देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते शुक्रवार को बैंकिंग क्षेत्र से जुड़ी दो महत्वपूर्ण घोषणाओं से भविष्य में बैंक ग्राहकों और निवेशकों को न सिर्फ बड़ी राहत मिलने जा रही है बल्कि आर्थिक तंगी से गुजरते देश के बैंकों को भी उबारने में मदद मिलने की उम्मीद बढ़ी है. ऐसा कहना है बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े बड़े निवेशक सलाहकारों का.
एसबीआई के पूर्व इन्वेस्टमेंट सलाहकार जितेंद्र डीडोन ने ईटीवी भारत से कहा है कि PM की सबसे पहली घोषणा जो बैंकों से संबंधित शिकायतों को लेकर सिंगल विंडो की तर्ज पर एकीकरण लोकपाल नियुक्त करने के रूप में हुई है, उससे देशभर के अलग-अलग बैंकों में दिए जाने वाली शिकायतों और उनमें लापरवाही करने जैसी मनमानी बातों को भी सिरे से खत्म कर दिया गया है.
जितेंद्र डीडोन के अनुसार रिजर्व बैंक द्वारा हेल्पलाइन सेंटर जो एकीकरण लोकपाल के रूप में चंडीगढ़ में स्थापित कर दिया गया है. इसमें बैंक से जुड़ा कोई भी ग्राहक सुविधानुसार किसी भी भाषा में अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं.
एसबीआई के पूर्व इन्वेस्टमेंट सलाहकार जितेंद्र डीडोन के मुताबिक सरकारी एवं निजी बैंक जो हर प्रकार की इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए ऋण देते हैं, उनके पास पर्याप्त धन होने के अभाव में यह सुविधा से खुदरा प्रत्यक्ष योजना में जब निवेशक पैसा लगाएंगे तो बैंक के पास दूसरे सेक्टर के लिए पैसा बचेगा और बाकी क्षेत्रों के लिए भी धन उपलब्ध होगा. इस स्कीम को प्रोजेक्ट रूप में शुरू करने से बहुत अच्छा रिस्पांस आया. इसी का नतीजा रहा कि बीते शुक्रवार को स्कीम अनाउंस होने के बाद शनिवार शाम तक सरकारी प्रतिभूतियां को खरीदने के लिए 12,000 से अधिक लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है.
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खुदरा प्रत्यक्ष योजना के तहत बैंक ग्राहक सीधे तौर पर आरबीआई से निवेशक का बांड भर सकेगा और उसे डायरेक्ट भी विक्रय भी कर सकेगा. अब किसी भी सेक्टर में अपने क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए निवेशक के लिए बहुत आसान और सीधा निवेश कर अपनी रिस्क के लिए भी बैंकों से आश्वस्त रहेंगे, क्योंकि आरबीआई बैंक से सीधे जुड़ने पर यह निःशुल्क सुविधा उपलब्ध होगी. खाता प्रत्यक्ष रूप में खुलेगा तो बिचौलियों की आवश्यकता भी नहीं होगी.
ऐसे में धन की उपलब्धता सरकार के पास महत्वपूर्ण कदम के रूप में सामने आएगी. इसकी वजह से विदेशों में विश्वास पैदा होगा. इस समय मुख्य समस्या इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर है, जिससे बहुत ज्यादा धन की आवश्यकता होती है. अब इस तरह के खुदरा प्रत्यक्ष निवेश से सुनिश्चित रिटर्न का आश्वासन भी बैंक द्वारा ग्राहक को मिलेगा. आने वाले समय में लोग अधिक से अधिक बैंक से जुड़ेंगे और संस्थागत निवेशक जो बहुत बड़ी धनराशि इसमें निवेश जो करते थे. उसमें अब न्यूनतम 1 हजार रुपये वाले निवेश भी प्रतिभाग कर सकेंगे. ऐसे में इन्वेस्टमेंट बेस बढ़ेगा तो निश्चित रूप में निवेशकों की संख्या भी बढ़ेगी और बैंक ग्राहक को सुनिश्चित रूप में फायदा होने के साथ ही तंगहाली से गुजर रहे देश के बैंकों की स्थिति को भी सुधारा जा सकेगा.
एकीकरण लोकपाल में इस तरह दर्ज करा सकते हैं शिकायतें
- एटीएम फ्रॉड और उससे जुड़ी अन्य तरह की शिकायतें
- ऋण से संबंधित सभी शिकायतें.
- बैंक चेक और अकाउंट ट्रांजैक्शन फ्रॉड से संबंधित शिकायतें.
- डिजिटल बैंकिंग एवं साइबर क्राइम से संबंधित शिकायतें.
- इसमें अब एकीकरण लोकपाल से निराकरण में ग्राहक रिजर्व बैंक के पास जा सकता है.
- भारतीय रिजर्व बैंक सभी सरकारी एवं निजी बैंकों का नियंत्रक है. इसलिए उसके अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी शिकायतें एक ही एकीकरण लोकपाल हेल्पलाइन नंबर में दर्ज कराई जा सकती हैं, जिसका त्वरित निस्तारण होगा.
- बचत और चालू खाते और अन्य प्रकार के खातों के संबंध में उपभोक्ता अगर यह समझते हैं कि इन सेवाओं में बैंकों द्वारा कोई कमी की जा रही है, तो वह इसकी शिकायत भी अब सीधे तौर पर रिजर्व बैंक तक पहुंचा सकती है.
- समय पर शिकायतों का निराकरण न होने की स्थिति में रिजर्व बैंक संबंधित बैंकों पर जुर्माना लगाने का अधिकार भी रखता है. ऐसे में इस नए एकीकरण लोकपाल नियुक्त होने के चलते अब ग्राहक को तमाम तरह की वास्तविक शिकायतों पर बड़ी राहत मिलेगी.