विकासनगर: कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी में हाइब्रिड कद्दूवर्गीय सब्जियों की पौध की डिमांड बढ़ रही है. यहां तैयार की हुई पौध को उत्तराखंड, हिमाचल, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान काफी संख्या में खरीदारी करने पहुंच रहे हैं.
कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी जिले का ऐसा एकमात्र केंद्र है जहां पर किसानों को समय-समय पर वैज्ञानिकों द्वारा अनेक प्रकार के प्रशिक्षण दिए जाते हैं. साथ ही इस केंद्र में तैयार की गई पौध से किसानों को लाभ मिलता है. वहीं, केंद्र अपनी इनकम के साधन भी जुटा रहा है.
कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी के परिसर में इन दिनों काफी किस्म की कद्दू वर्गीय सब्जियों की पौध तैयार की जा चुकी है. इनको खरीदने के लिए पिछले 15 दिनों से केंद्र पर किसानों की लगातार संख्या बढ़ रही है. केंद्र से सब्जी की पौध खरीदने के लिए उत्तराखंड समेत हिमाचल, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से किसान पहुंच रहे हैं.
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वर्तमान में कद्दू वर्गीय सब्जियों की पौध में कद्दू, तोरी, पेठा, लौकी, करेला, खीरा, चचेंडा, खरबूजा, छप्पन कद्दू की पौधें तैयार की गई हैं. किसानों का कहना है कि कृषि विज्ञान केंद्र से खरीदी गई पौध से अच्छा उत्पादन मिलता है, जिससे आय भी अच्छी हो जाती है.
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. अशोक कुमार सिंह ने कहा कि केंद्र प्रतिवर्ष डेढ़ लाख के करीब कद्दू वर्गीय पौधों की बिक्री करते हैं. इस वर्ष डिमांड ज्यादा होने के चलते दो लाख का पौध बिक्री का अनुमान है. केंद्र में कद्दू वर्गीय सब्जियों मे कद्दू, तोरी, पेठा, लौकी, करेला, खीरा, खरबूजा, छप्पन कद्दू, संकर किस्म की प्रति पौध तैयार करने में चार से साढे चार रुपए का खर्च आता है. जो कि ढाई से से तीन महीने में इनकम दुगनी कर देते हैं. प्रति पौधे की कीमत दस रूपये रखी गई है और इससे केंद्र को अच्छी आए हो जाती है. केंद्र में उत्तराखंड के जिले सहित हिमाचल, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से भी किसान पौध खरीदने आते हैं.