देहरादून: बदलती जीवनशैली के बीच बच्चे या बड़े आज सभी दूध का सेवन करने से बचते नजर आ रहे हैं, लेकिन कहीं न कहीं दूध का सेवन न कर हम अपने शारीरिक विकास को खासा नुकसान पहुंचा रहे हैं. आज विश्वभर में विश्व दुग्ध दिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर ईटीवी भारत अपनी रिपोर्ट के माध्यम से आपको दूध से होने वाले फायदों के बारे में बताने जा रहा है.
हर साल 1 जून को संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्वदुग्ध दिवस मनाए जाने के पीछे का मुख्य उद्देश्य डेयरी या दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना और लोगों को दूध और अन्य दूध से बनने वाले पदार्थों के सेवन से होने वाले शारीरिक लाभ के प्रति जागरुक करना है. दूध से हमारे शरीर को पहुंचने वाले फायदों को समझने के लिए ईटीवी भारत ने जानी-मानी स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुमिता प्रभाकर से बात की.
शाकाहारी लोगों के लिए दूध बेहद ही जरूरी
डॉ. सुमिता प्रभाकर बताती हैं की दूध का सेवन विशेषकर शाकाहारी लोगों के लिए बेहद ही जरूरी है. क्योंकि भारत में आज भी 30% लोग शाकाहारी हैं. ऐसे में शाकाहारी लोगों के लिए दूध एक मात्र ऐसा विकल्प है, जिसके माध्यम से वह कैल्शियम, विटामिन डी, मैग्नीशियम और अन्य कई तरह के माइक्रो न्यूट्रिएंट्स की जरूरत को पूरा कर सकते हैं.
हड्डियों को मजबूत करता है दूध
वहीं, दूध पीना सिर्फ बच्चों के शारीरिक विकास के लिए ही जरूरी नहीं है, बल्कि सभी उम्र के लोगों को हर रोज दूध या अन्य दूध से बने अन्य पदार्थों जैसे कि पनीर, दही इत्यादि का सेवन करना चाहिए. क्योंकि दूध में मौजूद प्रोटीन कैल्शियम और विटामिन-डी काफी लंबे समय तक हड्डियों को मजबूत रखने में मदद करता है.
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ईटीवी भारत की टीम ने राजधानी देहरादून स्थित उत्तराखंड सरकार के दुग्ध ब्रांड आंचल दूध की फैक्ट्री का भी मुआयना किया. इस दौरान टीम ने पाया कि फैक्ट्री में कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए सैनिटाइजेशन का पूरा ख्याल रखा जा रहा है. फैक्ट्री के प्रधान प्रबंधक मान सिंह पाल ने बताया कि आंचल दुग्ध फैक्ट्री से हर दिन देहरादून शहर, मसूरी, विकासनगर और डोईवाला क्षेत्र में लगभग 25 हजार लीटर दूध की सप्लाई की जाती है.
298 गांवों से मिलता है 15 हजार लीटर दूध
उन्होंने बताया कि आंचल दुग्ध फैक्ट्री से देहरादून के 298 गांव के 2600 से ज्यादा लोग उनके साथ जुड़े हुए हैं, जो दूध का उत्पादन करते हैं. इनसे करीब 15 हजार लीटर दूध आंचल फैक्ट्री को उपलब्ध कराया जाता है. इस दूध को फैक्ट्री में लाकर पहले शुद्ध किया जाता है. इसके बाद इस दूध से दही, छाछ, मक्खन, चीज इत्यादि तैयार की जाती है. जिसे मिल्क वैन, मिल्क एटीएम और बाजार में मौजूद अन्य डेयरियों के माध्यम से बेचा जाता है.