देहरादूनः उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. ऐसे में सभी राजनीतिक दल विभिन्न मुद्दों को उठाकर जनता को रिझाने में जुटे हैं. इसी कड़ी में राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी (सत्य) के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भी सचिवालय कूच किया, लेकिन पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. इस दौरान उन्होंने प्रदेश के युवाओं को रोजगार और बेरोजगारी भत्ता देने की मांग की.
बुधवार को राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी के तमाम कार्यकर्ता परेड ग्राउंड में एकत्रित हुए. जिसके बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह राणा के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सचिवालय कूच किया. लेकिन सुभाष रोड पर पहले से ही मौजूद भारी पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों को बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. इससे नाराज प्रदर्शनकारी सड़क पर ही धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे. इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया. जिससे भगदड़ मच गई.
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पहले ही धरने पर बैठी भोजन माताओं में मची अफरा तफरीः इससे पहले बैरिकेडिंग पर प्रदेशभर की भोजन माताएं अपना मानदेय ₹5000 किए जाने की मांग को लेकर डटीं हुई थी और धरने पर बैठ कर मानदेय बढ़ाने की मांग कर रही थी. तभी राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी के कार्यकर्ताओं के वहां पहुंचने पर अफरा तफरी का माहौल हो गया. सचिवालय जाने की जिद पर अड़े राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी के कार्यकर्ता बैरिकेडिंग पर आगे जाने की कोशिश करने लगे, ऐसे में पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच तीखी झड़प हो गई. पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए लाठियां फटकार दी.
इस वजह से पुलिस ने फटकारी लाठीः भोजन माताओं के धरने पर बैठे रहने के बावजूद वहां पर जगह की कमी होने लगी. काफी समझाने के बाद भी पार्टी कार्यकर्ता पीछे हटने को तैयार नहीं हुए. इस दौरान एक महिला दरोगा से एक कार्यकर्ता की तीखी नोकझोंक हो गई. इस अफरातफरी के बीच अधिकारियों के रुकने के बावजूद महिला दरोगा उस कार्यकर्ताओं को पीटती रही. इससे राष्ट्रीय जनलोक पार्टी के अन्य कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए. जिससे वहां तनाव का माहौल पैदा हो गया. जिस पर पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया. जिसमें 5 कार्यकर्ता चोटिल हो गए.
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पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह राणा का कहना है कि राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी करीब एक साल से पूरे उत्तराखंड में संघर्ष कर रही थी कि प्रदेश के युवाओं के लिए 70% रोजगार दिए जाने का कानून बनाया गया है, लेकिन इस कानून का पालन किसी सरकार ने नहीं किया. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड मूल के निवासियों को 70% रोजगार दिए जाने की मांग को लेकर उन्होंने सचिवालय घेराव किए जाने का निर्णय लिया है. साथ ही कहा कि राजेपी सरकार से राज्य के युवाओं को रोजगार या बेरोजगारी भत्ता दिए जाने की भी मांग करती है.
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2022 के चुनावों को देखते हुए पार्टी कर सकती है गठबंधनः शेर सिंह राणा का कहना है कि राष्ट्रीय जन लोक पार्टी हरिद्वार की सभी 11 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी. इसके साथ ही पार्टी देहरादून, कोटद्वार, उधम सिंह नगर की कुछ सीटों पर भी चुनाव लड़ने जा रही है. कुल मिलाकर 25 से 30 विधानसभा सीटों पर उनकी चुनाव लड़ने की तैयारी है. हालांकि, उन्होंने कहा कि यदि किसी पार्टी से गठबंधन भी किया जाता है तो इस संबंध में पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष की ओर से वार्ता चल रही है.
कौन है शेर सिंह राणा: शेर सिंह राणा का जन्म 17 मई 1976 को रुड़की में हुआ था. वो सुर्खियों में तब आया, जब उसने 25 जुलाई, 2001 के दिन समाजवादी पार्टी की सांसद फूलन देवी की दिल्ली के अशोका रोड स्थित उनके सरकारी आवास पर गोलियों से भूनकर हत्या कर दी. हत्या का आरोप शेर सिंह राणा और उसके तीन साथियों पर लगा था. हत्या के दो दिन बाद देहरादून के प्रेस क्लब में शेर सिंह और उसके साथियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था. राणा ने कहा था कि 1981 में फूलन द्वारा की गई 22 ठाकुरों की हत्या का बदला लेने के लिए उसने फूलन को मारा.
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तब मुन्नी ने ठहराया था हत्या का जिम्मेदार: फूलन देवी की हत्या के बाद मुन्नी ने ये बयान दिया था कि राणा ने ही गोलियां चलाई थीं. फिर मुन्नी ने चौंकाते हुए 2007 में ट्रायल के दौरान बयान बदला और कहा कि राणा को इस हत्याकांड में फंसाया गया, जबकि वास्तव में हत्या सांसद के पति उमेद सिंह ने करवाई थी.
तिहाड़ से फरार: हत्या के इस मामले में दिल्ली की एक अदालत ने 2014 में फूलन देवी हत्याकांड का दोषी मानते हुए शेर सिंह राणा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, जबकि उसके 3 दोस्तों को बरी कर दिया गया था. इसी साल 17 फरवरी को शेर सिंह राणा नाटकीय ढंग से देश की सबसे सुरक्षित समझी जाने वाली दिल्ली की तिहाड़ जेल से फरार हो गया था.
तिहाड़ से निकलकर शेर सिंह राणा बांग्लादेश, दुबई होते हुए अफगानिस्तान पहुंचा था. उसने रांची झारखंड निवासी संजय गुप्ता के नाम से फर्सी पासपोर्ट बनवाकर ये काम किया था. अफगानिस्तान जाकर उसने वहां गजनी में रखी अंतिम हिंदू सम्राट कहे जाने वाले पृथ्वीराज चौहान की समाधि से मिट्टी लाने का दावा भी किया था. काफी वक्त गुजरने के बाद उसकी गिरफ्तारी हुई थी. तब से दिल्ली की तिहाड़ जेल में रहे शेर सिंह को वर्ष 2017 में जमानत मिली. शेर सिंह राणा ने 2012 में उत्तर प्रदेश के जेवर से निर्दलीय चुनाव भी लड़ा था, लेकिन उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी थी.
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शादी के बाद फंक्शन में भी साथ दिखी थी मुन्नी: 20 फरवरी 2018 को राणा की शादी छतरपुर के पूर्व विधायक राणा प्रताप सिंह की बेटी प्रतिमा राणा से हुई है. रुड़की में शादी के बाद मैरिज फंक्शन दिल्ली रोड स्थित एक होटल में किया गया. जिसमें कुछ चुनिंदा लोग ही शामिल हुए थे. शादी के तुरंत बाद 20 मई को राणा के सम्मान में एक सामाजिक कार्यक्रम हुआ, जिसमें मुन्नी देवी भी उसके साथ दिखाई दी थी.