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कोरोना संकट: मसूरी में राहत सामाग्री बांटने में राजनीति, बाहरी मजदूरों की हो रही अनदेखी

मसूरी में कोरोना संकट के बीच राहत सामाग्री बांटने को लेकर राजनीति देखने को मिल रही है. मसूरी में काम करने आए अन्य राज्यों के मजदूरों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. राहत सामाग्री बांटने के दौरान केवल वोटर को ही सामान दिया जा रहा है. जिससे इन मजदूरों की परेशानी बढ़ गई है.

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मजदूरों की अनदेखी
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Published : Mar 29, 2020, 11:04 PM IST

मसूरी: कोरोना वायरस को लेकर हुए लॉकडाउन के बाद देश की विभिन्न राज्यों से मसूरी काम करने आए मजदूर काफी परेशान है. वहीं, मसूरी में राहत सामग्री दिए जाने के नाम पर पक्षपात की राजनीति देखी जा रही है. राजनेता और प्रशासन द्वारा उन्हीं लोगों को राशन दिया जा रहा है, जिनको जनप्रतिनिधि चिन्हित कर रहे हैं. ऐसे में मसूरी में जो लोग वोटर नहीं है और बाहर से मजदूरी करने आए हैं. उनपर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

मजदूरों की अनदेखी.

वहीं, राहत सामग्री बांटते हुए फोटो खिंचवाने वाले लोगों की खासी भीड़ देखी जा रही है. वहीं, नेपाल राजस्थान, बिहार, झारखंड से आए मजदूरों ने कहा कि अभी तक उनके पास किसी प्रकार की राहत सामग्री नहीं पहुंची है, जबकि उनके पास के लोगों को राहत दी जा रही है. क्योंकि वो लोग उनके वोटर हैं. उन्होंने कहा कि वह बहुत परेशान है. पुलिस और प्रशासन से अपने घर जाने की अनुमति मांग रहे हैं, परंतु ना तो उनको घर जाने दिया जा रहा है और ना ही उनकी मदद की जा रही है. उन्होंने कहा कि उनके पास मात्र घर जाने का किराया बचा हुआ है. ऐसे में अगर वह भी खर्च हो जाएगा तो वह कहीं के नहीं रहेंगे.

ये भी पढ़े: उत्तराखंड कंट्रोल रूम में देशभर से प्राप्त हो रही है समस्याएं, 24 घंटे में 3 हजार लोगों ने किया कॉल

एसडीएम मसूरी वरुण चौधरी ने कहा कि लॉकडाउन को लेकर कई लोग बिना प्रशासन की अनुमति लिए ही लोगों को राहत सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं. सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिसको लेकर प्रशासन सख्त कदम उठाने जा रहा है. उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति बिना प्रशासन और पुलिस को संज्ञान में लिए किसी को राहत सामग्री नहीं वितरित करेगा. हम कोशिश कर रहे हैं कि मसूरी में सभी जरूरतमंद लोगों को राशन उपलब्ध हो और इसके लिए पालिका का भी सहयोग ले रहे हैं. ऐसे में जिन लोगों को राहत सामग्री नहीं पहुंच पाई है. वह पास के पुलिस चौकी में संपर्क कर सकते हैं.

मसूरी: कोरोना वायरस को लेकर हुए लॉकडाउन के बाद देश की विभिन्न राज्यों से मसूरी काम करने आए मजदूर काफी परेशान है. वहीं, मसूरी में राहत सामग्री दिए जाने के नाम पर पक्षपात की राजनीति देखी जा रही है. राजनेता और प्रशासन द्वारा उन्हीं लोगों को राशन दिया जा रहा है, जिनको जनप्रतिनिधि चिन्हित कर रहे हैं. ऐसे में मसूरी में जो लोग वोटर नहीं है और बाहर से मजदूरी करने आए हैं. उनपर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

मजदूरों की अनदेखी.

वहीं, राहत सामग्री बांटते हुए फोटो खिंचवाने वाले लोगों की खासी भीड़ देखी जा रही है. वहीं, नेपाल राजस्थान, बिहार, झारखंड से आए मजदूरों ने कहा कि अभी तक उनके पास किसी प्रकार की राहत सामग्री नहीं पहुंची है, जबकि उनके पास के लोगों को राहत दी जा रही है. क्योंकि वो लोग उनके वोटर हैं. उन्होंने कहा कि वह बहुत परेशान है. पुलिस और प्रशासन से अपने घर जाने की अनुमति मांग रहे हैं, परंतु ना तो उनको घर जाने दिया जा रहा है और ना ही उनकी मदद की जा रही है. उन्होंने कहा कि उनके पास मात्र घर जाने का किराया बचा हुआ है. ऐसे में अगर वह भी खर्च हो जाएगा तो वह कहीं के नहीं रहेंगे.

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एसडीएम मसूरी वरुण चौधरी ने कहा कि लॉकडाउन को लेकर कई लोग बिना प्रशासन की अनुमति लिए ही लोगों को राहत सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं. सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिसको लेकर प्रशासन सख्त कदम उठाने जा रहा है. उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति बिना प्रशासन और पुलिस को संज्ञान में लिए किसी को राहत सामग्री नहीं वितरित करेगा. हम कोशिश कर रहे हैं कि मसूरी में सभी जरूरतमंद लोगों को राशन उपलब्ध हो और इसके लिए पालिका का भी सहयोग ले रहे हैं. ऐसे में जिन लोगों को राहत सामग्री नहीं पहुंच पाई है. वह पास के पुलिस चौकी में संपर्क कर सकते हैं.

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