देहरादून: उत्तराखंड में मौसम ने भी नए साल का स्वागत दिल खोल कर किया. नए साल के मौके पर प्रदेश के कई इलाकों में बर्फबारी हुई. जिससे कई जगहों का नजारा जन्नत सा नजर आ रहा है. इतना ही नहीं भारत-चीन सीमा पर नीति बॉर्डर के पास कई झरने जम गए. इसके अलावा पारा गिरने से पानी फ्रीज हो गए. जिसे देख ऐसा लग रहा है कि किसी ने शीशा रख दिया हो.
भले ही दिसंबर का महीना सूखा ही बीता हो, लेकिन नए साल पर कुदरत मेहरबान हुआ है. साल के पहले दिन ही उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी देखने को मिली. सबसे खूबसूरत नजारा चमोली जिले के नीति घाटी में देखने को मिल रही है. जहां कुदरत ने अपनी कलाकारी दिखाई है. यहां नदी नाले और झरने के पानी तक जम गए हैं. टिम्मरसैंण महादेव मंदिर के गुफा की चट्टान पर बहता पानी जमकर आकृतियां लेने लगा है. जिससे गुफा और मंदिर का सौंदर्य निखरने लगा है.
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ऐसा ही नजारा उत्तरकाशी के हर्षिल क्षेत्र में देखने को मिल रहा है. जहां बर्फबारी के बाद नजारा बेहद खूबसूरत दिखाई दे रहा है. हर्षिल उन खूबसूरत स्थलों में शुमार है, जहां आपको कुदरत की कारीगरी देखने को मिलेगी. यही वजह है कि नए साल के मौके पर हर्षिल में समय बिताने के लिए काफी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. इस बार भी बर्फबारी का नजारा देख खुशी से झूम उठे. जनवरी महीने में अमूमन ऐसा ही नजारा उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों में देखने को मिलेंगी. मौसम विभाग की मानें तो आने वाले दिनों में ठंड में इजाफा होगा. जिससे नदी नाले फ्रीज नजर आएंगे. जबकि, निचले इलाकों में शीतलहर का प्रकोप जारी रहेगा.
उधर, नैनीताल, मसूरी समेत अन्य पर्यटक स्थलों पर इस बार बाकी साल की मुकाबले भीड़ थोड़ी कम दिखाई दी. नैनीताल होटल एसोसिएशन के पदाधिकारी कमल बताते हैं कि पुलिस की सख्ताई और भीड़भाड़ का लगातार संदेश जाने से पर्यटक कम आए हैं. सोशल मीडिया समेत अन्य प्लेटफार्म पर भी लगातार इस बात को प्रचारित और प्रसारित किया जा रहा था कि होटल एवं गेस्ट हाउस पूरी तरह से बुक हो गए हैं. जिसकी वजह से पर्यटकों ने दूसरे हिल स्टेशनों का रुख किया. जिसका असर उनके व्यापार भी पड़ा है.
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