देहरादून: आईएसबीटी (ISBT) से रिस्पना तक सड़क की स्थिति सुधरने की उम्मीद एक बार फिर टूट गई है. बता दें कि, वर्ष 2012 में देहरादून की सबसे महत्वपूर्ण सड़क जो कि दिल्ली, सहारनपुर और चंडीगढ़ से आने वाली सड़क को गढ़वाल और कुमाऊं की तरफ जोड़ती है, आईएसबीटी से रिस्पना तक की सड़क चौड़ीकरण की शुरुआत की गई थी. विभागीय अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत के कारण यह रोड पिछले 10 सालों से अधर में लटकी हुई थी. हाल ही में लोक निर्माण विभाग (Public Works Department Dehradun) द्वारा इस सड़क पर दोबारा से टेंडर किया गया. लेकिन अब ठेकेदार की बैंक गारंटी फर्जी पाए जाने के बाद यह काम लटक जाएगा.
उत्तराखंड शासन ने आईएसबीटी से रिस्पना पुल तक चौड़ीकरण का काम कर रही कंपनी का टेंडर तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है. शासन द्वारा बताया गया है कि इससे टेंडर प्रक्रिया में वित्तीय अनियमितताएं हुई हैं जिसमें कि 2 विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता भी पाई गई है. शासन द्वारा जारी किए गए पत्र के अनुसार एनएच-72 के इस हिस्से पर एसपी ओमपाल सिंह और रणवीर सिंह द्वारा फर्जी बैंक गारंटी पर इस टेंडर को पास किया गया था. जिसकी वजह से अब दोनों अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है.
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विभागीय अध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि पूर्व में भी इस सड़क पर इसी तरह की अनियमितता देखने को मिली थी. इस बार भी इसी तरह की अनियमितता देखने को मिली है. जिस पर विभागीय कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि विभागीय कार्रवाई पूरी होने के बाद इस सड़क के चौड़ीकरण का काम एक बार फिर से शुरू कर दिया जाएगा.