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मंत्री हरक के विभाग में भ्रष्टाचारियों को पनाह! इन फैसलों पर सरकार की हो रही फजीहत

कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के विभागों में भ्रष्टाचार में लिप्त आरोपियों को नियुक्ति मिल रही है. जिससे कारण उनके फैसलों पर सवाल उठने शुरू हो गये हैं. हाल ही में आयुर्वेद विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार के तौर पर विवादित अधिकारी मृत्युंजय मिश्रा को तैनाती दी गई है, जबकि मृत्युंजय मिश्रा के खिलाफ पुलिस जांच कर रही है.

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भ्रष्ट अधिकारियों की पनाहगाह बने हरक सिंह रावत के विभाग
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Published : Dec 29, 2021, 6:12 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में चुनाव से पहले विवादित अधिकारियों को विभागों में एक के बाद एक बहाली मिलने से हरक सिंह रावत का विभाग सवालों के घेरे में आ गया है. स्थिति यह है कि हरक सिंह रावत के श्रम विभाग से लेकर वन विभाग आयुष विभाग और ऊर्जा विभाग सभी के नाम इसमें शामिल हैं. ऐसे में आने वाले विधानसभा चुनावों में सरकार की मुसीबतें बढ़ सकती हैं. उधर, कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद द्वारा आबकारी विभाग के अधिकारी को पोस्टिंग देने का मामला भी सरकार की जमकर फजीहत करा रहा है.

कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के विभाग अब भाजपा सरकार के लिए मुसीबत बनते हुए दिखाई दे रहे हैं. दरअसल, पिछले कुछ समय में हरक सिंह रावत के विभागों में कुछ ऐसे फैसले हुए हैं. जो न केवल हरक सिंह रावत की छवि खराब कर रहे हैं, बल्कि चुनाव से पहले सरकार पर भी बट्टा लगा रहे हैं. बता दें कि आयुर्वेद विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार के तौर पर विवादित अधिकारी मृत्युंजय मिश्रा को तैनाती दी गई है, जबकि मृत्युंजय मिश्रा के खिलाफ पुलिस जांच कर रही है. वह अभी जमानत पर बाहर हैं. इससे पहले वह जेल की भी हवा खा चुके हैं.

मंत्री हरक के विभाग में भ्रष्टाचारियों को पनाह!

पढ़ें- वाहन चोर गिरोह का हरिद्वार पुलिस ने किया पर्दाफाश, 3 सदस्य गिरफ्तार

इतने गंभीर आरोपों में घिरे मृत्युंजय मिश्रा को जिस तरह रजिस्ट्रार की जिम्मेदारी दी गई है उसके बाद हरक सिंह रावत पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. हरक सिंह रावत की विवादों से जुड़ी केवल यही कहानी नहीं है. बल्कि उनके दूसरे विभागों में भी लगातार एक के बाद एक आरोपी अधिकारियों को बहाली दी जा रही है. ऊर्जा विभाग में भी हाल ही में तीन करोड़ों के भ्रष्टाचार के आरोपियों का निलंबन खत्म किया गया है.

पढ़ें- धर्म संसद हेट स्पीच मामला: तहरीर देते समय साधु बोले- कोतवाल हमारी तरफ होगा, लगाए ठहाके

वन विभाग में भी अवैध पेड़ काटे जाने और अवैध निर्माण करने के मामले में प्रमुख वन संरक्षक को तो हटा दिया गया है. लेकिन कॉर्बेट के डायरेक्टर पर मेहरबानी करना सवाल बना हुआ है. यह सारे वह विभाग हरक सिंह रावत के पास हैं. इन विभागों में चुनाव से पहले विवादित निर्णयों का लिया जाना, आने वाले समय में सरकार की मुसीबतें बढ़ा सकता है.

पढ़ें- नैनीताल हाईकोर्ट में शिवालिक एलिफेंट कॉरिडोर मामला, 5 जनवरी को अगली सुनवाई

कांग्रेस प्रवक्ता हरक सिंह रावत के विभागों में हो रही विवादित अधिकारियों की नियुक्ति के मामले पर चुटकी ले रहे हैं. उनका कहना है कि हरक सिंह रावत और विवादित अधिकारियों का चोली दामन का साथ रहा है, इसीलिए उनके विभागों में इस तरीके के विवादित अधिकारी मलाईदार पोस्टिंग पाने में सफल हो रहे हैं. ऐसे में सरकार को खुद भी ऐसी पोस्टिंग का संज्ञान लेने की जरूरत है. जिससे भ्रष्ट अधिकारियों पर नकेल कसी जा सके.

देहरादून: उत्तराखंड में चुनाव से पहले विवादित अधिकारियों को विभागों में एक के बाद एक बहाली मिलने से हरक सिंह रावत का विभाग सवालों के घेरे में आ गया है. स्थिति यह है कि हरक सिंह रावत के श्रम विभाग से लेकर वन विभाग आयुष विभाग और ऊर्जा विभाग सभी के नाम इसमें शामिल हैं. ऐसे में आने वाले विधानसभा चुनावों में सरकार की मुसीबतें बढ़ सकती हैं. उधर, कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद द्वारा आबकारी विभाग के अधिकारी को पोस्टिंग देने का मामला भी सरकार की जमकर फजीहत करा रहा है.

कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के विभाग अब भाजपा सरकार के लिए मुसीबत बनते हुए दिखाई दे रहे हैं. दरअसल, पिछले कुछ समय में हरक सिंह रावत के विभागों में कुछ ऐसे फैसले हुए हैं. जो न केवल हरक सिंह रावत की छवि खराब कर रहे हैं, बल्कि चुनाव से पहले सरकार पर भी बट्टा लगा रहे हैं. बता दें कि आयुर्वेद विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार के तौर पर विवादित अधिकारी मृत्युंजय मिश्रा को तैनाती दी गई है, जबकि मृत्युंजय मिश्रा के खिलाफ पुलिस जांच कर रही है. वह अभी जमानत पर बाहर हैं. इससे पहले वह जेल की भी हवा खा चुके हैं.

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इतने गंभीर आरोपों में घिरे मृत्युंजय मिश्रा को जिस तरह रजिस्ट्रार की जिम्मेदारी दी गई है उसके बाद हरक सिंह रावत पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. हरक सिंह रावत की विवादों से जुड़ी केवल यही कहानी नहीं है. बल्कि उनके दूसरे विभागों में भी लगातार एक के बाद एक आरोपी अधिकारियों को बहाली दी जा रही है. ऊर्जा विभाग में भी हाल ही में तीन करोड़ों के भ्रष्टाचार के आरोपियों का निलंबन खत्म किया गया है.

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वन विभाग में भी अवैध पेड़ काटे जाने और अवैध निर्माण करने के मामले में प्रमुख वन संरक्षक को तो हटा दिया गया है. लेकिन कॉर्बेट के डायरेक्टर पर मेहरबानी करना सवाल बना हुआ है. यह सारे वह विभाग हरक सिंह रावत के पास हैं. इन विभागों में चुनाव से पहले विवादित निर्णयों का लिया जाना, आने वाले समय में सरकार की मुसीबतें बढ़ा सकता है.

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कांग्रेस प्रवक्ता हरक सिंह रावत के विभागों में हो रही विवादित अधिकारियों की नियुक्ति के मामले पर चुटकी ले रहे हैं. उनका कहना है कि हरक सिंह रावत और विवादित अधिकारियों का चोली दामन का साथ रहा है, इसीलिए उनके विभागों में इस तरीके के विवादित अधिकारी मलाईदार पोस्टिंग पाने में सफल हो रहे हैं. ऐसे में सरकार को खुद भी ऐसी पोस्टिंग का संज्ञान लेने की जरूरत है. जिससे भ्रष्ट अधिकारियों पर नकेल कसी जा सके.

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