ऋषिकेशः बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में संस्कृत के प्रो. फिरोज खान को बाहर निकाले जाने का मामला थमने का नहीं ले रहा है. मामले को लेकर संस्कृत विद्वानों में भारी आक्रोश है. इसी कड़ी में ऋषिकेश के संस्कृत के विद्वान और BHU के पूर्व छात्र आचार्य पंकज ने भी फिरोज खान का समर्थन दिया है. उनका कहना है कि फिरोज खान को ससम्मान के साथ फिर से यूनिवर्सिटी में बुलाना चाहिए.
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में संस्कृत के प्रोफेसर को लेकर चल रहा विवाद बढ़ता ही जा रहा है. संस्कृत के प्रोफेसर फिरोज खान के समर्थन में अब लोग आगे आने लगे हैं. ऋषिकेश में रहने वाले बीएचयू के पूर्व छात्र और संस्कृत के विद्वान आचार्य पंकज ने फिरोज खान को विश्वविद्यालय से निकालने के निकाले जाने की घोर निंदा की है. उन्होंने कहा कि यह निर्णय जिसने भी लिया है, उन्हें इस निर्णय पर विचार करना चाहिए.
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आचार्य पंकज ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि गैर हिंदू धर्म के लोग संस्कृत की शिक्षा ग्रहण कर संस्कृत का ज्ञान बांट रहे हैं. संस्कृत हमारी देव भाषा है. जो धीरे-धीरे विलुप्ति की कगार पर है. जो लोग इसके संरक्षण और संर्वधन के लिए कार्य कर रहे हैं तो उन्हें निश्चित तौर से आगे बढ़ाना चाहिए. उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा सी विश्व की सभी भाषाओं की जननी है. वहीं, उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस तरह से गैर हिंदू धर्म के लोगों का संस्कृत पढ़ने और पढ़ाने को लेकर विरोध होता रहेगा तो सभी लोग संस्कृत से दूर होते रहेंगे. ऐसे में ये भाषा शनै-शनै विलुप्त हो जाएगी.
गौर हो कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत संकाय में प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति के बाद से ही छात्रों द्वारा उनका विरोध किया जा रहा है. प्रोफेसर फिरोज खान ने 5वीं कक्षा से संस्कृत पढ़ना शुरू किया था. इसके बाद उन्होंने जयपुर के राष्ट्रीय संस्कृत शिक्षा संस्थान से एमए और पीएचडी की उपाधि हासिल की. फिरोज को 14 अगस्त को मनाए जाने वाले संस्कृत दिवस पर राज्य स्तरीय संस्कृत युवा प्रतिभा सम्मान समारोह में भी सम्मानित किया जा चुका है.