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रघुनाथ का धामी सरकार से सवाल- हरक के काले कारनामों की SIT जांच का क्या हुआ ?

उत्तराखंड में धामी सरकार 2.0 के 100 दिन पूरे हो गए हैं. इस मौके पर सीएम पुष्कर धामी अपने कामों को जनता के बीच रख रहे हैं और अपनी उपलब्धि भी गिनवा रहे हैं. इधर, जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी धामी सरकार पर हमलावर हुए हैं. उनका कहना है कि हरक सिंह रावत के कार्यकाल में कर्मकार कल्याण बोर्ड में घोटाले हुए, जिसपर एसआईटी जांच कराने की बात कही गई. अब उनके दावे कहां गए?

Raghunath Singh targets on Harak Singh Rawat
रघुनाथ सिंह नेगी
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Published : Jun 30, 2022, 2:08 PM IST

विकासनगरः जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष और जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने मामले पर धामी सरकार को भी आड़े हाथों लिया है. उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की ओर से सुशासन के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं. इन्हीं झूठे दावों के आधार पर सरकार 100 दिन पूरे होने पर कार्यक्रम आयोजित कर रही है. जबकि, तत्कालीन श्रम मंत्री हरक सिंह रावत के कार्यकाल में कर्मकार कल्याण बोर्ड में घोटाले हुए और एसआईटी जांच कराने के दावे किए गए, लेकिन वे सभी हवाई साबित हुए.

जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने आरोप लगाया कि हरक सिंह रावत के काले कारनामों में साइकिल, सिलाई मशीन, वेल्डिंग मशीन, टूल किट आदि करोड़ों रुपए की खरीद और खाद्यान्न किट घोटाला शामिल है. साथ ही सहसपुर के शंकरपुर में लगभग 107 बीघा भूमि फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए हथियाने का आरोप है. इसके अलावा कर्मकार कल्याण बोर्ड के माध्यम से करोड़ों रुपया अपने मेडिकल कॉलेज एवं अन्य प्राइवेट अस्पतालों को इलाज के नाम पर बंदरबांट किए जाने का मामला था, लेकिन सरकार इन मामलों में मुंह छुपाए बैठी है.

ये भी पढ़ेंः क्या हरक और यशपाल आर्य की होगी CBI जांच?, ये बोले CM धामी

रघुनाथ सिंह नेगी का आरोप है कि हरक सिंह पर निजी स्वार्थ के चलते निजी महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्रों की फीस वृद्धि मामले में कोर्ट के आदेश को दरकिनार करने का भी दाग है. जिसके जरिए गरीब छात्रों को लूटा गया है. उन्होंने कहा कि मोर्चा ने राजभवन एवं सरकार से उनके काले कारनामों की जांच कराए जाने की मांग की थी, लेकिन सरकार और राजभवन भी सुनने को तैयार नहीं हैं.

ये भी पढ़ेंः दलीप रावत ने 'शेर-ए-गढ़वाल' को बताया 'रंगा सियार', कहा- जनता ने वोटों से धो डाला

रघुनाथ सिंह नेगी का कहना है कि ऐसा प्रतीत होता है कि इस मामले में भी सरकार को सांप सूंघ गया है. भ्रष्टाचार मिटाने के सरकार के बड़े-बड़े दावे और भ्रष्टाचार रोधी ऐप सिर्फ जनता की झूठी वाहवाही लूटने के लिए है. जबकि, धरातल पर मामला बिल्कुल उलट है. उन्होंने कहा कि जन संघर्ष मोर्चा सरकार को आगाह करता है कि सुशासन के झूठे दावे करना बंद करें.

विकासनगरः जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष और जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने मामले पर धामी सरकार को भी आड़े हाथों लिया है. उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की ओर से सुशासन के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं. इन्हीं झूठे दावों के आधार पर सरकार 100 दिन पूरे होने पर कार्यक्रम आयोजित कर रही है. जबकि, तत्कालीन श्रम मंत्री हरक सिंह रावत के कार्यकाल में कर्मकार कल्याण बोर्ड में घोटाले हुए और एसआईटी जांच कराने के दावे किए गए, लेकिन वे सभी हवाई साबित हुए.

जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने आरोप लगाया कि हरक सिंह रावत के काले कारनामों में साइकिल, सिलाई मशीन, वेल्डिंग मशीन, टूल किट आदि करोड़ों रुपए की खरीद और खाद्यान्न किट घोटाला शामिल है. साथ ही सहसपुर के शंकरपुर में लगभग 107 बीघा भूमि फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए हथियाने का आरोप है. इसके अलावा कर्मकार कल्याण बोर्ड के माध्यम से करोड़ों रुपया अपने मेडिकल कॉलेज एवं अन्य प्राइवेट अस्पतालों को इलाज के नाम पर बंदरबांट किए जाने का मामला था, लेकिन सरकार इन मामलों में मुंह छुपाए बैठी है.

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रघुनाथ सिंह नेगी का आरोप है कि हरक सिंह पर निजी स्वार्थ के चलते निजी महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्रों की फीस वृद्धि मामले में कोर्ट के आदेश को दरकिनार करने का भी दाग है. जिसके जरिए गरीब छात्रों को लूटा गया है. उन्होंने कहा कि मोर्चा ने राजभवन एवं सरकार से उनके काले कारनामों की जांच कराए जाने की मांग की थी, लेकिन सरकार और राजभवन भी सुनने को तैयार नहीं हैं.

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रघुनाथ सिंह नेगी का कहना है कि ऐसा प्रतीत होता है कि इस मामले में भी सरकार को सांप सूंघ गया है. भ्रष्टाचार मिटाने के सरकार के बड़े-बड़े दावे और भ्रष्टाचार रोधी ऐप सिर्फ जनता की झूठी वाहवाही लूटने के लिए है. जबकि, धरातल पर मामला बिल्कुल उलट है. उन्होंने कहा कि जन संघर्ष मोर्चा सरकार को आगाह करता है कि सुशासन के झूठे दावे करना बंद करें.

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