देहरादून: साल 2013 में केदार घाटी में आई भीषण आपदा के बाद से ही केदारघाटी में पुनर्निर्माण का कार्य जोरों से चल रहे हैं. मौजूदा वक्त में केदार घाटी में चल रहे पुनर्निर्माण के पहले चरण के कार्य लगभग पूरे हो चुके हैं. वहीं, बदरीनाथ धाम के लिए तैयार किये गए मास्टर प्लान के तहत जल्द ही कार्य शुरू होने की उम्मीद है. केदारनाथ और बदरीनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों को लेकर मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में समीक्षा बैठक की.
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कार्यों को निर्धारित समयावधि में पूर्ण करने के साथ ही गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए. बर्फबारी के कारण जो कार्य बाधित हुए उन कार्यों में तेजी लाई जाए. केदारनाथ और बदरीनाथ के कपाट खुलने से पूर्व श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत महत्वपूर्ण प्रकृति के सभी कार्य पूर्ण किये जाएं. साथ ही अधिकारियों से निर्माण कार्यों की प्रगति की विस्तार से जानकारी ली. मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत बैठने, पेयजल एवं शेड की भी उचित व्यवस्था हो. जन सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए मंदिर के आस-पास सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएं.
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वहीं, बैठक के दौरान पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने जानकारी दी कि केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों में प्रथम चरण में मंडप से संबधित कार्य 85 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है. 15 अप्रैल तक यह कार्य पूर्ण हो जाएगा. मंदाकिनी पर बन रहे 60 मीटर स्पान ब्रिज का कार्य यात्रा प्रारम्भ होने से पहले पूर्ण हो जायेगा. केदारनाथ में तीन गुफाओं एवं सरस्वती घाट का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है. शंकराचार्य समाधि का कार्य जल्द पूर्ण हो जाएगा और केदारनाथ में शंकराचार्य की मूर्ति बनकर तैयार हो गई है.
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि अधिकांश फैमली ब्लॉक बनकर तैयार हैं, जिनका जल्द आवंटन किया जाएगा. केदारनाथ में लगभग 180 करोड़ रुपये के कार्य पूर्णता की ओर हैं. केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों के द्वितीय चरण में 128 करोड़ रुपये के कार्य भी जल्द शुरू किये जाएंगे. बैठक में जानकारी दी गई कि बदरीनाथ में प्रथम चरण में 245 करोड़ रुपये के कार्यों का प्लान तैयार हो चुका है. यात्रा सीजन को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण प्रकृति के कार्यों को पहले प्राथमिकता दी जाएगी.
वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि बदरीनाथ धाम को विकसित करने का मास्टरप्लान तैयार हो गया है. जिसका अध्ययन किया जा रहा है. बदरीनाथ धाम को मास्टर प्लान के तहत विकसित करने के लिए राज्य सरकार के पास पर्याप्त पैसा है. ऐसे में राज्य सरकार की कोशिश है कि अगर प्रकृति ने साथ दिया तो वर्तमान वित्तीय वर्ष में कार्य शुरू हो जाएगा.