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त्रिवेणी घाट पर नहीं होगा रावण दहन, गंगा में होगा प्रवाहित

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Published : Oct 13, 2021, 10:36 AM IST

Updated : Oct 13, 2021, 6:49 PM IST

हजारों लोगों के आकर्षण का केंद्र रहने वाला अभिमानी रावण, कुंभकरण और मेघनाथ का पुतला दहन कार्यक्रम नहीं किया जाएगा. बता दें कि, पिछले साल भी कोरोना की वजह से दशहरा मेला नहीं मनाया गया था.

Triveni Ghat
Triveni Ghat

ऋषिकेश: कोरोना महामारी की वजह से इस बार तीर्थनगरी ऋषिकेश में दशकों से चली आ रही परंपरा को भी प्रभावित किया है. हर साल त्रिवेणी घाट पर धूमधाम से मनाया जाने वाला दशहरा मेला लगातार दूसरी बार स्थगित रहेगा. वहीं, हजारों लोगों के आकर्षण का केंद्र रहने वाला अभिमानी रावण, कुंभकरण और मेघनाथ का पुतला दहन कार्यक्रम नहीं किया जाएगा. बता दें कि, पिछले साल भी कोरोना की वजह से दशहरा मेला नहीं मनाया गया था.

दरअसल कोरोना की वजह से जो गाइडलाइन सरकार ने जारी की है, उसके मुताबिक दशहरा पर्व पर रावण दहन का कार्यक्रम होना मुश्किल है. इसलिए सुभाष दशहरा कमेटी बनखंडी ने रावण दहन का कार्यक्रम स्थगित कर दिया है. लेकिन परंपरा को बरकरार रखने के लिए त्रिवेणी घाट में दिन के समय रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के छोटे पुतले पूजन के लिए बनाए जाएंगे. जिन्हें जलाने की जगह पूजन के बाद गंगा में प्रवाहित किया जाएगा.

इस बार कमेटी की ओर से बनखंडी में होने वाली रामलीला का मंचन भी नहीं किया गया. राहुल शर्मा ने बताया कि त्रिवेणी घाट पर दशहरा पर्व के दिन रावण, कुंभकरण और मेघनाथ का पुतला दहन के लिए इजाजत मांगी गई थी, लेकिन कोरोना की गाइडलाइन के अनुसार सीमित संख्या में ही पुतला दहन का कार्यक्रम आयोजन करने की अनुमति प्रशासन की ओर से देने की शर्त रखी गई. जिसे पूरा करना संभव नहीं है. बताया कि त्रिवेणी घाट पर सैकड़ों नहीं बल्कि हजारों की संख्या में लोग रावण कुंभकरण और मेघनाथ का पुतला दहन देखने के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में नियमों का पालन कराना संभव नहीं है.

पढ़ें: नैनीताल: मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, 425 लोगों को मिला लाभ

जिसके बाद सुभाष बनखंडी दशहरा कमेटी ने निर्णय लिया कि विगत वर्ष की तरह इस वर्ष भी पुतला दहन का कार्यक्रम नहीं किया जाएगा. केवल दोपहर के समय रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के छोटे पुतले बनाकर उन्हें पूजा के लिए रखा जाएगा. जिसके बाद पुतलों को गंगा में प्रवाहित किया जाएगा.

ऋषिकेश: कोरोना महामारी की वजह से इस बार तीर्थनगरी ऋषिकेश में दशकों से चली आ रही परंपरा को भी प्रभावित किया है. हर साल त्रिवेणी घाट पर धूमधाम से मनाया जाने वाला दशहरा मेला लगातार दूसरी बार स्थगित रहेगा. वहीं, हजारों लोगों के आकर्षण का केंद्र रहने वाला अभिमानी रावण, कुंभकरण और मेघनाथ का पुतला दहन कार्यक्रम नहीं किया जाएगा. बता दें कि, पिछले साल भी कोरोना की वजह से दशहरा मेला नहीं मनाया गया था.

दरअसल कोरोना की वजह से जो गाइडलाइन सरकार ने जारी की है, उसके मुताबिक दशहरा पर्व पर रावण दहन का कार्यक्रम होना मुश्किल है. इसलिए सुभाष दशहरा कमेटी बनखंडी ने रावण दहन का कार्यक्रम स्थगित कर दिया है. लेकिन परंपरा को बरकरार रखने के लिए त्रिवेणी घाट में दिन के समय रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के छोटे पुतले पूजन के लिए बनाए जाएंगे. जिन्हें जलाने की जगह पूजन के बाद गंगा में प्रवाहित किया जाएगा.

इस बार कमेटी की ओर से बनखंडी में होने वाली रामलीला का मंचन भी नहीं किया गया. राहुल शर्मा ने बताया कि त्रिवेणी घाट पर दशहरा पर्व के दिन रावण, कुंभकरण और मेघनाथ का पुतला दहन के लिए इजाजत मांगी गई थी, लेकिन कोरोना की गाइडलाइन के अनुसार सीमित संख्या में ही पुतला दहन का कार्यक्रम आयोजन करने की अनुमति प्रशासन की ओर से देने की शर्त रखी गई. जिसे पूरा करना संभव नहीं है. बताया कि त्रिवेणी घाट पर सैकड़ों नहीं बल्कि हजारों की संख्या में लोग रावण कुंभकरण और मेघनाथ का पुतला दहन देखने के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में नियमों का पालन कराना संभव नहीं है.

पढ़ें: नैनीताल: मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, 425 लोगों को मिला लाभ

जिसके बाद सुभाष बनखंडी दशहरा कमेटी ने निर्णय लिया कि विगत वर्ष की तरह इस वर्ष भी पुतला दहन का कार्यक्रम नहीं किया जाएगा. केवल दोपहर के समय रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के छोटे पुतले बनाकर उन्हें पूजा के लिए रखा जाएगा. जिसके बाद पुतलों को गंगा में प्रवाहित किया जाएगा.

Last Updated : Oct 13, 2021, 6:49 PM IST
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