देहरादून: धामी सरकार के कैबिनेट का अगर फैसला धरातल पर उतरता है तो उत्तराखंड में एक नये तरह का एडवेंचर सैलानियों को देखने को मिलेगा. जिन पुलों को पीडब्ल्यूडी और अन्य दूसरे विभागों ने ये कह कर बंद या रिजेक्ट कर दिया है कि ये अब और अधिक वजन सहने के लिए योग्य नहीं है या उनकी मियाद खत्म हो गई है, ऐसे पुलों को राज्य सरकार अब रेस्टोरेंट और पार्किंग में तब्दील करने जा रही है. मतलब नीचे बहती नदी और ऊपर गाड़ी साइड में लगा कर चाय या खाना खाने का अब आनंद ले पाएंगे. उत्तराखंड में ऐसे तीन जिलों के पुलों को शुरुआती चरण में तैयार किया जाएगा.
आपदा के बाद कमजोर होते पहाड़ और पुलों को लेकर हमेशा से सवाल खड़े होते रहे हैं. अब ऐसे ही पुलों को जो उपयोगी नहीं हैं, उनको काम में लिया जाएगा. उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्री इन पुलों पर रेस्टोरेंट और प्राकृतिक सौंदर्य का भी मजा ले पाएंगे. इस कवायद से बेकार पुलों को सजाया और सवेरा जायेगा. उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद इस काम को पूरा करेगी. अभी चमोली के देवली, टिहरी के गूलर और रुद्रप्रयाग के पाखी में ऐसे पुलों पर पहाड़ी रेस्टोरेंट और पार्किंग बनाने को कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी गई है.
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उत्तराखंड सरकार का मानना है कि उत्तराखंड में पर्यटन और पर्यटकों को बढ़ावा दिया जाए. इसको लेकर कुछ अलग काम करना बेहद जरूरी है. ऐसे में पुलों को संवारने से पर्यटन अलग फील महसूस करेंगे. वहीं सैलानियों को पुल पर घंटों खड़े रहने, खाने-पीने की पूरी तरह से छूट होगी. अभी तक सड़क किनारे एक ही तरह के होटल रेस्टोरेंट होते हैं, लेकिन इन रेस्टोरेंट में कई तरह की अलग चीजें होंगी, जैसे झरने, नदी और भी बहुत कुछ. इस काम के बाद पुलों को ना तो ढहाने की जरूरत होगी और ना ही वीरान पुलों को छोड़ने की, जो बिना देखरेख के और भी अधिक खतरनाक हो जाते हैं.