देहरादून: उत्तराखंड में इन दिनों भले ही कड़ाके की ठंड पड़ रही है. लेकिन गैरसैंण को लेकर सूबे की राजनीति में गजब की गर्माहट है. गैरसैंण की ठंड सूबे के दो दिग्गजों के बीच जुबानी जंग की वजह बनी हुई है. स्थिति यह है कि एक तरफ हरीश रावत गैरसैंण पर एक्शन में हैं तो वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह तीखे बयानों से सक्रिय है.
सूबे की राजनीति में इन दिनों गैरसैंण गर्मागर्म राजनीतिक बयानबाजी का विषय बना हुआ है. हालांकि राजनीति में बात ठंड की हो रही है, लेकिन बयानों में तीखा आभास हो रहा है.
बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र गैरसैंण में कराए जाने की मांग उठी थी. लेकिन राज्य सरकार ने ठंड का हवाला देकर इसे देहरादून में ही आहूत किये जाने का फैसला लिया. ऐसे में हरीश रावत ने इस मुद्दे को उठाते हुए विधानसभा सत्र के पहले दिन गैरसैंण में धरना देने का निर्णय लिया है.
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इस धरने के जरिए हरीश रावत संदेश देना चाहते है कि वह इस उम्र में भी गैरसैंण में ठंड महसूस नहीं कर रहे. जबकि सरकार ठंड का बहाना लेकर गैरसैंण में सत्र नहीं कराना चाहती है.
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जब इस बारे में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से सवाल किया गया तो उन्होंने हरीश रावत को उनकी पुरानी चुनावी हार याद दिला दी. उसने कहा कि हरीश रावत को हरिद्वार और किच्छा की जनता ने फ्री कर दिया है. वह इस फ्री टाइम आनंद ले रहे हैं.