देहरादून: सार्वजनिक निवेश बोर्ड (पीआईबी) ने राज्य की जमरानी बांध परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में शामिल करने की मंजूरी दे दी है. बता दें इससे पहले परियोजना को लेकर 10 जून 2022 को भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय की ओर से निवेश की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है. इसके अलावा योजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत वित्त पोषित किए जाने को लेकर 18 अक्टूबर 2022 को जल शक्ति मंत्रालय ने स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में संस्तुति भी दे दी है.
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Uttarakhand | Public Investment Board (PIB) approves state's Jamrani dam project to be included in the Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana.
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— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 25, 2023
जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना की वित्तीय स्वीकृति हेतु प्रस्ताव को पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड एवं आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी की स्वीकृति के लिए भेजा था. जिसे आज स्वीकृति मिल गई है.
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जमरानी बांध का मामला: हल्द्वानी व आसपास के इलाके में पेयजल संकट दूर करने के लिए 1975 से इस बांध की कवायद चल रही है. बिजली उत्पादन के साथ-साथ इसे खेतों को सिंचाई के लिए पानी भी मिलेगा. जमरानी बांध के निर्माण के लिए 400 एकड़ जमीन की जरूरत है. इसमें फॉरेस्ट लैंड के अलावा निजी भूमि भी आ रही है. ग्रामीण विस्थापन के लिए सहमति दे चुके हैं. उनकी मांग किच्छा के प्राग फार्म में बसाने की है. तिलवाड़ी, मुरकुडिया, गंदराद, पनियाबोर, उदुवा और पस्तोला गांव के लोगों का विस्थापन होना है.
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परियोजना का काम शुरू होने से 5 साल के भीतर काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.पर्यटन के क्षेत्र में होगा लाभ जमरानी बांध के निर्माण से उत्तराखंड को करीब 9458 हेक्टेयर और उत्तर प्रदेश को 47607 हेक्टेयर में अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा मिलेगी. इस बांध से 14 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी प्रस्तावित है, जबकि उत्तराखंड को 52 क्यूबिक मीटर पानी भी पेयजल के लिए मिल सकेगा. वहीं, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को 57 और 43 के अनुपात में पानी बंटेगा. उम्मीद है की इस परियोजना से पर्यटन गतिविधियों में भी तेजी आएगी, लेकिन इन सब के बीच देखने वाली बात ये है इतने लंबे इंतजार के बाद जमरानी बांध कागजों से उतरकर जमीन पर कब बनना शुरू होगा.
(इनपुट-एएनआई)