देहरादून: उत्तराखंड के प्रशिक्षित पीआरडी जवानों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर विधानसभा कूच किया. हालांकि पुलिस ने विधानसभा भवन से पहले रिस्पना पुल के निकट बैरिकेडिंग लगाकर पीआरडी जवानों को रोक दिया. पुलिस द्वारा रोके जाने से नाराज पीआरडी जवान सड़क पर ही धरने पर बैठ गए और अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करने लगे.
दरअसल, उत्तराखंड के प्रशिक्षित पीआरडी जवान सरकार से 365 दिन का रोजगार और राज्य कर्मचारी घोषित करने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं. उनका आरोप है कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है. पीआरडी जवानों का कहना है कि उत्तराखंड के विभिन्न गैर सरकारी कार्यालयों और थाना-चौकियों में कोविड-19 महामारी में शासन प्रशासन के साथ वह कंधे से कंधा मिलाकर ड्यूटी देते आ रहे हैं.
उन्होंने कोरोना काल में अपने परिवार की परवाह ना करते हुए आगे बढ़कर अपनी सेवाएं दी हैं. उसके बावजूद पीआरडी जवानों को साल भर में दो या तीन महीने की ड्यूटी ही दी जाती है, जिससे पीआरडी जवानों में व्याप्त आक्रोश है. सीमित ड्यूटी दिए जाने के कारण उनको अपने परिवार व अपने बच्चों का लालन-पालन करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
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प्रांतीय रक्षक दल उत्तरकाशी के जिलाध्यक्ष किशन रावत ने इसे पीआरडी जवानों के साथ घोर अन्याय बताया है. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि मार्च 2021 तक के सभी प्रशिक्षित पीआरडी जवानों को 365 दिन का रोजगार और उन्हें राज्य कर्मचारी घोषित किया जाए. इसके साथ ही युवा कल्याण विभाग से पीआरडी विभाग को अलग किया जाए.