्ति हुई थी. इससे पहले रावत थल सेनाध्यक्ष (Chief of Army Staff) थे. 2016 में वो आर्मी चीफ बने थे.