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गढ़वाल केंद्रीय विवि से संबद्धता को लेकर डरे हुए हैं 82 डिग्री कॉलेज, रजिस्ट्रार ने कह दी बड़ी बात - गढ़वाल केंद्रीय विवि से संबद्धता

पिछले कुछ दिनों से गढ़वाल केंद्रीय विवि से मान्यता प्राप्त 82 डिग्री कॉलेजों के डिएफिलिएशन की खबरों ने छात्रों और कॉलेज मैनेजमेंट में हड़कंप मचाया हुआ है. अब हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने स्थिति साफ की है. रजिस्ट्रार नारायण सिंह पंवार का कहना है कि विवि ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया बल्कि सवाल का जवाब दिया है.

Garhwal Central University News
गढ़वाल केंद्रीय विवि
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Published : Jun 24, 2023, 9:32 AM IST

देहरादून: हाल ही में HNB गढ़वाल सेंट्रल विश्वविद्यालय से 10 कॉलेजों के डिएफिलिएशन की खबर के बाद 72 और कॉलेजों के डिएफिलिएशन की खबर से शिक्षा जगत में खलबली है. वहीं एचएनबी गढ़वाल यूनिवर्सिटी ने साफ कहा है कि ऐसा कुछ भी फिलहाल नहीं होने जा रहा है.

10 कॉलेजों के डिएफिलिएशन पर क्या बोले रजिस्ट्रार: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय यूनिवर्सिटी द्वारा उत्तराखंड के 10 कॉलेजों के डिएफिलिएशन पर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार नारायण सिंह पंवार का कहना है कि यह केवल विश्वविद्यालय द्वारा रिकमेंडेशन भेजी गई है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में कोर्ट में मामला होने की वजह से विश्वविद्यालय से पूछा गया था कि इन कॉलेजों की विश्वविद्यालय से संबद्धता कब रद्द की जा सकती है. जिस पर विश्वविद्यालय द्वारा केवल अपनी रिकमेंडेशन दी गई है कि विश्वविद्यालय किसी भी वक्त इन कॉलेजों का एफिलिएशन रद्द कर सकता है. हालांकि इसको लेकर विश्वविद्यालय द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है. ना ही किसी तरह का कोई भी नोटिफिकेशन जारी हुआ है.

72 कॉलेजों के डिएफिलिएशन का क्या है मामला: वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के अन्य 72 कॉलेजों के डिएफिलिएशन को लेकर भी चर्चा है. कहा जा रहा था कि प्रदेश के 72 बाकी कॉलेजों पर भी डिएफिलिएशन की तलवार लटक रही है. इस पर गढ़वाल विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार का कहना है कि विश्वविद्यालय अपनी तरफ से इन कॉलेजों की संबद्धता रद्द नहीं कर सकता है. जब तक कि खुद यह कॉलेज एफिलिएशन रद्द करने के लिए आवेदन ना करें.

छात्रों और कॉलेज मैनेजमेंट में मची खलबली: वहीं दूसरी तरफ एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विवि से एफिलिएटेड महाविद्यालयों में खलबली का माहौल है. अचानक इस तरह की सूचनाओं से छात्रों के साथ साथ कॉलेज प्रबंधन भी सकते में है. निजी कॉलेज संगठन के पदाधिकारी सुनील कुमार का कहना है कि इस तरह का कोई आदेश अभी तक कॉलेजों को प्राप्त नहीं हुआ है. यदि इस तरह की प्रक्रिया को तत्काल अमल में लाया जाएगा तो उससे छात्रों के साथ साथ तमाम कॉलेजों का भी नुकसान होगा.

कॉलेज संगठन पदाधिकारी सुनील कुमार क्या कहते हैं: सुनील कुमार का कहना है कि जिस तरह से यह खबरें सामने आई हैं, कि विश्वविद्यालय द्वारा 10 बड़े कॉलेजों का एफिलिएशन रद्द किया गया है, यह बिल्कुल तर्कसंगत नहीं है. क्योंकि केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय में छात्रों द्वारा एंट्रेंस एग्जाम दिया जा चुका है. अगर एफिलिएशन रद्द होता है, तो स्टेट यूनिवर्सिटी यानी श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय से एफिलिएशन लेने में काफी समय लगेगा.
ये भी पढ़ें: गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय से 10 महाविद्यालयों के एफिलेशन रद्द, आक्रोशित छात्रों ने खोला मोर्चा

श्रीदेव सुमन विवि में रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख आज है: वहीं दूसरी तरफ श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय द्वारा प्रवेश के लिए जारी किए गए एडमिशन और रजिस्ट्रेशन पोर्टल की 24 जून अंतिम तिथि है. ऐसे में छात्रों के लिए यह बेहद असमंजस वाली स्थिति हो जाएगी. वहीं इसके अलावा 72 अन्य कॉलेजों के मामले पर भी सुनील कुमार का कहना है कि ऐसा संभव नहीं है. यूनिवर्सिटी लॉ के तहत इन कॉलेजों की विश्वविद्यालय अपनी तरफ से संबद्धता रद्द नहीं कर सकता है.
ये भी पढ़ें: 8 प्राइवेट कॉलेजों पर लटकी एफिलेशन रद्द होने की तलवार, जानें क्या है मामला

देहरादून: हाल ही में HNB गढ़वाल सेंट्रल विश्वविद्यालय से 10 कॉलेजों के डिएफिलिएशन की खबर के बाद 72 और कॉलेजों के डिएफिलिएशन की खबर से शिक्षा जगत में खलबली है. वहीं एचएनबी गढ़वाल यूनिवर्सिटी ने साफ कहा है कि ऐसा कुछ भी फिलहाल नहीं होने जा रहा है.

10 कॉलेजों के डिएफिलिएशन पर क्या बोले रजिस्ट्रार: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय यूनिवर्सिटी द्वारा उत्तराखंड के 10 कॉलेजों के डिएफिलिएशन पर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार नारायण सिंह पंवार का कहना है कि यह केवल विश्वविद्यालय द्वारा रिकमेंडेशन भेजी गई है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में कोर्ट में मामला होने की वजह से विश्वविद्यालय से पूछा गया था कि इन कॉलेजों की विश्वविद्यालय से संबद्धता कब रद्द की जा सकती है. जिस पर विश्वविद्यालय द्वारा केवल अपनी रिकमेंडेशन दी गई है कि विश्वविद्यालय किसी भी वक्त इन कॉलेजों का एफिलिएशन रद्द कर सकता है. हालांकि इसको लेकर विश्वविद्यालय द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है. ना ही किसी तरह का कोई भी नोटिफिकेशन जारी हुआ है.

72 कॉलेजों के डिएफिलिएशन का क्या है मामला: वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के अन्य 72 कॉलेजों के डिएफिलिएशन को लेकर भी चर्चा है. कहा जा रहा था कि प्रदेश के 72 बाकी कॉलेजों पर भी डिएफिलिएशन की तलवार लटक रही है. इस पर गढ़वाल विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार का कहना है कि विश्वविद्यालय अपनी तरफ से इन कॉलेजों की संबद्धता रद्द नहीं कर सकता है. जब तक कि खुद यह कॉलेज एफिलिएशन रद्द करने के लिए आवेदन ना करें.

छात्रों और कॉलेज मैनेजमेंट में मची खलबली: वहीं दूसरी तरफ एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विवि से एफिलिएटेड महाविद्यालयों में खलबली का माहौल है. अचानक इस तरह की सूचनाओं से छात्रों के साथ साथ कॉलेज प्रबंधन भी सकते में है. निजी कॉलेज संगठन के पदाधिकारी सुनील कुमार का कहना है कि इस तरह का कोई आदेश अभी तक कॉलेजों को प्राप्त नहीं हुआ है. यदि इस तरह की प्रक्रिया को तत्काल अमल में लाया जाएगा तो उससे छात्रों के साथ साथ तमाम कॉलेजों का भी नुकसान होगा.

कॉलेज संगठन पदाधिकारी सुनील कुमार क्या कहते हैं: सुनील कुमार का कहना है कि जिस तरह से यह खबरें सामने आई हैं, कि विश्वविद्यालय द्वारा 10 बड़े कॉलेजों का एफिलिएशन रद्द किया गया है, यह बिल्कुल तर्कसंगत नहीं है. क्योंकि केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय में छात्रों द्वारा एंट्रेंस एग्जाम दिया जा चुका है. अगर एफिलिएशन रद्द होता है, तो स्टेट यूनिवर्सिटी यानी श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय से एफिलिएशन लेने में काफी समय लगेगा.
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श्रीदेव सुमन विवि में रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख आज है: वहीं दूसरी तरफ श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय द्वारा प्रवेश के लिए जारी किए गए एडमिशन और रजिस्ट्रेशन पोर्टल की 24 जून अंतिम तिथि है. ऐसे में छात्रों के लिए यह बेहद असमंजस वाली स्थिति हो जाएगी. वहीं इसके अलावा 72 अन्य कॉलेजों के मामले पर भी सुनील कुमार का कहना है कि ऐसा संभव नहीं है. यूनिवर्सिटी लॉ के तहत इन कॉलेजों की विश्वविद्यालय अपनी तरफ से संबद्धता रद्द नहीं कर सकता है.
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