ऋषिकेशः एमडीडीए की कार्यशैली अकसर सवालों के घेरे में रहती है. खासकर ऋषिकेश और आसपास के क्षेत्र में छोटे निर्माण करने वालों पर कार्रवाई और रसूखदारों पर मेहरबानी बरतने के आरोप लगते आए हैं. अब ऋषिकेश नगर निगम की मेयर अनिता ममगाई ने भी एमडीडीए की कार्यशैली पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. जिनके जवाब एमडीडीए के अधिकारियों के पास नहीं है. जिससे मेयर काफी नाराज दिखाई दे रही हैं. उन्होंने एमडीडीए के अधिकारियों को फटकार (Anita Mamgain reprimands MDDA officials) लगाते हुए कार्रवाई में समानता और अपने मानकों को क्लियर करने के निर्देश दिए हैं.
दरअसल, एमडीडीए यानी मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (Mussoorie Dehradun Development Authority) के खिलाफ लगातार मिल रही शिकायतों का संज्ञान लेने के बाद मेयर अनिता ममगाईं (Rishikesh Mayor Anita Mamgain) एक्शन में दिखाई दे रही हैं. उन्होंने एमडीडीए, वन विभाग, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई और अन्य विभागों के अधिकारियों की बैठक नगर निगम में बुलाई. बैठक के दौरान मेयर ने एमडीडीए के अधिकारियों से एक के बाद एक कई सवाल पूछे डाले. जिनके जवाब एमडीडीए के अधिकारी नहीं दे सके. जिस पर मेयर अनिता ममगाईं नाराज हो गईं. उन्होंने साफ लहजे में कहा कि एमडीडीए भ्रष्टाचार का अड्डा बनता जा रहा है. नक्शा पास करने के दौरान एमडीडीए डेवलपमेंट चार्ज वसूलता है. जिसे कहां खर्च किया जा रहा है?
मेयर अनिता ममगाई ने बताया कि लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि छोटे भवन निर्माण करने वालों पर एमडीडीए कार्रवाई कर रहा है. उनके भवन सील कर ध्वस्तीकरण के नोटिस भी दिए जा रहे हैं, जबकि बहुमंजिला इमारत बनाने वालों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं हो रहा है. एमडीडीए जिन बहुमंजिला इमारतों को सील भी करता है, बाद में उन्हें खुद खोल ही देता है. सवाल ये है कि जब मानकों के विपरीत बहुमंजिला इमारत खड़ी हो रही है तो फिर वह मानक निर्माण होने के बाद कैसे पूरे हो रहे हैं? हर तरफ एमडीडीए की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इसलिए उन्होंने बैठक बुलाकर एमडीडीएस से अपने मानक स्पष्ट करने के लिए कहा है.
ऋषिकेश मेयर अनिता ममगाईं ने बताया कि नक्शे पास करने के लिए एमडीडीए डेवलपमेंट चार्ज वसूल कर रहा है, लेकिन उस डेवलपमेंट चार्ज से आज तक एक ईंट भी नगर निगम क्षेत्र में विकास नहीं हुआ है. उन्होंने आश्रमों पर हो रहे कब्जों के बारे में भी एमडीडीए को अवगत कराया. साथ ही निर्देश दिए कि तीर्थनगरी का जो स्वरूप है. उसे बिगड़ने नहीं देना है. इसके लिए संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे, जिसकी उच्चाधिकारियों को भी शिकायत की जाएगी.