देहरादून: उत्तराखंड में तीरथ सरकार एक नए विवाद में घिरते नजर आ रही है. इस बार यह विवाद मुख्यमंत्री के प्रमुख सलाहकार आरबीएस रावत को लेकर है. बता दें कि, कुछ दिन पहले ही मीडिया सलाहकार दिनेश मानसेरा को सरकार ने नियुक्ति देने के कुछ ही घंटों बाद हटा दिया था. ऐसे में अब तीरथ सरकार इस बात को लेकर सवालों के घेरे में है कि क्या मुख्यमंत्री के सलाहकारों की नियुक्ति से पहले सरकार होमवर्क नहीं कर रही है.
उत्तराखंड में तीरथ सरकार ने त्रिवेंद्र सिंह के कार्यकाल के दौरान लिए गए फैसलों को पलटने के लिए विख्यात हो चुकी है. लेकिन अब अपने ही फैसलों को पलटने में भी सरकार चर्चाओं में आने लगी है. बिना होमवर्क के मुख्यमंत्री के सलाहकारों की नियुक्ति भी सवालों के घेरे में ही है. पहले दिनेश मानसेरा को मीडिया सलाहकार बनाने के कुछ घंटों बाद ही सरकार ने कदम पीछे खींच लिए और उनकी नियुक्ति रद्द कर दी. जबकि अब प्रमुख सलाहकार डॉ.आरबीएस रावत की नियुक्ति पर भी सवाल उठ रहे हैं.
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बता दें कि, पूर्व आईएएफएस अधिकारी आरबीएस रावत ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की नियुक्ति में हुई धांधली के मामले में विवादित रहे हैं. स्थिति यह है कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष पद से उन्होंने इस मामले के सामने आने के बाद इस्तीफा दे दिया था. जबकि भाजपा ने ही इस मामले में हरीश रावत सरकार के दौरान हुई इस धांधली पर सवाल खड़े किए थे. लेकिन अब भाजपा की सरकार में ही विवादित अधिकारी को रखने के बाद सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. इस मामले में न केवल आम आदमी पार्टी बल्कि विपक्षी दलों के साथ ही बुद्धिजीवी भी भाजपा की करनी और कथनी को लेकर सवाल उठा रहे हैं. सवाल उठ रहा है कि आखिरकार तीरथ सरकार में सलाहकारों को रखने से पहले क्या होमवर्क नहीं किया जाता है?