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पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना में मिलेगी छूट, एयर एम्बुलेंस सेवा को बढ़ाने की भी मांग

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Published : May 7, 2022, 10:22 AM IST

गुजरात के केवडिया में 14वें केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण परिषद सम्मेलन में स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित मुद्दों को प्रमुखता से रखा.

पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना में मिलेगी छूट
पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना में मिलेगी छूट

श्रीनगर/देहरादून: गुजरात के केवडिया में 14वें केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण परिषद सम्मेलन में स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाओं संबंधित मुद्दों को प्रमुखता से रखा. सम्मेलन में उन्होंने कहा कि राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए पर्वतीय जनपदों में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना हेतु जनसंख्या संबंधी मानकों में शिथिलता दी जाए. इसके साथ ही 50 बेड से कम क्षमता वाले निजी अस्पतालों के संचालन हेतु क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के प्रावधानों में छूट दिए जाने की मांग रखी.

डॉ धन सिंह रावत ने राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एक प्रोफेसर के सुपरविजन में चार एमबीबीएस डॉक्टर को पीजी कोर्स हेतु मान्यता देने एवं राज्य में संचालित एयर एम्बुलेंस सेवा को आगामी पांच वर्षों के लिए बढ़ाए जाने की भी मांग चिंतन शिविर में रखी. जिस पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अपनी सहमति जताई है.

पढ़ें: चंपावत उपचुनाव: रुद्रपुर में बोले कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास, धामी की होगी ऐतिहासिक जीत

डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने हेतु वर्तमान मानक अव्यवहारिक साबित हो रहे हैं. यदि जनसंख्या के मानकों में छूट मिल जाती है तो न्याय पंचायत स्तर पर अधिक से अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना कर राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक विस्तार दिया जा सकेगा. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सूबे के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में वर्तमान में पीजी स्तर पर एक प्रोफेसर के अधीन दो एमबीबीएस डॉक्टरों ही पीजी कोर्स (एमडी) कर सकते हैं.

यदि नेशनल मेडिकल काउंसिल के नियमों में शिथिलता प्रदान करते हुए एक प्रोफेसर के अधीन चार एमबीबीएस डॉक्टरों को पीजी करने की अनुमति मिल जाती है तो राज्य में पांच वर्षों के भीतर विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी दूर हो जायेगी.

श्रीनगर/देहरादून: गुजरात के केवडिया में 14वें केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण परिषद सम्मेलन में स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाओं संबंधित मुद्दों को प्रमुखता से रखा. सम्मेलन में उन्होंने कहा कि राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए पर्वतीय जनपदों में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना हेतु जनसंख्या संबंधी मानकों में शिथिलता दी जाए. इसके साथ ही 50 बेड से कम क्षमता वाले निजी अस्पतालों के संचालन हेतु क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के प्रावधानों में छूट दिए जाने की मांग रखी.

डॉ धन सिंह रावत ने राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एक प्रोफेसर के सुपरविजन में चार एमबीबीएस डॉक्टर को पीजी कोर्स हेतु मान्यता देने एवं राज्य में संचालित एयर एम्बुलेंस सेवा को आगामी पांच वर्षों के लिए बढ़ाए जाने की भी मांग चिंतन शिविर में रखी. जिस पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अपनी सहमति जताई है.

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डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने हेतु वर्तमान मानक अव्यवहारिक साबित हो रहे हैं. यदि जनसंख्या के मानकों में छूट मिल जाती है तो न्याय पंचायत स्तर पर अधिक से अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना कर राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक विस्तार दिया जा सकेगा. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सूबे के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में वर्तमान में पीजी स्तर पर एक प्रोफेसर के अधीन दो एमबीबीएस डॉक्टरों ही पीजी कोर्स (एमडी) कर सकते हैं.

यदि नेशनल मेडिकल काउंसिल के नियमों में शिथिलता प्रदान करते हुए एक प्रोफेसर के अधीन चार एमबीबीएस डॉक्टरों को पीजी करने की अनुमति मिल जाती है तो राज्य में पांच वर्षों के भीतर विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी दूर हो जायेगी.

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