ऋषिकेश: नगर निगम ऋषिकेश की करतूत से पूरा शहर शर्मशार होता दिख रहा है. बाबा साहेब अंबेडकर चौक के पुनर्निर्माण में पहले तो होर्डिंग पर एक जनप्रतिनिधि ने खुद की फोटो को बड़ा दिखाया. इसके बाद चौक पर टाइल्स से तिरंगा बना दिया गया. इसे राष्ट्रध्वज का अपमान बताया गया. मामला बढ़ा तो आनन-फानन में टाइल्स को उखड़वाए गए. लेकिन जिम्मेदार सरकारी नुमाइंदे भी रसूख के आगे बेबस नजर आ रहे हैं. यही कारण है कि अभी तक इस मामले में किसी के भी खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई.
बता दें कि ऋषिकेश में नगर निगम ने बाबा साहेब भीमराम राव अंबेडकर चौक का पुनर्निर्माण कराया था. चौक का सौंदर्यीकरण करने की बात कहते हुए निगम ने संविधान निर्माता की नई प्रतिमा व फव्वारा भी लगाया. निगम के मुताबिक इस पर करीब 15 लाख रुपए का खर्च आया. हैरानी की बात यह है कि बाबा साहेब के सम्मान में निगम के अधिकारी न जाने कब यह भूल गए कि उन्होंने राष्ट्रध्वज का अपमान कर दिया. टाइल्स से उन्होंने बाबा साहेब की प्रतिमा के पीछे तिरंगा बनवा दिया, जो जमीन से छूता हुआ था.
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ताज्जुब की बात यह है कि ये सब किसी और के सामने नहीं बल्कि जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों की आंखों के सामने हुआ. कई दिन तक बाकायदा राष्ट्रध्वज के रूप में टाइल्स दीवार पर चिपकी रहीं, लेकिन रसूख के आगे किसी भी अधिकारी ने संबंधित ठेकेदार और निगम के खिलाफ राष्ट्रध्वज के अपमान को लेकर एक्शन लेने की जहमत नहीं उठाई.
मामला उछला और कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाने का मन बनाया तो अज्ञानता के अंधेरे से निगम बाहर निकला. राष्ट्रध्वज के रूप में बनी टाइल्स को हटवाया गया और अब सामान्य टाइल्स को चौक पर लगवा दिया गया है. दिलचस्प बात यह है कि अपमान की यह करतूत सिर्फ तिरंगे तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि चौक पर ही सत्ता के आगोश में बाबा साहेब की फोटो से बड़ी फोटो होर्डिंग में लगाने का मामला भी शहर में सोशल मीडिया पर खूब उठा. मामले ने तूल पकड़ा तो चौक की दीवार पर चस्पा होर्डिंग को भी निगम ने हटवा दिया.
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बहरहाल, पहले होर्डिंग और अब राष्ट्रध्वज हटाने पर निगम पर शहर में चर्चाओं का दौर जारी है. कहीं न कहीं ऋषिकेश में नगर पालिका से अपग्रेड होकर नगर निगम बने निकाय की साख पर भी इन करतूतों से बट्टा लगता दिख रहा है.