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Uttarakhand Forest Fire: वर्ल्ड बैंक भी देगा फंड, क्या 47 करोड़ के बजट से बुझेगी जंगलों की आग?

उत्तराखंड में वनाग्नि पर काबू पाना बड़ी चुनौती है. इस बार बारिश कम होने का कारण वनाग्नि की आशंका पहले से ज्यादा बढ़ गई है. कई इलाकों में तो फायर सीजन के शुरुआत में ही जंगलों की आग धधकने लगी है. इसीलिए वन विभाग इस बार जंगल की आग पर काबू पाने के लिए विशेष बजट का इंतजाम किया है.

Forest Fire
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Published : Mar 6, 2023, 6:11 PM IST

उत्तराखंड में वनाग्नि पर काबू पाना बड़ी चुनौती.

देहरादून: उत्तराखंड में वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए जहां वन विभाग इस बार ज्यादा सक्रिय दिखाई दे रहा है, तो वही जंगलों में आग की घटना की अधिक संभावना को देखते हुए इस बार बजट की भी विशेष व्यवस्था की जा रही है. राज्य में वनों की आग पर नियंत्रण पाने के लिए करीब 47 करोड़ की व्यवस्था की जा रही है, जिसमें पहली बार वर्ल्ड बैंक से भी बजट मिलने की उम्मीद है.

उत्तराखंड वन विभाग इस बार जंगलों में आग की घटनाओं को रोकने के लिए एक बड़ा बजट खर्च करने जा रहा है. इसके तहत पहली बार वन विभाग ने वर्ल्ड बैंक से भी बजट को लेकर मदद लेने का फैसला लिया है. महकमे ने वर्ल्ड बैंक की एक योजना के तहत वनाग्नि के लिए 27 करोड़ की डीपीआर तैयार की है, जिसे पहले फेज में विभाग के स्तर पर बनाई गई कमेटी ने पास भी कर दिया है.
पढ़ें- Uttarakhand Forest Fire: अभी से ही धधक रहे जंगल, वर्ल्ड बैंक प्रोजेक्ट में 200 करोड़ की व्यवस्था

इस तरह उत्तराखंड वन विभाग को वर्ल्ड बैंक से एक बड़ी रकम जंगलों में आग की घटनाओं के लिए मिलने जा रही है. दूसरी तरफ विभिन्न दूसरी विभागीय योजनाओं के तहत भी विभाग को बजट मिलने जा रहा है, इसमें राज्य सेक्टर की 2 योजनाओं में वनाग्नि के लिए बजट मौजूद है, दूसरी तरफ कैंपा के तहत भी विभाग को इसके लिए अलग बजट मिल रहा है.

इसके अलावा भारत सरकार की फॉरेस्ट फायर प्रीवेंशन मैनेजमेंट स्कीम के तहत भी विभाग को अलग से बजट मिला है. इस तरह इसमें कुल 20 करोड़ की राशि विभाग को मिली है. इस तरह कुल ₹47 करोड़ विभाग के पास जंगलों में आग बुझाने से जुड़े तमाम कार्यों के लिए मौजूद होंगे.
पढ़ें- आग बुझाने के पारंपरिक तरीकों को भूला वन महकमा, नई फायर लाइन बनाने में नहीं रुचि

वनाग्नि एवं आपदा विभाग को मिलने वाले इस बजट के जरिए वन विभाग फायर सेफ्टी से जुड़े तमाम इक्विपमेंट को अपग्रेड कर पाएगा. यही नहीं कर्मचारियों की ट्रेनिंग से लेकर आग बुझाने के उपकरण और चौकियों के बेहतर हालात को करने में यह बजट काम आएगा. उधर सैटेलाइट के जरिए मॉनिटरिंग का सिस्टम तैयार करने कम्युनिकेशन सिस्टम बढ़ाने और गाड़ियों की उपलब्धता जैसे कार्य भी इस वजह से हो सकेंगे.

उत्तराखंड में वनाग्नि पर काबू पाना बड़ी चुनौती.

देहरादून: उत्तराखंड में वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए जहां वन विभाग इस बार ज्यादा सक्रिय दिखाई दे रहा है, तो वही जंगलों में आग की घटना की अधिक संभावना को देखते हुए इस बार बजट की भी विशेष व्यवस्था की जा रही है. राज्य में वनों की आग पर नियंत्रण पाने के लिए करीब 47 करोड़ की व्यवस्था की जा रही है, जिसमें पहली बार वर्ल्ड बैंक से भी बजट मिलने की उम्मीद है.

उत्तराखंड वन विभाग इस बार जंगलों में आग की घटनाओं को रोकने के लिए एक बड़ा बजट खर्च करने जा रहा है. इसके तहत पहली बार वन विभाग ने वर्ल्ड बैंक से भी बजट को लेकर मदद लेने का फैसला लिया है. महकमे ने वर्ल्ड बैंक की एक योजना के तहत वनाग्नि के लिए 27 करोड़ की डीपीआर तैयार की है, जिसे पहले फेज में विभाग के स्तर पर बनाई गई कमेटी ने पास भी कर दिया है.
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इस तरह उत्तराखंड वन विभाग को वर्ल्ड बैंक से एक बड़ी रकम जंगलों में आग की घटनाओं के लिए मिलने जा रही है. दूसरी तरफ विभिन्न दूसरी विभागीय योजनाओं के तहत भी विभाग को बजट मिलने जा रहा है, इसमें राज्य सेक्टर की 2 योजनाओं में वनाग्नि के लिए बजट मौजूद है, दूसरी तरफ कैंपा के तहत भी विभाग को इसके लिए अलग बजट मिल रहा है.

इसके अलावा भारत सरकार की फॉरेस्ट फायर प्रीवेंशन मैनेजमेंट स्कीम के तहत भी विभाग को अलग से बजट मिला है. इस तरह इसमें कुल 20 करोड़ की राशि विभाग को मिली है. इस तरह कुल ₹47 करोड़ विभाग के पास जंगलों में आग बुझाने से जुड़े तमाम कार्यों के लिए मौजूद होंगे.
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वनाग्नि एवं आपदा विभाग को मिलने वाले इस बजट के जरिए वन विभाग फायर सेफ्टी से जुड़े तमाम इक्विपमेंट को अपग्रेड कर पाएगा. यही नहीं कर्मचारियों की ट्रेनिंग से लेकर आग बुझाने के उपकरण और चौकियों के बेहतर हालात को करने में यह बजट काम आएगा. उधर सैटेलाइट के जरिए मॉनिटरिंग का सिस्टम तैयार करने कम्युनिकेशन सिस्टम बढ़ाने और गाड़ियों की उपलब्धता जैसे कार्य भी इस वजह से हो सकेंगे.

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