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CORONA: स्वास्थ्य विभाग के 'बैक बोन' बने क्वारंटाइन सेंटर, जानिए कैसे

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Published : Aug 25, 2020, 6:09 PM IST

Updated : Aug 26, 2020, 3:04 PM IST

कोरोना काल में देहरादून के क्वारंटाइन सेंटर स्वास्थ्य विभाग के लिए बैक बोन साबित हो रहे हैं. ईटीवी भारत अपनी इस खास रिपोर्ट के जरिए क्वारंटाइन सेंटर, कोविड केयर सेंटर के हर पहलू को आपके सामने ला रहा है.

Quarantine Center became the back bone
क्वारंटाइन सेंटर स्वास्थ्य विभाग के बैक बोन बने.

देहरादून: भारत में कोविड-19 के नए मामलों की संख्या में वृद्धि जारी है. अब तक भारत में कोरोना मरीजों की संख्या 31,67,324 के पार हो चुकी है. वहीं, उत्तराखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 15 हजार के पार चली गई है. लेकिन इन सबके बीच उत्तराखंड में क्वारंटाइन सेंटर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. ईटीवी भारत अपनी इस खास रिपोर्ट के जरिए क्वारंटाइन सेंटर, कोविड केयर सेंटर के हर पहलू को आपके सामने ला रहा है.

संकट की घड़ी में क्वारंटाइन सेंटर का नाम हर किसी की जुबां पर है. किसी के लिए क्वारंटाइन सेंटर ठीक होने वाली जगह है तो किसी के लिए खौफनाक. बढ़ते मरीजों की देखभाल के लिए उत्तराखंड में बड़ी संख्या में क्वारंटाइन सेंटर्स बनाए गए हैं. यहां तक कि स्कूल और होटल्स को भी क्वारंटाइन सेंटर के रूप में स्थापित किया गया है.

खास बात ये है कि जिस तेजी से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, उसने क्वारंटाइन और कोविड केयर सेंटर की जरूरत को और भी ज्यादा बढ़ा दिया है. राजधानी देहरादून में भी ऐसे ही कई सेंटर्स तैयार किए गए हैं. जहां पर्याप्त संख्या में बेड तैयार रखे गए हैं. देहरादून के जिला अधिकारी आशीष कुमार श्रीवास्तव बताते हैं कि उत्तराखंड में करीब 800 एक्टिव केस हैं. और जिले में करीब 3000 बेड प्रशासन के पास मौजूद है.

स्वास्थ्य विभाग के 'बैक बोन' बने क्वारंटाइन सेंटर.

ये भी पढ़ें: CORONA: मरीजों की संख्या के साथ मौत का ग्राफ भी बढ़ा

देहरादून में क्वारंटाइन सेंटर

राजधानी देहरादून में कुल क्वारंटाइन सेंटर की संख्या 27 है. जिनमें कुल 2300 बेड मौजूद हैं. इन सेंटर्स में 600 कोरोना पॉजिटिव मरीज भर्ती है. जिले में मौजूद 27 सेंटर्स में 1 मिलिट्री क्वारंटाइन सेंटर भी है. जिसमे 380 बेड तैयार रखे गए हैं.

राजधानी में 2 सेंटर आईटीबीपी द्वारा स्थापित किये गए हैं. जहां 200-200 क्षमता वाले इन सेंटर में 273 पॉजिटिव और संदिग्ध मरीज भर्ती हैं. देहरादून में जिले में 11 पेड क्वारंटाइन सेंटर हैं, जहां मरीज अच्छी सुविधा लेकर पैसे देकर क्वारंटाइन हो सकते हैं. इन 11 पेड क्वारंटाइन सेंटर में 298 मरीजों को रखने की क्षमता है. जहां मौजूदा समय में 68 मरीज क्वारंटाइन हैं.

देहरादून जिला प्रशासन के अधीन अनपेड 13 सेंटर्स अलग से हैं. जिनमे 1298 बेड मौजूद हैं और इन सेंटर्स में मात्र 193 मरीज भर्ती हैं. ऐसे में आंकड़े बताते हैं कि देहरादून के अलग-अलग क्वारंटाइन सेंटर में करीब 2300 बेड मौजूद हैं, जिनमें 600 मरीज भर्ती हैं. इसके अलावा 750 बेड की क्षमता वाले कोविड केयर सेंटर को स्पोर्ट्स स्टेडियम में स्थापित किया गया है. जो वेटिंग में रखा गया है.

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण

उत्तराखंड में अब तक 15,532 लोग संक्रमित हो चुके हैं. प्रदेश में 4,355 एक्टिव केस है और 10,912 लोग ठीक होकर अपने घरों को जा चुके हैं. देहरादून में 3,012 लोग संक्रमित हो चुके हैं. जिनमें 2,124 लोगों ने कोरोना को मात दी है. जिले में अब कुल करीब 850 एक्टिव केस है.

मरीजों के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं की बात करें तो देहरादून जिले में दो अस्पताल कोविड-19 का इलाज कर रहे हैं, जिसमें दून मेडिकल कॉलेज और एम्स ऋषिकेश शामिल है. दून मेडिकल कॉलेज और एम्स में 250-250 बेड कोविड मरीजों के लिए उपलब्ध है. ऐसे में देहरादून में मौजूद 850 एक्टिव केस को सिर्फ अस्पतालों के भरोसों नहीं रखा जा सकता है. लिहाजा मरीजों को क्वारंटाइन सेंटर और कोविड केयर सेंटर में भी रखा जा रहा है.

ये भी पढ़ें: CORONA: उत्तराखंड में टेस्टिंग बैकलॉग बनी समस्या, 14 हजार सैंपल को जांच का इंतजार

दून मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 के मरीजों को देख रहे डॉ. नारायण जीत सिंह बताते हैं कि कोविड केयर सेंटर और क्वारंटाइन सेंटर से अस्पतालों को बेहद ज्यादा फायदा मिला है. इसके जरिए बिना लक्षण या कम लक्षण वाले कोरोना मरीजों को सेंटर्स में रखकर इलाज किया जा रहा है. ताकि अस्पतालों से दबाव कम किया जा सके. डॉ. नारायण जीत सिंह का कहना है कि जरूरतमंदों और गंभीर कोरोना मरीजों को आईसीयू और वॉर्ड की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. नॉर्मल मरीजों को इन सेंटर्स में रखकर इलाज किया जा रहा है. ऐसे सेंटर्स को स्वास्थ्य विभाग की बैक बोन बता रहे हैं.

खतरों के बीच जिम्मेदारी

स्वास्थ्य विभाग के लिहाज से देखें तो क्वारंटाइन सेंटर एक हेल्पिंग हैंड के रूप में काम आ रहे हैं. लेकिन आम लोगों के मन में क्वारंटाइन सेंटर्स की बदहाली और कुछ वायरल वीडियो को लेकर एक खौफनाक तस्वीर बैठी हुई है. लेकिन सरकार हर क्वारंटाइन सेंटर पर सुविधाओं को पुख्ता कर रही है.

क्वारंटाइन सेंटर में ड्यूटी देने वाले स्वास्थ्यकर्मियों की भूमिका भी बेहद महत्वपूर्ण है. राजधानी देहरादून के 27 क्वारंटाइन सेंटर में करीब 280 कर्मचारी ड्यूटी दे रहे हैं. इनमें स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग के कर्मचारी शामिल है. इससे इतर नगर निगम के स्वास्थ्यकर्मी, पीआरडी कर्मी, पुलिसकर्मी, खाद्य विभाग के कर्मी भी शामिल हैं.

क्वारंटाइन सेंटर्स में ड्यूटी दे रहे कर्मियों की सुरक्षा को लेकर भी यहां अलग से मानक तय किए गए हैं. जिसमें मरीजों के पास जाने वाले कर्मियों के लिए पीपीपी किट उपलब्ध कराने से लेकर 10 दिनों का आइसोलेशन और कोविड जांच कराई जाती है. कोविड केयर सेंटर में राशन उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्ति निरीक्षक सुनील देवली बताते हैं कि क्वारंटाइन सेंटर में पूरी एहतियात के साथ कर्मचारी काम करते हैं. लेकिन कोविड-19 का डर आम लोगों की तरह कर्मचारियों को भी होता है. लेकिन, लोगों की सेवा की जरूरत को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए हम अपनी ड्यूटी मुस्तैदी से निभा रहे हैं.

देहरादून: भारत में कोविड-19 के नए मामलों की संख्या में वृद्धि जारी है. अब तक भारत में कोरोना मरीजों की संख्या 31,67,324 के पार हो चुकी है. वहीं, उत्तराखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 15 हजार के पार चली गई है. लेकिन इन सबके बीच उत्तराखंड में क्वारंटाइन सेंटर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. ईटीवी भारत अपनी इस खास रिपोर्ट के जरिए क्वारंटाइन सेंटर, कोविड केयर सेंटर के हर पहलू को आपके सामने ला रहा है.

संकट की घड़ी में क्वारंटाइन सेंटर का नाम हर किसी की जुबां पर है. किसी के लिए क्वारंटाइन सेंटर ठीक होने वाली जगह है तो किसी के लिए खौफनाक. बढ़ते मरीजों की देखभाल के लिए उत्तराखंड में बड़ी संख्या में क्वारंटाइन सेंटर्स बनाए गए हैं. यहां तक कि स्कूल और होटल्स को भी क्वारंटाइन सेंटर के रूप में स्थापित किया गया है.

खास बात ये है कि जिस तेजी से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, उसने क्वारंटाइन और कोविड केयर सेंटर की जरूरत को और भी ज्यादा बढ़ा दिया है. राजधानी देहरादून में भी ऐसे ही कई सेंटर्स तैयार किए गए हैं. जहां पर्याप्त संख्या में बेड तैयार रखे गए हैं. देहरादून के जिला अधिकारी आशीष कुमार श्रीवास्तव बताते हैं कि उत्तराखंड में करीब 800 एक्टिव केस हैं. और जिले में करीब 3000 बेड प्रशासन के पास मौजूद है.

स्वास्थ्य विभाग के 'बैक बोन' बने क्वारंटाइन सेंटर.

ये भी पढ़ें: CORONA: मरीजों की संख्या के साथ मौत का ग्राफ भी बढ़ा

देहरादून में क्वारंटाइन सेंटर

राजधानी देहरादून में कुल क्वारंटाइन सेंटर की संख्या 27 है. जिनमें कुल 2300 बेड मौजूद हैं. इन सेंटर्स में 600 कोरोना पॉजिटिव मरीज भर्ती है. जिले में मौजूद 27 सेंटर्स में 1 मिलिट्री क्वारंटाइन सेंटर भी है. जिसमे 380 बेड तैयार रखे गए हैं.

राजधानी में 2 सेंटर आईटीबीपी द्वारा स्थापित किये गए हैं. जहां 200-200 क्षमता वाले इन सेंटर में 273 पॉजिटिव और संदिग्ध मरीज भर्ती हैं. देहरादून में जिले में 11 पेड क्वारंटाइन सेंटर हैं, जहां मरीज अच्छी सुविधा लेकर पैसे देकर क्वारंटाइन हो सकते हैं. इन 11 पेड क्वारंटाइन सेंटर में 298 मरीजों को रखने की क्षमता है. जहां मौजूदा समय में 68 मरीज क्वारंटाइन हैं.

देहरादून जिला प्रशासन के अधीन अनपेड 13 सेंटर्स अलग से हैं. जिनमे 1298 बेड मौजूद हैं और इन सेंटर्स में मात्र 193 मरीज भर्ती हैं. ऐसे में आंकड़े बताते हैं कि देहरादून के अलग-अलग क्वारंटाइन सेंटर में करीब 2300 बेड मौजूद हैं, जिनमें 600 मरीज भर्ती हैं. इसके अलावा 750 बेड की क्षमता वाले कोविड केयर सेंटर को स्पोर्ट्स स्टेडियम में स्थापित किया गया है. जो वेटिंग में रखा गया है.

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण

उत्तराखंड में अब तक 15,532 लोग संक्रमित हो चुके हैं. प्रदेश में 4,355 एक्टिव केस है और 10,912 लोग ठीक होकर अपने घरों को जा चुके हैं. देहरादून में 3,012 लोग संक्रमित हो चुके हैं. जिनमें 2,124 लोगों ने कोरोना को मात दी है. जिले में अब कुल करीब 850 एक्टिव केस है.

मरीजों के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं की बात करें तो देहरादून जिले में दो अस्पताल कोविड-19 का इलाज कर रहे हैं, जिसमें दून मेडिकल कॉलेज और एम्स ऋषिकेश शामिल है. दून मेडिकल कॉलेज और एम्स में 250-250 बेड कोविड मरीजों के लिए उपलब्ध है. ऐसे में देहरादून में मौजूद 850 एक्टिव केस को सिर्फ अस्पतालों के भरोसों नहीं रखा जा सकता है. लिहाजा मरीजों को क्वारंटाइन सेंटर और कोविड केयर सेंटर में भी रखा जा रहा है.

ये भी पढ़ें: CORONA: उत्तराखंड में टेस्टिंग बैकलॉग बनी समस्या, 14 हजार सैंपल को जांच का इंतजार

दून मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 के मरीजों को देख रहे डॉ. नारायण जीत सिंह बताते हैं कि कोविड केयर सेंटर और क्वारंटाइन सेंटर से अस्पतालों को बेहद ज्यादा फायदा मिला है. इसके जरिए बिना लक्षण या कम लक्षण वाले कोरोना मरीजों को सेंटर्स में रखकर इलाज किया जा रहा है. ताकि अस्पतालों से दबाव कम किया जा सके. डॉ. नारायण जीत सिंह का कहना है कि जरूरतमंदों और गंभीर कोरोना मरीजों को आईसीयू और वॉर्ड की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. नॉर्मल मरीजों को इन सेंटर्स में रखकर इलाज किया जा रहा है. ऐसे सेंटर्स को स्वास्थ्य विभाग की बैक बोन बता रहे हैं.

खतरों के बीच जिम्मेदारी

स्वास्थ्य विभाग के लिहाज से देखें तो क्वारंटाइन सेंटर एक हेल्पिंग हैंड के रूप में काम आ रहे हैं. लेकिन आम लोगों के मन में क्वारंटाइन सेंटर्स की बदहाली और कुछ वायरल वीडियो को लेकर एक खौफनाक तस्वीर बैठी हुई है. लेकिन सरकार हर क्वारंटाइन सेंटर पर सुविधाओं को पुख्ता कर रही है.

क्वारंटाइन सेंटर में ड्यूटी देने वाले स्वास्थ्यकर्मियों की भूमिका भी बेहद महत्वपूर्ण है. राजधानी देहरादून के 27 क्वारंटाइन सेंटर में करीब 280 कर्मचारी ड्यूटी दे रहे हैं. इनमें स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग के कर्मचारी शामिल है. इससे इतर नगर निगम के स्वास्थ्यकर्मी, पीआरडी कर्मी, पुलिसकर्मी, खाद्य विभाग के कर्मी भी शामिल हैं.

क्वारंटाइन सेंटर्स में ड्यूटी दे रहे कर्मियों की सुरक्षा को लेकर भी यहां अलग से मानक तय किए गए हैं. जिसमें मरीजों के पास जाने वाले कर्मियों के लिए पीपीपी किट उपलब्ध कराने से लेकर 10 दिनों का आइसोलेशन और कोविड जांच कराई जाती है. कोविड केयर सेंटर में राशन उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्ति निरीक्षक सुनील देवली बताते हैं कि क्वारंटाइन सेंटर में पूरी एहतियात के साथ कर्मचारी काम करते हैं. लेकिन कोविड-19 का डर आम लोगों की तरह कर्मचारियों को भी होता है. लेकिन, लोगों की सेवा की जरूरत को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए हम अपनी ड्यूटी मुस्तैदी से निभा रहे हैं.

Last Updated : Aug 26, 2020, 3:04 PM IST
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