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विधानसभा सत्र: राज्य आंदोलनकारियों ने जाहिर की नाराजगी, कहा- गैरसैंण के प्रति गंभीर नहीं सरकार - उत्तराखंड विधानसभा न्यूज

सूबे की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने प्रदेश की चतुर्थ विधानसभा का सत्र आहूत कर दिया है. सचिव विधानसभा जगदीश चंद्र ने शुक्रवार को इसकी अधिसूचना जारी की. सत्र के 10 दिसंबर तक चलने की संभावना है.

रवींद्र जुगरान
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Published : Nov 23, 2019, 8:41 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र चार दिंसबर से देहरादून में होने जा रहा है. पहले अटकलें लगाई जा रही थी कि गैरसैंण में शीतकालीन सत्र को आयोजित किया जाएगा, लेकिन अधिसूचना जारी होने के बाद इन अटकलों पर विराम लग गया. सरकार के इस फैसले पर राज्य आंदोलनकारी रवींद्र जुगरान ने नाराजगी जाहिर की है. उनका आरोप है कि राज्य सरकार गैरसैंण के प्रति गंभीर नहीं है.

रवींद्र जुगरान ने कहा कि विधानसभा के सभी सत्र गैरसैंण में ही किए जाने चाहिए. अलग राज्य उत्तराखंड की मांग पहाड़ों के विकास के लिए हुई थी, लेकिन अब पहाड़ चढ़ने को कोई राजी नहीं है. इस दौरान जुगरान ने राज्य सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि प्रदेश में जब तक स्थाई राजधानी नहीं बनती है. तब तक विधानसभा का सत्र गैरसैंण में ही किया जाना चाहिए.

राज्य आंदोलनकारियों ने जाहिर की नाराजगी

पढ़ें- भूमि अधिग्रहण मामले को लेकर रोडवेज कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

बता दें कि सूबे की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने प्रदेश की चतुर्थ विधानसभा का सत्र आहूत कर दिया है. सचिव विधानसभा जगदीश चंद्र ने शुक्रवार को इसकी अधिसूचना जारी की. सत्र के 10 दिसंबर तक चलने की संभावना है. विधानसभा सत्र के लिए अब तक कुल 800 प्रश्न पहुंच चुके हैं. सदस्यों के ये प्रश्न राज्य सचिवालय को भेजे गए हैं. सचिवालय स्तर पर इन दिनों प्रश्नों के जवाब तैयार किए जा रहे हैं. सोमवार तक अध्यादेशों और विधेयकों की स्थिति साफ हो जाने की संभावना है.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र चार दिंसबर से देहरादून में होने जा रहा है. पहले अटकलें लगाई जा रही थी कि गैरसैंण में शीतकालीन सत्र को आयोजित किया जाएगा, लेकिन अधिसूचना जारी होने के बाद इन अटकलों पर विराम लग गया. सरकार के इस फैसले पर राज्य आंदोलनकारी रवींद्र जुगरान ने नाराजगी जाहिर की है. उनका आरोप है कि राज्य सरकार गैरसैंण के प्रति गंभीर नहीं है.

रवींद्र जुगरान ने कहा कि विधानसभा के सभी सत्र गैरसैंण में ही किए जाने चाहिए. अलग राज्य उत्तराखंड की मांग पहाड़ों के विकास के लिए हुई थी, लेकिन अब पहाड़ चढ़ने को कोई राजी नहीं है. इस दौरान जुगरान ने राज्य सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि प्रदेश में जब तक स्थाई राजधानी नहीं बनती है. तब तक विधानसभा का सत्र गैरसैंण में ही किया जाना चाहिए.

राज्य आंदोलनकारियों ने जाहिर की नाराजगी

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बता दें कि सूबे की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने प्रदेश की चतुर्थ विधानसभा का सत्र आहूत कर दिया है. सचिव विधानसभा जगदीश चंद्र ने शुक्रवार को इसकी अधिसूचना जारी की. सत्र के 10 दिसंबर तक चलने की संभावना है. विधानसभा सत्र के लिए अब तक कुल 800 प्रश्न पहुंच चुके हैं. सदस्यों के ये प्रश्न राज्य सचिवालय को भेजे गए हैं. सचिवालय स्तर पर इन दिनों प्रश्नों के जवाब तैयार किए जा रहे हैं. सोमवार तक अध्यादेशों और विधेयकों की स्थिति साफ हो जाने की संभावना है.

Intro:उत्तराखंड  विधानसभा का शीतकालीन सत्र चार दिंसबर से देहरादून में होने जा रहा है अटकलें लगाई जा रही थी कि गैरसैंण में शीतकालीन सत्र को आयोजित किया जाएगा......लेकिन अधिसूचना जारी होने के बाद इन अटकलों पर विराम लग गया.......सरकार के इस फैसले पर राज्य आंदोलनकारी रवींद्र जुगरान ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कोई भी सरकार गैरसैँण के प्रति गंभीर नहीं है और सभी सत्रों को गैरसैँण विधानसभा में आयोजित किया जाना चाहिए!Body:राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने प्रदेश की चतुर्थ विधानसभा का सत्र आहूत कर दिया है। विधानसभा का तृतीय (शीतकालीन) सत्र देहरादून विधानसभा भवन में चार दिसंबर से होगा। सचिव विधानसभा जगदीश चंद्र ने शुक्रवार को इसकी अधिसूचना जारी की। सत्र के 10 दिसंबर तक चलने की संभावना है।विधानसभा सत्र के लिए अब तक कुल 800 प्रश्न पहुंच चुके हैं। सदस्यों के ये प्रश्न राज्य सचिवालय को भेजे गए हैं। सचिवालय स्तर पर इन दिनों प्रश्नों के जवाब तैयार किए जा रहे हैं। सोमवार तक अध्यादेशों और विधेयकों की स्थिति साफ हो जाने की संभावना है।
Conclusion:राज्य आंदोलनकारी रवींद्र जुगरान  कहा की अलग राज्य उत्तराखंड की मांग पहाड़ों के विकास के लिए हुई थी लेकिन अब पहाड़ चढ़ने को कोई राजी नहीं है.....इस दौरान उन्होने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि प्रदेश की जब तक स्थाई राजधानी नहीं बनती है तब तक विधानसभा ही गैरसैँण में लिया लिजिए और सभी सत्रों को गैरसैँण विधानसभा में आयोजित किया जाना चाहिए!

बाइट- रवींद्र जुगरान, राज्य आँदोलनकारी  
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