ऋषिकेश: अब निगम के चीला पावर हाउस में पैन स्टॉक में कंक्रीट इंजेक्ट करने में घालमेल का मामला भी सुर्खियों में आ गया है. सूत्रों का दावा है कि विभाग ने पैन स्टॉक में जितना खोखलापन बताया है, वाकई हकीकत में ऐसा है, तो ये चिंता की बात है. हालांकि, इस पूरे प्रकरण में अनियमितता की बात भी सामने आ रही है. लेकिन इस पर निगम के अधिकारी खुले तौर पर कुछ भी कहने को तैयार नहीं दिख रहे हैं.
दरअसल, करीब डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से चीला पावर हाउस के पैन स्टॉक की मरम्मत का कार्य इन दिनों चल रहा है. जिसमें पैन स्टॉक में कंक्रीट को इंजेक्ट करने के लिए एक निजी एजेंसी को निगम ने ठेका दिया है. आधुनिक मशीन के माध्यम से पेन स्टॉक में लगभग 8,500 किलोग्राम कंक्रीट इंजेक्ट किया जाना है. बस इसी बात को लेकर अनियमितता का दावा किया जा रहा है.
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सूत्रों की मानें तो अगर पेन स्टॉक इतना खोखला है, तो यह पावर हाउस के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. सवाल यह भी उठाया जा रहा है कि इतना खोखलापन होने के बावजूद आखिर कैसे पावर हाउस चल रहा था? सूत्रों ने इस काम में सरकारी धन को ठिकाने लगाने का अंदेशा भी जाहिर किया है.
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प्रबंध निदेशक (एमडी) संदीप सिंघल का कहना है कि लोगों को भ्रांतियां होती हैं. कम नॉलेज नुकसानदेह होता है. अगर आप मौके पर जाकर देखेंगे, तो मालूम होगा कि आखिर क्या काम हो रहा है. दूर से ही देख कर अगर आप अपने मन में कोई विचार बना लेंगे, तो आप बना सकते हैं. एमडी ने तमाम आशंका और अनियमितता की बातों को खारिज किया. उन्होंने कहा जो भी काम हो रहा है उसकी जरूरत है, हमारे इंजीनियर उसे दिन-रात सुपरवाइज कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया है कि दक्षता और निपुणता के साथ बेहतर काम किया जा रहा है.