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चार घंटे के इंतजार के बाद राजीव भरतरी ने लिया PCCF का चार्ज, हाईकोर्ट ने दिया था नियुक्ति का आदेश - rajiv bhartari took charge as PCCF chief

हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी राजीव भरतरी को चार घंटे तक वन मुखिया का चार्ज नहीं मिल पाया था. आखिरकार दोपहर 1 बजे के आसपास राजीव भरतरी को चार्ज मिल पाया. भरतरी तय समय पर ही वन मुख्यालय पहुंच गए थे.

IFS officer Rajiv Bhartari
IFS अधिकारी राजीव भरतरी
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Published : Apr 4, 2023, 10:52 AM IST

Updated : Apr 4, 2023, 6:37 PM IST

IFS अधिकारी राजीव भरतरी ने लिया प्रमुख वन संरक्षक का चार्ज.

देहरादून: उत्तराखंड वन महकमे के मुखिया के तौर पर राजीव भरतरी को अब चार्ज मिल गया है. हाईकोर्ट ने सुबह 10 बजे राजीव भरतरी को सरकार से चार्ज दिलवाने के निर्देश दिए थे. राजीव भरतरी तय समय पर वन मुख्यालय भी पहुंच चुके थे लेकिन तब तक शासन की तरफ से उसको लेकर कोई आदेश नहीं दिया गया था. करीब 4 घंटे के इंतजार के बाद भरतरी को उनका चार्ज दिया गया. गौर हो कि, उत्तराखंड में धामी सरकार को नैनीताल हाईकोर्ट ने बड़ा झटका देते हुए राजीव भरतरी को मंगलवार सुबह 10 बजे चार्ज दिलवाने के निर्देश दिए थे.

कोर्ट के आदेश के बाद राजीव भरतरी अपना कार्यभार संभालने वन मुख्यालय सुबह सही समय पर पहुंचे थे. उसके बाद से ही वह अपने कार्यभार संभालने के आदेश का इंतजार कर रहे थे. सरकारी छुट्टी होने के कारण वन मुख्यालय में कम कर्मचारी आए थे. वहीं, आखिरकार शासन का आदेश पहुंचने में चार घंटे लग गए और इसके बाद राजीव भरतरी ने वन मुखिया के रूप में ज्वाइनिंग ली. राजीव भरतरी की ज्वाइनिंग से पहले ऐसी चर्चा थी कि सरकार इस मामले में अलगा कदम उठा सकती है.

ये भी पढ़ें-

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हालांकि, हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करवाने के लिए सरकार बाध्यकारी थी. कोर्ट के आदेशों के चलते राजीव भरतरी वन मुख्यालय में अपना चार्ज लेने के लिए पहुंचे थे. उधर, दूसरी तरफ ये भी चर्चा है कि सरकार ने हाईकोर्ट का आदेश आने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर ली है. हालांकि, इस खबर की अभी पुष्टि नहीं हो पाई है. बहरहाल करीब चार घंटे के बाद दोपहर 1 बजे राजीव भरतरी ने उत्तराखंड के प्रधान वन संरक्षक के पद पर ज्वाइन कर लिया है.

बता दें कि, राजीव भरतरी राज्य के सबसे वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी हैं. वो आगामी 30 अप्रैल को रिटायर भी हो रहे हैं. जैव विविधता बोर्ड में ट्रांसफर से पहले भरतरी कॉर्बेट नेशनल पार्क में पेड़ों के अवैध कटान की जांच कर रहे थे. सरकार ने 25 नवंबर 2021 को उनका ट्रांसफर जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष पद पर कर दिया था. सरकार के इस कदम का भरतरी ने विरोध किया था. उन्होंने इसको लेकर सरकार को चार रिपोर्ट्स भी दी थीं लेकिन उनपर कोई सुनवाई नहीं हुई. राजीव भरतरी का कहना था कि इस तरह ट्रांसफर में उनके सांविधानिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है.

IFS अधिकारी राजीव भरतरी ने लिया प्रमुख वन संरक्षक का चार्ज.

देहरादून: उत्तराखंड वन महकमे के मुखिया के तौर पर राजीव भरतरी को अब चार्ज मिल गया है. हाईकोर्ट ने सुबह 10 बजे राजीव भरतरी को सरकार से चार्ज दिलवाने के निर्देश दिए थे. राजीव भरतरी तय समय पर वन मुख्यालय भी पहुंच चुके थे लेकिन तब तक शासन की तरफ से उसको लेकर कोई आदेश नहीं दिया गया था. करीब 4 घंटे के इंतजार के बाद भरतरी को उनका चार्ज दिया गया. गौर हो कि, उत्तराखंड में धामी सरकार को नैनीताल हाईकोर्ट ने बड़ा झटका देते हुए राजीव भरतरी को मंगलवार सुबह 10 बजे चार्ज दिलवाने के निर्देश दिए थे.

कोर्ट के आदेश के बाद राजीव भरतरी अपना कार्यभार संभालने वन मुख्यालय सुबह सही समय पर पहुंचे थे. उसके बाद से ही वह अपने कार्यभार संभालने के आदेश का इंतजार कर रहे थे. सरकारी छुट्टी होने के कारण वन मुख्यालय में कम कर्मचारी आए थे. वहीं, आखिरकार शासन का आदेश पहुंचने में चार घंटे लग गए और इसके बाद राजीव भरतरी ने वन मुखिया के रूप में ज्वाइनिंग ली. राजीव भरतरी की ज्वाइनिंग से पहले ऐसी चर्चा थी कि सरकार इस मामले में अलगा कदम उठा सकती है.

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हालांकि, हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करवाने के लिए सरकार बाध्यकारी थी. कोर्ट के आदेशों के चलते राजीव भरतरी वन मुख्यालय में अपना चार्ज लेने के लिए पहुंचे थे. उधर, दूसरी तरफ ये भी चर्चा है कि सरकार ने हाईकोर्ट का आदेश आने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर ली है. हालांकि, इस खबर की अभी पुष्टि नहीं हो पाई है. बहरहाल करीब चार घंटे के बाद दोपहर 1 बजे राजीव भरतरी ने उत्तराखंड के प्रधान वन संरक्षक के पद पर ज्वाइन कर लिया है.

बता दें कि, राजीव भरतरी राज्य के सबसे वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी हैं. वो आगामी 30 अप्रैल को रिटायर भी हो रहे हैं. जैव विविधता बोर्ड में ट्रांसफर से पहले भरतरी कॉर्बेट नेशनल पार्क में पेड़ों के अवैध कटान की जांच कर रहे थे. सरकार ने 25 नवंबर 2021 को उनका ट्रांसफर जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष पद पर कर दिया था. सरकार के इस कदम का भरतरी ने विरोध किया था. उन्होंने इसको लेकर सरकार को चार रिपोर्ट्स भी दी थीं लेकिन उनपर कोई सुनवाई नहीं हुई. राजीव भरतरी का कहना था कि इस तरह ट्रांसफर में उनके सांविधानिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है.

Last Updated : Apr 4, 2023, 6:37 PM IST
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