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कोरोना: परिस्थितियों से मुंह मोड़ रहे अधिकारी, रेमडेसिविर इंजेक्शन की हो रही कमी

उत्तराखंड में कोरोना वायरस के केस और मौत की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. जबकि, राज्य रेमडेसिविर इंजेक्शन की भारी कमी से जूझ रहा है.

remdesivir injection
रेमडेसिविर इंजेक्शन
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Published : Apr 19, 2021, 3:19 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में कोरोना वायरस के मामले अब डराने लगे हैं. जो चिंता का विषय बन गया है. सबसे ज्यादा चिंता रेमडेसिविर इंजेक्शन, आईसीयू वेंटिलेटर बेड्स और ऑक्सीजन समेत वैक्सीन की मात्रा को लेकर है. राज्य में रेमडेसिविर इंजेक्शन की भारी कमी है. हालांकि, इस समस्या से भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मुंह मोड़ के नजर आ रहे हैं.

जानकारी देते स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी.

उत्तराखंड में मरीजों का आंकड़ा हर दिन 2000 से ज्यादा बढ़ रहा है. इस स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को और अधिक बढ़ाने की ओर ध्यान दिया जा रहा है. इस वक्त सबसे ज्यादा चिंता आईसीयू वेंटिलेटर बेड को लेकर है. इतना ही नहीं ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा और इंफेक्शन को दूर करने से जुड़े इंजेक्शन की कमी भी राज्य में चिंता का विषय बनी हुई है.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में रविवार को मिले 2630 नए मरीज, 12 लोगों की मौत

इन सभी स्थितियों पर बात करते हुए सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई एक दिन पहले ही राज्य में की गई है, लेकिन आने वाले 2 या 3 दिनों में इंजेक्शन को लेकर और बेहतर स्थिति होने की उम्मीद है.

स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी कहते हैं कि उत्तराखंड में फिलहाल अलार्म की स्थिति नहीं है. केवल देहरादून में ही मामले ज्यादा आ रहे हैं और इसके लिए जिलाधिकारियों को आईसीयू वेंटीलेटर और ऑक्सीजन की मात्रा पर निगाह बनाए रखने के लिए कहा गया है. साथ ही ऐसे बेड्स की संख्या भी बढ़ाने के लिए कहा गया है. राज्य में डेथ रेट राष्ट्रीय औसत से ऊपर चल रहा है. लेकिन यदि टेस्टिंग का रेट देखें तो वो भी राष्ट्रीय औसत से ऊपर है.

बता दें कि रविवार को उत्तराखंड में कोरोना के 2630 नए केस सामने आए हैं. वहीं कोरोना संक्रमित 12 मरीजों की मौत हुई. प्रदेश में एक्टिव केसों की संख्या 17293 तक पहुंच गई है. प्रदेश में कोरोना का कुल आंकड़ा 124033 है. वहीं, कोरोना के प्रदेश में अभी तक 1868 लोगों की मौत हो चुकी है.

देहरादूनः उत्तराखंड में कोरोना वायरस के मामले अब डराने लगे हैं. जो चिंता का विषय बन गया है. सबसे ज्यादा चिंता रेमडेसिविर इंजेक्शन, आईसीयू वेंटिलेटर बेड्स और ऑक्सीजन समेत वैक्सीन की मात्रा को लेकर है. राज्य में रेमडेसिविर इंजेक्शन की भारी कमी है. हालांकि, इस समस्या से भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मुंह मोड़ के नजर आ रहे हैं.

जानकारी देते स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी.

उत्तराखंड में मरीजों का आंकड़ा हर दिन 2000 से ज्यादा बढ़ रहा है. इस स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को और अधिक बढ़ाने की ओर ध्यान दिया जा रहा है. इस वक्त सबसे ज्यादा चिंता आईसीयू वेंटिलेटर बेड को लेकर है. इतना ही नहीं ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा और इंफेक्शन को दूर करने से जुड़े इंजेक्शन की कमी भी राज्य में चिंता का विषय बनी हुई है.

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इन सभी स्थितियों पर बात करते हुए सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई एक दिन पहले ही राज्य में की गई है, लेकिन आने वाले 2 या 3 दिनों में इंजेक्शन को लेकर और बेहतर स्थिति होने की उम्मीद है.

स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी कहते हैं कि उत्तराखंड में फिलहाल अलार्म की स्थिति नहीं है. केवल देहरादून में ही मामले ज्यादा आ रहे हैं और इसके लिए जिलाधिकारियों को आईसीयू वेंटीलेटर और ऑक्सीजन की मात्रा पर निगाह बनाए रखने के लिए कहा गया है. साथ ही ऐसे बेड्स की संख्या भी बढ़ाने के लिए कहा गया है. राज्य में डेथ रेट राष्ट्रीय औसत से ऊपर चल रहा है. लेकिन यदि टेस्टिंग का रेट देखें तो वो भी राष्ट्रीय औसत से ऊपर है.

बता दें कि रविवार को उत्तराखंड में कोरोना के 2630 नए केस सामने आए हैं. वहीं कोरोना संक्रमित 12 मरीजों की मौत हुई. प्रदेश में एक्टिव केसों की संख्या 17293 तक पहुंच गई है. प्रदेश में कोरोना का कुल आंकड़ा 124033 है. वहीं, कोरोना के प्रदेश में अभी तक 1868 लोगों की मौत हो चुकी है.

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