विकासनगर: कार्तिक महीने में यमुना नदी की निर्मल पवित्र धारा में आस्था की डुबकी लगाने का विशेष महत्व है. हिंदू धर्म में गंगा को ज्ञान की देवी और यमुना को भक्ति का सागर माना गया है. ऐसा माना जाता है कि यमराज ने यमुना को ये वरदान दिया था कि जो भी व्यक्ति यमुना नदी का स्नान करेगा, उसे यमलोक नहीं जाना पड़ेगा.
यमुना नदी भारत की पवित्र नदियों में से एक है. यमुना का उद्गम स्थला यमुनोत्री है. यमुना सूर्य और छाया की पुत्री और मौत के देवता यमराज की बहन मानी जाती है. यमुना को यमराज का वरदान है कि जो व्यक्ति यमुना नदी में स्नान करता है, उसे मृत्यु का भय नहीं रहता और अकाल मृत्यु का संकट हट जाता है. हिंदू धर्म में ऐसा माना गया है कि गंगा को ज्ञान की देवी और यमुना को भक्ति का सागर माना गया है. कथा के अनुसार यमराज ने अपनी बहन यमुना को ये वरदान दिया था कि जो भी व्यक्ति यमुना नदी स्नान करेगा उसे यमलोक नहीं जाना पड़ेगा.
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पांवटा साहिब हिमाचल से यमुना दी में स्नान करने पहुंचे ममता व उनका परिवार का कहना है कि कार्तिक माह में जो भी लोग स्नान करने आते हैं. उनके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है.
हरिपुर स्थित मंदिर के आचार्य विजेंद्र डंगवाल बताते हैं कि यमुना नदी में स्नान से अकाल मृत्यु का योग टल जाता है. क्योंकि यमुना सूर्य देव की पुत्री मानी जाती हैं, इसलिए यमुना में स्नान करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं. पृथ्वी लोक में यमुना का बड़ा महत्व है. इस नदी में स्नान से गंगा में नहाने के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है.