देहरादून: राजधानी में स्मार्ट सिटी का कार्य जारी है, लेकिन खस्ताहाल कराहती सड़कों पर सुहाना सफर महज सुनहरा ख्वाब बन कर रह गया है. शहर की लाइफलाइन कही जाने वाली सड़कें आए दिन हादसों को दावत दे रही हैं. देश-विदेश से सैलानी देहरादून आते हैं, लेकिन स्मार्ट सिटी के नाम पर खोदी सड़कें उनके लिए परेशानी का सबब बन रही हैं. शहर के मुख्य द्वार ISBT से बाहर आते ही ये बदरंग तस्वीर साफ देखी जा सकती है. साथ ही खस्ताहाल सड़कों पर चलना मुश्किल भरा ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है.
हादसों को दावत दे रहीं सड़कें
शहर की कई सड़कें बेहाल हैं और यहां से निकलने वाले राहगीर भी बेहद परेशान होते हैं. ISBT के बाहर सड़कों की हालत इतनी दयनीय हो चुकी है कि दिन भर धूल, मिट्टी और खुदी हुई सड़क हादसों को दावत दे रही है. लेकिन जिम्मेदारी अधिकारियों को मालूम होने के बाद भी इस ओर कोई कार्य नहीं किया जा रहा है. वहीं हैरानी की बात यह है कि कई महीनों से देहरादून आईएसबीटी के बाहर बदहाल स्थिति में इन सड़कों की मरम्मत कराने की सुध ना तो लोक निर्माण विभाग को है और ना ही जिम्मेदार विभागों पर नकेल कसने वाले जिलाधिकारी को ही इस परेशानी से कोई सरोकार है.
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बता दें कि वर्तमान में देहरादून शहर में 35 सड़कें खुदी पड़ी है. अधिकांश स्मार्ट सिटी निर्माण कार्य के चलते प्रभावित है. देहरादून आईएसबीटी जो शहर का प्रवेश द्वार भी है, वहां इस कदर सड़कों की दुर्दशा देखकर उत्तराखंड की राजधानी पहुंचने वाला हर कोई पर्यटक-यात्री हैरान और परेशान हो जाता है. सड़क की बदहाली का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता कि हल्की बारिश होने पर भी सड़क पर जगह-जगह जलभराव हो जाता है. सड़क पर मौजूद इन गड्ढों से वाहन चालकों को झटके लगते हैं.
स्थानीय कारोबारी परेशान
स्थानीय रेडीमेड कपड़ा व्यापारी शरद वर्मा के मुताबिक सड़कों के हालत इतने बद से बदतर हैं कि, महीनों से खुदी पड़ी सड़कों की धूल-मिट्टी से दुकान में रखा सामान खराब हो गया है. जिसकी वजह से व्यापार पूरी तरह से प्रभावित है. इतना ही नहीं यहां सड़कों की हालत से हर कोई परेशान हैं, लेकिन महीनों से खुदी पड़ी सड़कों की सुध लेने वाला कोई नहीं है.
वहीं, ISBT के कुछ अन्य दुकानदारों का भी मानना है कि देहरादून को स्मार्ट सिटी बनाने की सपने जनता दिखाकर जिस तरह के चारों तरफ शहर के सड़कों को खोद कर लापरवाही बरती जा रही है. जो सभी के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. वहीं अगर बात करें आईएसबीटी की तो, जिस तरह की दुर्दशा यहां सड़कों की दिख रही है, उससे कई बेहतर गांव की सड़कें नजर आती हैं. ऐसे में जो भी पर्यटक यात्री मुसाफिर देहरादून आईएसबीटी पहुंचकर बाहर निकलता है वे खस्ताहाल मार्गों पर सफर करने के लिए मजबूर हैं.
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क्या कहते हैं अधिकारी
देहरादून में खस्ताहाल सड़कों को लेकर जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव का मानना है कि शहर के लगभग 2 किलोमीटर के दायरे में ही स्मार्ट सिटी कार्ययोजना तहत सड़कें खोदी गई थी जो अब निर्माण कर दी गई है. हालांकि आईएसबीटी के समीप जो सड़कों की हालत खराब बताई जा रही है, उसके बारे में उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं है. डीएम ने कहा कि,ऐसा अनुमान है कि गैस पाइपलाइन की वजह से वहां सड़कें खोदी गई है. अगर उसमें किसी तरह की लापरवाही या समय से सड़क निर्माण को लेकर लेटलतीफी सामने आ रही है तो इसके लिए संबंधित विभाग से जवाब तलब कर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.
खस्ताहाल सड़कों से परेशानी-
- रोड के गड्ढे साबित हो सकते हैं खतरनाक.
- हादसों को दावत.
- हड्डियों के लिए नुकसानदायक.
- शरीर की हड्डियों के साथ मसल्स को पहुंच सकता है नुकसान.
- मसल्स पेन जैसी दिक्कतों को न्यौता देना.
- रीढ़ की हड्डी में आ सकती है दिक्कत.