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गांधी पार्क में धरने पर बैठे गुमशुदा केदार भंडारी के परिजन, कांग्रेस ने दिया समर्थन - गुमशुदा केदार भंडारी

केदार भंडारी के माता-पिता ने अपने बेटे की खोजबीन के लिए अब गांधी पार्क में धरना शुरू कर दिया है. परिजन पुलिस जांच से संतुष्ट नहीं हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सहित तमाम कांग्रेसी नेताओं ने भी केदार भंडारी के परिजनों को समर्थन दिया है और राज्य में बिगड़ रही कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं.

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गांधी पार्क में धरने पर बैठे केदार भंडारी के परिजन
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Published : Nov 24, 2022, 12:22 PM IST

Updated : Nov 24, 2022, 4:40 PM IST

देहरादून: केदार भंडारी गुमशुदगी मामले की जांच (Kedar Singh case investigation) एक बार फिर शुरू कर दी गई है. गढ़वाल डीआईजी केएस नगन्याल को इसकी जांच (Garhwal DIG to investigate Kedar Singh case) सौंपी गई है. हालांकि, जांच दोबारा शुरू होने के बाद भी अभी तक इस मामले में कुछ निकलकर सामने नहीं आया है, जिससे परिजनों में आक्रोश है. नाराज परिजनों ने आज देहरादून के गांधी पार्क में धरना शुरू कर दिया है.

केदार भंडारी के परिजनों के साथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा सहित कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने भी धरना दिया. कांग्रेस जनों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे धरना देते हुए सरकार से लापता केदार भंडारी को तलाशने की मांग उठाई है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने राज्य में बिगड़ रही कानून व्यवस्था को लेकर डीजीपी को पद से हटाने की मांग की है.
पढे़ं- अधर में लापता केदार भंडारी केस की जांच, पुलिस पूछताछ के लिए पिता का कर रही इंतजार

क्या है केदार सिंह मामला: पुलिस के मुताबिक, उत्तरकाशी जिले के धौंतरी पट्टी के चौड़ियाट गांव के रहने वाले लक्ष्मण सिंह का 19 वर्षीय बेटा केदार सिंह भंडारी अग्निवीर भर्ती के लिए कोटद्वार गया था. वापसी में वह ऋषिकेश तपोवन स्थित एक होटल में रुका. जहां उस पर परमार्थ निकेतन में चोरी करने का आरोप लगा. मामले में मुनि की रेती थाना पुलिस ने आरोपी को पकड़कर लक्ष्मण झूला थाना पुलिस के हवाले कर दिया. परमार्थ निकेतन की ओर से आरोपी के पकड़े जाने तक कोई तहरीर नहीं मिली इसलिए पुलिस ने केदार सिंह को बैरक में एक पीआरडी जवान की निगरानी में बैठा दिया.

पुलिस का दावा है कि इस दौरान केदार भंडारी पीआरडी के जवान को धक्का देकर थाने से बाहर भाग गया, जिसका पुलिस ने काफी दूर तक पीछा किया. पुलिस का दावा है कि केदार भंडारी लक्ष्मण झूला पुल पर चढ़कर गंगा में कूद गया. यह सारी घटना स्थानीय लोगों ने भी देखी. वहीं, सीसीटीवी कैमरे में भी पूरी वारदात कैद हुई. तभी से लगातार केदार के परिजन पुलिस पर उत्पीड़न करने और लापरवाही बरतने के आरोप लगा रहे हैं.
पढे़ं- उत्तरकाशी का केदार भंडारी कई दिनों से लापता, पिता ने लगाई बेटे को खोजने की गुहार

मामले में कोटद्वार के एएसपी शेखर सुयाल अपनी जांच पूरी कर चुके हैं, जिसमें पीआरडी के जवान और थाना लक्ष्मण झूला के हेड मुहर्रिर की लापरवाही सामने आई है. उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने मामले की जांच अब डीआइजी गढ़वाल को सौंप दी है. जांच प्रभावित ना हो इसके लिए लक्ष्मण झूला थाना प्रभारी संतोष सिंह को भी थाने के प्रभार से मुक्त करते हुए उन्हें पौड़ी पुलिस कार्यालय भेज दिया गया है.

देहरादून: केदार भंडारी गुमशुदगी मामले की जांच (Kedar Singh case investigation) एक बार फिर शुरू कर दी गई है. गढ़वाल डीआईजी केएस नगन्याल को इसकी जांच (Garhwal DIG to investigate Kedar Singh case) सौंपी गई है. हालांकि, जांच दोबारा शुरू होने के बाद भी अभी तक इस मामले में कुछ निकलकर सामने नहीं आया है, जिससे परिजनों में आक्रोश है. नाराज परिजनों ने आज देहरादून के गांधी पार्क में धरना शुरू कर दिया है.

केदार भंडारी के परिजनों के साथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा सहित कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने भी धरना दिया. कांग्रेस जनों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे धरना देते हुए सरकार से लापता केदार भंडारी को तलाशने की मांग उठाई है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने राज्य में बिगड़ रही कानून व्यवस्था को लेकर डीजीपी को पद से हटाने की मांग की है.
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क्या है केदार सिंह मामला: पुलिस के मुताबिक, उत्तरकाशी जिले के धौंतरी पट्टी के चौड़ियाट गांव के रहने वाले लक्ष्मण सिंह का 19 वर्षीय बेटा केदार सिंह भंडारी अग्निवीर भर्ती के लिए कोटद्वार गया था. वापसी में वह ऋषिकेश तपोवन स्थित एक होटल में रुका. जहां उस पर परमार्थ निकेतन में चोरी करने का आरोप लगा. मामले में मुनि की रेती थाना पुलिस ने आरोपी को पकड़कर लक्ष्मण झूला थाना पुलिस के हवाले कर दिया. परमार्थ निकेतन की ओर से आरोपी के पकड़े जाने तक कोई तहरीर नहीं मिली इसलिए पुलिस ने केदार सिंह को बैरक में एक पीआरडी जवान की निगरानी में बैठा दिया.

पुलिस का दावा है कि इस दौरान केदार भंडारी पीआरडी के जवान को धक्का देकर थाने से बाहर भाग गया, जिसका पुलिस ने काफी दूर तक पीछा किया. पुलिस का दावा है कि केदार भंडारी लक्ष्मण झूला पुल पर चढ़कर गंगा में कूद गया. यह सारी घटना स्थानीय लोगों ने भी देखी. वहीं, सीसीटीवी कैमरे में भी पूरी वारदात कैद हुई. तभी से लगातार केदार के परिजन पुलिस पर उत्पीड़न करने और लापरवाही बरतने के आरोप लगा रहे हैं.
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मामले में कोटद्वार के एएसपी शेखर सुयाल अपनी जांच पूरी कर चुके हैं, जिसमें पीआरडी के जवान और थाना लक्ष्मण झूला के हेड मुहर्रिर की लापरवाही सामने आई है. उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने मामले की जांच अब डीआइजी गढ़वाल को सौंप दी है. जांच प्रभावित ना हो इसके लिए लक्ष्मण झूला थाना प्रभारी संतोष सिंह को भी थाने के प्रभार से मुक्त करते हुए उन्हें पौड़ी पुलिस कार्यालय भेज दिया गया है.

Last Updated : Nov 24, 2022, 4:40 PM IST
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