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देहरादून: स्थायी राजधानी गैरसैंण की मांग को लेकर आंदोलनकारियों ने किया विधानसभा कूच

राज्य के आंदोलनकारी मंच के सैकड़ों आंदोलनकारियों ने गैरसैंण राजधानी की मांग को लेकर विधानसभा कूच किया. इस दौरान आंदोलकारियों और पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई. साथ ही आंदोलकारियों ने सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए.

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आंदोलकारियों का विधानसभा कूच.
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Published : Dec 5, 2019, 8:33 PM IST

देहरादून: शीतकालीन विधानसभा सत्र के दूसरे दिन जहां पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सहित सैकड़ों की संख्या में विधानसभा के बाहर उपवास पर बैठे गए. वहीं, पहले से तय कार्यक्रम के चलते गुरुवार को राज्य के आंदोलनकारी मंच के सैकड़ों आंदोलनकारियों ने गैरसैंण राजधानी की मांग को लेकर विधानसभा कूच किया. इस दौरान आंदोलकारियों और पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई. साथ ही आंदोलकारियों ने सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए. पुलिस ने विधानसभा से पहले ही आंदोलनकारियों को बैरिकेडिंग पर ही रोक दिया, जिसके बाद सभी आंदोलकारी धरने पर बैठ गए.

आंदोलकारियों का विधानसभा कूच.

यह भी पढ़ें: शीतकालीन सत्रः सदन में 'अपनों' से घिरी त्रिवेंद्र सरकार, विपक्ष की भूमिका में नजर आए बीजेपी विधायक

बता दें कि आंदोलनकारियों का कहना है कि राज्य गठन के 19 साल बीतने के बाद भी गैरसैंण को राजधानी बनाने को लेकर सरकार संजीदा नहीं है. उनकी मांग है कि राज्य आंदोलनकारियों के परिवार को नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जाए. साथ ही राज्य आंदोलनकारियों को चिह्नीकरण करके उनको पेंशन के साथ-साथ नौकरियां दी जाएं. आंदोलनकारियों का आरोप है कि देश में बेरोजगारी की जो हालत है, इससे युवा अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. यही नहीं बेरोजगारी दिनोंदिन लगातार बढ़ती जा रहा है.

यह भी पढ़ें: उत्तराखंडः बीजेपी हाईकमान ने शिवराज सिंह और अर्जुन राम मेघवाल को नियुक्त किया पर्यवेक्षक

राज्य आंदोलकारी प्रदीप कुकरेती ने कहा कि सरकार से उनकी मांग है कि गैरसैंण राजधानी को स्थाई राजधानी घोषित किया जाए. वहीं, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान को भी आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि शहर में ठंड का बहाना करके विधानसभा सत्र को देहरादून में शुरू किया गया है. इससे वहां के रहने वाले डॉक्टर, शिक्षक और युवाओं को भी राजधानी में आ जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार को शीघ्र इसपर कोई निर्णय लेना चाहिए अन्यथा एक बार फिर उग्र आंदोलन किया जाएगा.

देहरादून: शीतकालीन विधानसभा सत्र के दूसरे दिन जहां पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सहित सैकड़ों की संख्या में विधानसभा के बाहर उपवास पर बैठे गए. वहीं, पहले से तय कार्यक्रम के चलते गुरुवार को राज्य के आंदोलनकारी मंच के सैकड़ों आंदोलनकारियों ने गैरसैंण राजधानी की मांग को लेकर विधानसभा कूच किया. इस दौरान आंदोलकारियों और पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई. साथ ही आंदोलकारियों ने सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए. पुलिस ने विधानसभा से पहले ही आंदोलनकारियों को बैरिकेडिंग पर ही रोक दिया, जिसके बाद सभी आंदोलकारी धरने पर बैठ गए.

आंदोलकारियों का विधानसभा कूच.

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बता दें कि आंदोलनकारियों का कहना है कि राज्य गठन के 19 साल बीतने के बाद भी गैरसैंण को राजधानी बनाने को लेकर सरकार संजीदा नहीं है. उनकी मांग है कि राज्य आंदोलनकारियों के परिवार को नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जाए. साथ ही राज्य आंदोलनकारियों को चिह्नीकरण करके उनको पेंशन के साथ-साथ नौकरियां दी जाएं. आंदोलनकारियों का आरोप है कि देश में बेरोजगारी की जो हालत है, इससे युवा अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. यही नहीं बेरोजगारी दिनोंदिन लगातार बढ़ती जा रहा है.

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राज्य आंदोलकारी प्रदीप कुकरेती ने कहा कि सरकार से उनकी मांग है कि गैरसैंण राजधानी को स्थाई राजधानी घोषित किया जाए. वहीं, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान को भी आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि शहर में ठंड का बहाना करके विधानसभा सत्र को देहरादून में शुरू किया गया है. इससे वहां के रहने वाले डॉक्टर, शिक्षक और युवाओं को भी राजधानी में आ जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार को शीघ्र इसपर कोई निर्णय लेना चाहिए अन्यथा एक बार फिर उग्र आंदोलन किया जाएगा.

Intro:शीतकालीन विधानसभा सत्र के दूसरे दिन जहा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सहित सैकड़ो की संख्या में विधानसभा के बाहर उपवास पर बैठे गए!वही पहले से तय कार्यक्रम के चलते आज राज्य के आंदोलनकारी मंच के सैकड़ों आंदोलनकारियों ने गैरसैण राजधानी की मांग को लेकर विधानसभा कूच किया।इस दौरान आंदोलकारियों और पुलिस बीच थोड़ी नोकझोक भी हुई साथ ही इस दौरान आंदोलकारियों ने सरकार के खिलाफ भी नारे लगाए और पुलिस ने विधानसभा से पहले ही आंदोलनकारियों को पुलिस बल द्वारा बैरिकेडिंग पर ही रोक दिया गया और सभी आंदोलकारी धरने पर बैठ गए!Body:आंदोलनकारी नेता ने बताया कि जिस प्रकार राज्य गठन के 19 वर्ष बीतने पर भी सरकार गैरसैंण राजधानी को लेकर संजीदा नहीं है इससे साफ पता चलता है कि सरकार की नियत में कितना खोट है! वहीं उन्होंने मांग करते हुए कहा कि 10 परसेंट नौकरियों में राज्य आन्दोलकारियो के परिवार को  आरक्षण दिया जाए और राज्य आंदोलनकारियों को  चिन्हीकरण करके उनको पेंशन के साथ-साथ नौकरियां दी जाए! साथ ही उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि आज बेरोजगारी की हालत यह है कि युवा अपने को ठगा महसूस कर रहा है और बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रहा है!Conclusion:राज्य आंदोलकारी प्रदीप कुकरेती ने कहा की सरकार से हमारी मांग है की गैरसैंण राजधानी को स्थाई राजधानी घोषित किया जाए!वही सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जिस प्रकार शहर में ठंड का बहाना करके विधानसभा सत्र को देहरादून में कर रहे हैं इससे तो वहां के रहने वाले जो डॉक्टर शिक्षक और युवा है उनको भी राजधानी में आ जाना चाहिए!साथ में उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार को शीघ्र इस पर कोई निर्णय लेना चाहिए अन्यथा आंदोलन किया जाएगा।

बाइट-प्रदीप कुकरेती(राज्य आंदोलनकारी)
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