देहरादून/हल्द्वानी/रामनगर: दिल्ली और यूपी के बाद उत्तराखंड में भी नागरिक संशोधन कानून 2019 (सीएए) का विरोध शुरू हो गया है. राजधानी देहरादून समेत प्रदेश कई शहरों में अलग-अलग संगठनों ने सीएए के विरोध में प्रदर्शन किया और जुलूस निकाला.
देहरादून: सीएए के विरोध में सर्वदलीय धरना
सीएए के विरोध में देहरादून में विभिन्न संगठनों के लोग गांधी पार्क में एकत्र हुए. जहां उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों का कहना था कि 1927 में आज ही के दिन भारत के शहीद क्रांतिकारियों अशफाक उल्ला खां, पंडित राम प्रसाद बिस्मिल और ठाकुर रोशन सिंह को एक साथ फांसी की सजा दी गई थी. ये देश उनकी साझी विरासत है. लेकिन केंद्र सरकार ने नागरिक संशोधन कानून लाकर लोकतंत्र की भावना से खिलवाड़ किया है. जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हम इस देश को सांप्रदायिक नहीं होने देगे. प्रदर्शनकारियों ने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा.
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रामनगर में भी लोगों ने किया प्रदर्शन
देहरादून के अलावा रामनगर में भी कुछ संगठनों ने सीएए का विरोध किया. यहां नौजवान- ए-हिंद के बैनर तले सैकड़ों लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते इस कानून की वापस लेने की मांग की. कौमी एकता संघर्ष के अध्यक्ष खुर्शीद आलम ने कहा कि ये कानून संविधान विरोधी है. ये कानून देश को धर्म के आधार पर बांट रहा है. इसलिए वो सीएए का विरोध कर रहे है.
हल्द्वानी में वामपंथी दलों ने खोला मोर्चा
सीएए के विरोध की आग हल्द्वानी तक भी पहुंच गई है. यहां गुरुवार को वामपंथी दल के आह्वान पर कई संगठन बुधपार्क में एकत्र हुए. जहां उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार जब तक नागरिकता संशोधन कानून को वापस नहीं ले लेती तब तक आंदोलन जारी रहेगा.