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एनसएसयूआई कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन, उच्च शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग

प्रदेश की महाविद्यालयों में शिक्षकों की मांग को लेकर एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन कर सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया है. आंदोलनकारियों ने उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के इस्तीफे की भी मांग की. साथ ही सरकार को मांगें जल्द से जल्द पूरी करने को भी कहा.

एनसएसयूआई कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन
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Published : Aug 17, 2019, 7:41 PM IST

देहरादून: महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति सहित चार सूत्रीय मांगों को लेकर एनएसयूआई के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने कॉलेज में धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान आंदोलनकारियों ने उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के इस्तीफे की भी मांग की. साथ ही प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए जल्द से जल्द मांगें पूरी करने को भी कहा.

आंदोलनकारियों का कहना है कि बीते 13 जुलाई को एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने शिक्षा मंत्री से मुलाकात की थी. उस समय शिक्षा मंत्री ने उन्हें 1 अगस्त तक प्रदेश के सभी महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति की बात कही थी, लेकिन अभी तक इसपर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

पढ़ें- पेयजल समस्या से जूझ रहे कई गांव, योजना में गड़बड़ी का आरोप

वहीं, एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी ने बताया कि उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी पूरी करने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि इस विषय में अभी तक कोई कदम नहीं उठाए जाने से छात्र-छात्राओं में नाराजगी है.

एनसएसयूआई कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन.

ये है एनएसयूआई की चार सूत्रीय मांगें-

  • सभी राजकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी को पूरा करना.
  • जनपदों में उच्च शिक्षा संस्थानों में कोर्सेज बढ़ाना और व्यवसायिक पाठ्यक्रमों को महाविद्यालय से जोड़ना.
  • महाविद्यालयों में पुस्तकालय और लैब उपलब्ध कराना.
  • 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम की एनओसी पर सरकार द्वारा लगाई गई रोक तत्काल समाप्त की जाए.

देहरादून: महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति सहित चार सूत्रीय मांगों को लेकर एनएसयूआई के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने कॉलेज में धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान आंदोलनकारियों ने उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के इस्तीफे की भी मांग की. साथ ही प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए जल्द से जल्द मांगें पूरी करने को भी कहा.

आंदोलनकारियों का कहना है कि बीते 13 जुलाई को एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने शिक्षा मंत्री से मुलाकात की थी. उस समय शिक्षा मंत्री ने उन्हें 1 अगस्त तक प्रदेश के सभी महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति की बात कही थी, लेकिन अभी तक इसपर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

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वहीं, एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी ने बताया कि उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी पूरी करने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि इस विषय में अभी तक कोई कदम नहीं उठाए जाने से छात्र-छात्राओं में नाराजगी है.

एनसएसयूआई कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन.

ये है एनएसयूआई की चार सूत्रीय मांगें-

  • सभी राजकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी को पूरा करना.
  • जनपदों में उच्च शिक्षा संस्थानों में कोर्सेज बढ़ाना और व्यवसायिक पाठ्यक्रमों को महाविद्यालय से जोड़ना.
  • महाविद्यालयों में पुस्तकालय और लैब उपलब्ध कराना.
  • 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम की एनओसी पर सरकार द्वारा लगाई गई रोक तत्काल समाप्त की जाए.
Intro:महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति की मांग को लेकर एनएसयूआई के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने पीबीपीजी कॉलेज में धरना दिया और उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के इस्तीफे की मांग की इस दौरान एनएचआई कार्यकर्ताओं ने कहा कि बीती 13 जुलाई को एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने शिक्षा मंत्री से मुलाकात की थी तब उन्होंने आश्वासन दिया था कि 1 अगस्त तक प्रदेश के सभी महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति कर दी जाएगी लेकिन इस विषय में कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हुईBody:एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी ने बताया कि जिस प्रकार से बीते 13 जुलाई को एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने उच्च शिक्षा मंत्री के आवास पर उनसे मुलाकात की थी मुलाकात के दौरान एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने शिक्षकों की भारी कमी का मुद्दा उठाया उच्च शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया था कि 1 अगस्त तक महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी पूरी कर ली जाएगी लेकिन इस विषय पर अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया जिसको लेकर छात्र-छात्राओं में भारी नाराजगी है इसके विरोध स्वरूप शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए आज धरना दिया है ।
बाइट -मोहन भंडारी ,प्रदेश अध्यक्ष, एनएसयूआईConclusion:एनएसयूआई की चार सूत्रीय मांगे इस प्रकार है सभी राजकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी के कारण लगातार छात्र-छात्राएं आंदोलनरत हैं शिक्षकों की कमी राजकीय महाविद्यालय के लिए एक व्यापक समस्या है इस ओर सरकार तत्काल उचित कदम उठाए ।

आदित्य जनपदों में उच्च शिक्षा संस्थानों में कोर्सेज की कमी बनी हुई है जिस कारण छात्र-छात्राओं को विषय पढ़ने के लिए अन्यत्र जाना पड़ता है इसलिए उच्च शिक्षा मंत्री से निवेदन है कि हर जनपद के महाविद्यालयों में कोर्सो की स्वीकृति प्रदान की जाए और व्यवसायिक पाठ्यक्रमों को महाविद्यालय से जोड़ा जाए।

कई महाविद्यालयों में प्रयोगशाला और पुस्तकालय के बिना ही छात्र पढ़ रहे हैं और जिन महाविद्यालयों में यह सुविधाएं हैं उनकी स्थिति बेहद खराब है जिसको लेकर छात्र-छात्राओं ने आंदोलन भी किए इस विषय पर तत्काल प्रभावी कार्रवाई करते हुए उचित कदम उठाया जाए।

4 वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम की एनओसी पर सरकार द्वारा लगाई गई रोक तत्काल समाप्त की जाए
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