ऋषिकेश: राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश में कोरोना को लेकर बेहतर व्यवस्थाओं का दावा खोखला साबित होता दिख रहा है. दरअसल, इस अस्पताल में एक भी वेंटिलेटर नहीं है. ऐसे में कोरोना का इलाज कैसे संभव हो पाएगा. इस बाबत सीएमएस व्यवस्था बनाने की बात कर रहे हैं.
ऋषिकेश का सरकारी अस्पताल महज रेफर सेंटर बनकर कर रहा गया है. हालात ऐसे हैं कि कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए अस्पताल में इलाज के लिए कोई इंतजाम नहीं दिख रहे हैं. कोरोना वायरस से जंग लड़ने के लिए अस्पताल में 15 बेड का आइसोलेशन वॉर्ड तैयार तो किया गया है. लेकिन, वेंटीलेटर की कोई सुविधा नहीं है. हालांकि, अस्पताल प्रशासन वेंटिलेटर का इंतजाम करने की बात कह रहा है. मगर उसके संचालन के लिए कर्मचारी की तैनाती भी अस्पताल में नहीं की गई है.
दिलचस्प बात यह है कि, अस्पताल में व्यवस्थाओं के लिए बनी समिति के अध्यक्ष कोई और नहीं, बल्कि जिलाधिकारी भास्कर हैं. इसके अलावा समिति में कई माननीयों को भी बतौर सदस्य मनोनीत किया गया है.
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सभी अस्पतालों में बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं. लेकिन, ऋषिकेश का राजकीय चिकित्सालय अभी भी सुविधाओं से दूर है. या फिर ये कहें कि यहां के चिकित्सा अधिकारी ने अस्पताल की कमियों से किसी को अवगत ही नहीं कराया.