देहरादून: उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों से लेकर मैदानी जिलों तक जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लगातार हो रही बारिश के कारण जगह-जगह जलभराव हो गया है. जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है. वहीं, पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश मैदानी इलाकों में नदियों के उफान और जलभराव के साथ ही आफत बनकर सामने आ रही है.
देहरादून शहर की बात करें तो शहर के बीच से होकर बहने वाली रिस्पना नदी उफान पर है. रिस्पना नदी पर मौजूद एक रेलवे ब्रिज को पहले ही नुकसान हो चुका है. वहीं नदी के दोनों ओर बसी बस्तियों पर लगातार खतरा मंडरा रहा है. बस्ती के लोगों ने बताया कि वे सभी खतरे के साए में जी रहे हैं. लगातार लोगों में नदी के उफान के चलते दहशत बनी हुई है.
आपदा प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार पिथौरागढ़, चंपावत, अल्मोड़ा, नैनीताल और उधमसिंह नगर में लगातार बारिश हो रही है. वहीं, बागेश्वर, चमोली, पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, देहरादून और हरिद्वार में बादल छाए हुए हैं.
चारधाम यात्रा मार्ग की स्थिति-
ऋषिकेश-बदरीनाथ मार्ग लामबगड़ और तोता घाटी में मलवा आने के कारण बंद है.
ऋषिकेश-केदारनाथ मार्ग विद्यापीठ गुप्तकाशी के पास बंद है.
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राज्य की अन्य सड़कों का हाल-
पिथौरागढ़- पिथौरागढ़-मजकोट मुनस्यारी मार्ग बंद है. जौलजीबी-मजकोट चामी के पास बंद है. तवाघाट पांगला गकसु और मलघट के पास बंद है. तवाघाट सोबला बंद है. चौकी घाट पिथौरागढ़ की तरफ 500 मीटर आगे बंद है. अस्कोट ओगल मार्ग पिनोरा के पास बंद है.
चमोली- गोपेश्वर पोखरी मार्ग बंद है. एनएच-लामबगड़, करणप्रयाग से दो-तीन किलोमीटर आगे बंद है
अल्मोड़ा- अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ मार्ग में पनार से आगे मकड़ाउ के पास मलबा आने के कारण मार्ग बंद है.
टिहरी- एनएच-94 आमसेरा चंबा के पास पत्थर आने से बंद है.
चंपावत- टनकपुर चंपावत मार्ग खुल गया है.