देहरादून: तपोवन सुरंग में फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए पांच दिन से चौबीसों घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत खुद मौजूदा हालात पर नजर बनाए हुए हैं. मुख्यमंत्री खुद रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटिरिंग कर रहे हैं. इसी बीच लापता लोगों की सूची में शामिल मेरठ के रोहित सकुशल मिल गए हैं, जिससे उनके परिजनों में खुशी की लहर है.
रोहित ने बताया कि वो इलेक्ट्रीशियन हैं. उन्होंने कहा कि वो अपने काम से सिलसिले में तपोवन से भी ऊपर सुराही कोटा गए हुए थे. वहां पर मोबाइल नेटवर्क की समस्या है. उन्होंने बताया कि जब वो वहां गए तो करीब तीन दिन तक उनकी बात परिजनों से हुई. तीन दिन बाद उनको मोबाइल नेटवर्क मिलना बंद हो गया. जिस वजह से परिजनों संपर्क नहीं हो पाया.
रोहित ने बताया कि उनको तपावन में त्रासदी की सूचना तब मिली जब उनके ठेकेदार सुभाष उनके पास पहुंचे. ठेकेदार ने रोहित को वहीं पर रहने के लिए कहा. इस दौरान रोहित के परिजनों को कोई सूचना नहीं मिल पाई कि रोहित सुरक्षित हैं. रोहित ने बताया उनकी मदद सेना के जवानों ने की है. रोहित ने बताया कि अब वो घर लौटेंगे.
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बता दें, जोशीमठ आपदा को हुए आज पांचवां दिन है. इस जल प्रलय के रेस्क्यू ऑपरेशन में 600 से अधिक सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के जवान जुटे हुए हैं. ये जवान बाढ़ से प्रभावित और संपर्क से बाहर हुए गांवों में खाना, दवाइयां और अन्य जरूरी चीजें भी पहुंचा रहे हैं. राज्य के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राहत-बचाव दल को ट्वीट कर धन्यवाद कहा है. इस आपदा में अभी तक 35 शव बरामद हो चुके हैं. जबकि 10 शवों का शिनाख्त हो चुकी है. वहीं 168 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं.