देहरादून: राज्यमंत्री रेखा आर्य और उनके महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के निदेशक आईएएस अधिकारी वी षणमुगम के बीच शुरू हुए विवाद का सीधा असर अब आम जनता और महत्वपूर्ण विभागीय कार्यों पर पड़ रहा है. इसे देखते हुए राज्य मंत्री रेखा आर्य ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से जल्द ही उनके विभाग के निदेशक को लेकर कोई उचित फैसला लेने की मांग की है.
गौर हो कि राज्यमंत्री रेखा आर्य और उनके विभागीय निदेशक के बीच दो महीने पहले शुरू हुए विवाद के चलते जहां एक तरफ प्रदेश की हजारों आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को पिछले 4 महीनों से मानदेय नहीं मिल सका है, वहीं दूसरी तरफ सूखा पोषाहार (टीएचआर) का बजट अबतक रिलीज नहीं हो पाया है. इसके साथ ही विभाग से जुड़ी कई महत्वपूर्ण योजनाएं जैसे कि महिलाओं और नवजात शिशु के लिए शुरू की जाने वाली मुख्यमंत्री सौभाग्यवती किट योजना का कार्य भी अबतक शुरू नहीं हो सका है.
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ईटीवी भारत से बात करते हुए राज्य मंत्री रेखा आर्य ने खुद इस बात को स्वीकारा कि उनके विभागीय निदेशक के क्रियाशील न होने के चलते महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग से जुड़े कई महत्वपूर्ण कार्य अधर में लटक चुके हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री इस पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए जल्द से जल्द विभागीय निदेशक को लेकर कोई महत्वपूर्ण फैसला लें.