ऋषिकेश: रविवार को नगर निगम बोर्ड की बैठक में आधे से ज्यादा निर्वाचित पार्षद नदारद दिखे. इनमें विपक्षी नहीं, बल्कि भाजपा के पार्षद भी शामिल हैं. निर्धारित बहुमत न होने के बावजूद सिर्फ बोर्ड बैठक आयोजित ही नहीं की गई, उसमें वित्तीय वर्ष 2020-21 खर्च और नए वार्षिक बजट को पास भी कर दिया गया.
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यही नहीं, बैठक में पार्षदों के विकास कार्यों से जुड़े प्रस्ताव पर चर्चा के साथ ही उन्हें पारित भी किया गया. दिलचस्प बात यह है कि इसमें गैर मौजूद पार्षदों के सभी प्रस्तावों को छोड़ दिया गया. यह कहा गया कि इन प्रस्ताव को अगली बोर्ड बैठक में रखा जाएगा. पार्षद शिवकुमार गौतम ने बताया कि यह बोर्ड बैठक पूरी तरह से है. इसकी शिकायत डीएम और कमिश्नर से की जाएगी. जरूरत पड़ी, तो इस मामले में हाईकोर्ट तक की शरण ली जाएगी.
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इसपर नगर आयुक्त ने सदन की अध्यक्ष बोर्ड बैठक को स्थगित करती है. उस स्थगन की सूचना सभी को दे दी जाती है. इस बाबत 15 मार्च को हुई बोर्ड बैठक में पहले ही सभी सभासद को जानकारी दी गई थी. निर्धारित तिथि पर कोई पार्षद नहीं आता है, तो एक्ट में प्रावधान है कि जितने लोग मौजूद हैं, उसके मुताबिक सदन को चलाया जा सकता है. इसमें बहुमत का कोई औचित्य नहीं रह जाता है.